परिवारों पर दुुखों का पहाड़ टूटा, नेता सियासत में जुटे

देवरिया सामूहिक हत्याकांड: आपस में भिड़े भाजपा विधायक शलभमणि और शिवपाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गोरखपुर। देवरिया जिले में रुद्रपुर के फतेहपुर के लेड़हा टोला में दो अक्टूबर को हुए सामूहिक हत्याकांड को लेकर शहर के देवरिया-सलेमपुर मार्ग पर सोंदा स्थित अक्षय वाटिका में रविवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में सदर विधायक डॉ. शलभमणि ने कहा कि दुबे परिवार के लोगों की नृशंस हत्या हुई है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि इस प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी का गुंडाराज देखा है, इस वजह से सदा-सदा के लिए सत्ता से बाहर कर दिया है।बता दें कि देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में बीते सोमवार को सुबह छह बजे जमीन के विवाद में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य की धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई। इससे गुस्साएं पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पक्ष के लोग दूसरे पक्ष के घर में घुसकर पति, पत्नी और उसके तीन संतानों को गोली मारकर और धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या कर दी, जबकि एक बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया है।

 

 

पूरा विवाद ही 2014 से था : शलभमणि

इस पर द शलभमणि ने जवाब दिया कि शिवपाल जी, आपकी सरकार का आतंक लोग भूले नहीं, ये पूरा विवाद ही 2014 से है, जब आप सत्ता के मद में अन्याय करा रहे थे। जवाहरबाग से लेकर देवरिया तक जमीनें कब्जा करवा रहे थे। आज भी सपा भले विपक्ष में है, पर अराजकता ही इसकी पहचान है, योगी जी की सरकार है, इसीलिए न्याय की उम्मीद है। बाकी फिर कहता हूं, एक हजार मुकदमे करा लीजिए, या धमकियां दिलवा लीजिए, न डरा हूं, न डरूंगा, गुंडों को गुंडा कहूंगा, भू माफियाको भूमाफिया।

सियासी रोटी सेंकना बंद करें : शिवपाल

शलभमणि के बयान का पलटवार करते हुए शिवपाल यादव ने कहा ट्विटर यानि एक्स पर पोस्ट किया कि विधायक जी, सपा तो विपक्ष में है। आप सियासी रोटी सेंकना बंद कर प्रशासन की जवाबदेही व जिम्मेदारी तय करा लें और अगर पीडि़तों को निष्पक्ष न्याय दिलाने की आप में हैसियत हो तो न्याय जरूर दिला दें।

जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने की जरूरत: खरगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पांच राज्यों के आगामी विधानसभाओं के मद्देनजर कांग्रेस कार्य समिति की आज अहम बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में मिजोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, कई अहम मुद्दों को लेकर भी चर्चा होने के आसार हैं। इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कर रहे हैं।
कांग्रेस कार्य समिति की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। इस बैठक में देश के जाति जनगणना, राजनीतिक हालात, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। मालूम हो कि कांग्रेस कार्य समिति की यह बैठक मुख्यालय में हो रहा है।

