दिल्ली हिंसा पर सियासत गर्म, एक्शन में सरकार

  • सपा प्रमुख अखिलेश ने भाजपा को बताया कसूरवार मायावती बोलीं, हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण
  • कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग, गृह मंत्रालय बड़ी कार्रवाई की तैयारी में
  • पुलिस ने दर्ज की कई किसान नेताओं पर एफआईआर, 200 हिरासत में, तीन सौ से अधिक पुलिसकर्मी घायल
  • अर्द्ध सैनिक बल को भी किया गया तैनात, गणतंत्र दिवस पर टै्रक्टर रैली निकाल रहे प्रदर्शनकारियों ने जमकर की थी हिंसा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की टै्रक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर अब सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। बसपा प्रमुख मायावती ने जहां हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार माना है। वहीं दिल्ली हिंसा के बाद केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई है। दिल्ली पुलिस ने कई किसानों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। दो सौ लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में गृहमंत्रालय बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है। कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर टै्रक्टर रैली निकाल रहे किसान बेकाबू हो गए थे। वे तय रूट छोड़कर दिल्ली के मध्य तक घुस आए और जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस पर पथराव, तलवार और लाठियों से हमला किया गया। टै्रक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई। लाल किले पर धावा बोलकर उपद्रवियों ने वहां एक धर्म का झंडा लगा दिया। हमले में तीन सौ से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए है। इनमें 26 की हालत गंभीर है। पुलिस ने अभी तक 22 एफआईआर दर्ज की है। बलजीत सिंह रजवाल, दर्शनपाल, योगेंद्र यादव और गौतमसिंह समेत कई किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
लाल किला पहुंचे केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने आज सुबह लाल किला पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने हिंसा के दौरा लाल किले पर एक धर्म का झंडा लगा दिया था। इसके साथ लाल किला परिसर के अंदर घुसकर तोड़फोड़ की थी।
मेट्रो बंद, जाम में फंसे वाहन
नोएडा-दिल्ली बार्डर की सड़कों पर आज भी जाम रहा। नोएडा से दिल्ली जा रहे वाहन चालक डीएनडी व कालिंदी कुंज के पास जाम में फंसे। सबसे अधिक जाम सेक्टर-16 फिल्म सिटी फ्लाईओवर से डीएनडी टोल प्लाजा तक जाम रहा। करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम रहा। गाजीपुर मंडी, नेशनल हाइवे-9 और नेशनल हाइवे-24 को बंद कर दिया है। मेट्रो को बंद कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली हिंसा मामला
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ओर से निकाले गए ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी ने लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा झंडा फहराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसके अलावा वकील विनीत जिंदल ने भी याचिका दाखिल की है। याचिका में पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की। याचिका में कहा गया कि लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा दूसरा झंडा लगाना राष्ट्रीय झंडे का अपमान है। दूसरा झंडा फहराने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। साथ ही हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पल्ला झाड़ रहे किसान नेता
दिल्ली हिंसा से अब किसान नेता पल्ला झाड़ रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति के जनरल सचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दीप सिद्धू की फोटो पीएम के साथ भी आ रही है। हमें इन पर शक है। जिन लोगों ने ऐसा किया उन्हें चिंहित किया जाएगा। ये सब किसान मजदूर को बदनाम करने के लिए किया गया है। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश चल रही थी। यह कामयाब हो गई। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे लोग तोड़फोड़ नहीं करते। ये उपद्रव किसने किया इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं उन्होंने लाठी डंडे वाले बयान पर कहा कि हम झंडा लेकर गए लाठी लेकर नहीं।

झंडा फहराने वाला दीप निकला भाजपा सांसद सनी देओल का करीबी

  • पीएम और गृह मंत्री के साथ फोटो वायरल होने से मचा हड़कंप
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लोगों को भड़काने और लाल किले पर झंडा फहराने वाला दीप सिद्धू भाजपा सांसद सनी देओल का करीब बताया जा रहा है। वहीं दीप सिद्धू की पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ फोटो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। एक्टर और कथित सोशल एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर एक धर्म का झंडा फहराया था। किसान नेता उस पर किसानों को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं। पंजाबी अभिनेता को भाजपा सांसद सनी देओल का करीब बताया जा रहा है। हालांकि सनी देओल ने ट्वीट कर इससे इंकार किया है। वहीं खुद दीप सिद्धू ने भी सोशल मीडिया के जरिए सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं अकेला लाखों लोगों को कैसे भड़का सकता हूं। इस मामले पर किसान नेता और विपक्ष सरकार को घेर रहा है।
भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है। अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है। भाजपा अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद्द करे।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। केन्द्र सरकार को इसे अति-गंभीरता से जरूर लेना चाहिए। साथ ही कृषि कानूनों को वापस लेकर किसानों के चल रहे आन्दोलन को खत्म करे।
मायावती, बसपा प्रमुख
हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानून वापस ले सरकार।
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
उकसाने का काम तो किसान संगठन के नेताओं ने किया। अब जब ये घटना घट गई तब वे ज्ञान दे रहे हैं। यह गणतंत्र दिवस के दिन भारत पर हमला था? इन्होंने लाल किले को अपवित्र किया है। इस सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
शाहनवाज हुसैन, भाजपा नेता

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