निकाले गए मंत्रियों के जख्म कुरदने में लगी कांग्रेस
नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल में पहले विस्तार के साथ ही राजनीतिक बिसात पर घमासान तेज हो गई। एक ओर जहां मोदी ने नए चेहरों को अपने कैबिनेट में जगह दी है तो वहीं कुछ पुराने दिग्गज चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। अब विपक्ष इसी मसले पर मोदी को घेरने के साथ ही हटाए गए दिग्गजों के जख्मों को कुरदने में जुट गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट में बड़ा फेरबदल और विस्तार किया। उन्होंने मंत्रिपरिषद में 36 नए चेहरों को जगह दी और सात मंत्रियों को पदोन्नत किया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत कुल 12 मंत्रियों को छुट्टी दे दी गई।
हर्षवर्धन के इस्तीफे के बाद विपक्षी दल सख्त हो रहे हैं। आज फेरबदल को लेकर इशारों-इशारों में राहुल गांधी ने ट्वीट किया, क्या इसका मतलब यह है कि अब टीकों की और कमी नहीं होगी? बता दें कि कर्नाटक, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि नए स्वास्थ्य मंत्री का पहला काम देश में टीकों की उचित और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना होना चाहिए।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री खुद इस महामारी के अध्यक्ष हैं, जिसका प्रबंधन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जरिए किया जा रहा है। क्या वे भी अपने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार की जिम्मेदारी लेंगे? क्या आप इस्तीफा देंगे? या अकेले स्वास्थ्य मंत्री को बलि का बकरा बनाया जाएगा?
उन्होंने कहा कि गलती इंजन में है और कोच को बदला जा रहा है! ये है गरीब मोदी कैबिनेट के विस्तार का सच!
मनसुख मंडाविया को हर्षवर्धन की जगह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। गुजरात के सौराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले भाजपा नेता मंडाविया ने आज पदभार ग्रहण किया।
दरअसल पहले विस्तार के साथ ही कांग्रेस मोदी पर हमलावर हो अपनी बढ़त बनाने की जुगत में है और उसके लिए उसने मौजूदा दौर के अहम मंत्रालय हेल्थ को लेकर निशाना साधा है।