रॉकेट हमले मेें एक भारतीय महिला की मौत, दूसरी गंभीर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
तेल अवीव। इजरायल पर हमास के आतंकी हमले में एक भारतीय महिला की मौत हो जबकि दूसरी महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी है।
बता दें, केरल के इडुक्की जिले की रहने वाली सौम्या संतोष इजरायल के अशकेलॉन तटीय शहर के एक घर में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी। केरल में सौम्या के परिवार ने बताया, जब हमला हुआ उस समय वह अपने पति संतोष से वीडियो कॉल के जरिए बात कर रही थी।
जबकि रॉकेट हमले में घायल हुई महिला शीजा आनंद का इजरायल के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। इजरायल पर हमास के हमले के बाद शीजा आनंद ने केरल में रह रहे अपने परिवार से बात कर अपने सुरक्षित होने की जानकारी दी थी लेकिन बातचीत के दौरान ही उसका फोन कट गया। बाद में इजरायल में ही रहने वाले केरल के एक निवासी ने शीजा के परिवार के बताया कि हमले में शीजा घायल हो गई है और उसका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। महिला की एक सर्जरी हो चुकी है और दूसरी सर्जरी जल्द होनी है। शीजा आनंद बीते आठ सालों से इजरायल में रहकर एक परिवार की देखभाल का काम कर रही है। हमास के हमले में नेपाल के 10 नागरिकों की भी मौत हुई है। वहीं चार अन्य नेपाली नागरिक घायल हुए हैं और एक लापता है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय ने बयान में बताया कि इस्राइल के किबूज एलुमिम के एक कृषि फार्म में 17 नेपाली नागरिक काम कर रहे थे। हमास के हमले में इनमें से 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गई है। वहीं दो सुरक्षित बच गए। चार अन्य नेपाली नागरिक घायल हुए हैं और एक लापता है। येरूशलम स्थित नेपाली दूतावास ने भी हमास के हमले में 10 नेपाली नागरिकों के मारे जाने की बात कही है।

धरना
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना को लागू किए जाने की मांग को लेकर निशातगंज स्थित शिक्षा निदेशालय पर किया ज़ोरदार प्रदर्शन।

लद्धाख: इंडिया गठबंधन ने भाजपा को दी पटखनी

नेकां सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर, आप का नहीं खुला खाता, नेकां-कांग्रेस का कारगिल मेें दबदबा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हुए लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (कारगिल) के चुनाव में इंडिया गठबंधन ने जलवा बिखेरा। 26 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस व नेकां ने एक तिहाई से अधिक सीटों पर कब्जा जमा लिया। भाजपा को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा। उसके 17 में से दो प्रत्याशी ही जीत सके यानी साढ़े आठ फीसदी प्रत्याशी जीते।
विपक्ष ने कहा कि जनता ने भाजपा को नकार दिया है। यह अनुच्छेद 370 को हटाने तथा राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने के फैसले के खिलाफ जनमत है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, 2019 के बाद हुए पहली चुनाव में भाजपा की हार ने विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ मंच प्रदान कर दिया है। उन्हें अब भाजपा के खिलाफ अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने के खिलाफ मुखर होने का मौका मिल गया है। साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों पर भी हमला करने का अवसर मिल गया है। उनका कहना है कि कश्मीर आधारित पार्टियां नेकां व पीडीपी तथा कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से जम्मू में 10 अक्तूबर को भाजपा के खिलाफ आयोजित धरना-प्रदर्शन को भी बल मिलेगा।

धर्मनिरपेक्ष पार्टियों की जीत से खुशी : महबूबा

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी कारगिल चुनाव पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को कारगिल में अपनी जीत दर्ज करते देखकर खुशी हो रही है। 2019 के बाद यह पहला चुनाव है और लद्दाख के लोगों ने खुलकर अपना मत जाहिर किया है।

चेतावनी के रुप में ले बीजेपी : उमर अब्दुल्ला

नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा को कारगिल चुनाव में करारी हार मिली है। इसे भगवा पार्टी को चेतावनी की घंटी के रूप में लेना चाहिए। कारगिल में चुनाव परिणाम ने क्षेत्र के लोगों से परामर्श किए बिना पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के विभाजन के खिलाफ एक संदेश भेजा है। यह परिणाम उन सभी ताकतों और पार्टियों को एक संदेश भेजता है, जिन्होंने अलोकतांत्रिक और असांविधानिक तरीके से जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को वहां के लोगों की सहमति के बिना विभाजित किया है। अब राजभवन और अनिर्वाचित प्रतिनिधियों के पीछे छिपना बंद करने और जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के लिए लोगों की सही इच्छा को स्वीकार करने का समय है। लोकतंत्र की मांग है कि लोगों की आवाज सुनी जाए और उनका सम्मान किया जाए।

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