पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के तेवर सख्त, अब तक 44 जिलाबदर

  • शातिर अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई से हड़कंप
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कार्यभार संभालने के बाद अब तक 44 बदमाशों पर कड़ी कार्यवाही की है। डीके ठाकुर ने ऐसे 44 शातिर बदमाशों को जिलाबदर कर दिया है। पुलिस कमिश्नर की यह कार्रवाई 18 नवंबर से 04 फरवरी के बीच की है। इस कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है।
कमिश्नरेट पुलिस के अनुसार जिलाबदर किए गए अपराधियों में तालाब गगनी शुक्ल मछली मोहाल थाना कैसरबाग का इरफान (32), नारायण पुर हरौनी थाना बंथरा का रहने वाला पिन्टू उर्फ अखिलेश सिंह (28), हंसखेड़ा थाना पारा का रहने वाला आनंद पाण्डेय (24), रामनगर कॉलोनी थाना सरोजनीनगर का रहने वाला अखिलेश कश्यप (27), बाबूखेड़ा कोठी कल्ली पश्चिम थाना पीजीआई निवासी अमित (27), मुकेश(28) और अजय उर्फ नेता (20), 163/298 चिकमंडी मौलवीगंज थाना अमीनाबाद का रहने वाला अबु हुरैरा उर्फ बब्लू (31),शिवनगर खदरा थाना हसनगंज का जुनैर (26), 235 दुर्गा देवी भवन रहीम नगर थाना महानगर का राहुल दीक्षित उर्फ बब्लू (32), 432/34 तकिया मुंशीगंज थाना हसनगंज का आमिर (24), दौलतगंज थाना ठाकुरगंज का गौरव गुप्ता उर्फ चिरईया (25), ग्राम माडर मऊ कला थाना सुशान्त गोल्फ सिटी का अंकित रावत (26), 7/11 सेक्टर 5 ई वृन्दावन योजना थाना पीजीआई का साहिल उर्फ राजा (25), न्यू हैदरगंज कैम्पवेल रोड का मो0 तारिक (19), 84/259 मकबूलगंज थाना कैसरबाग का नियाज (20), हुसैनाबाद चौकी के निकट इकलाख (18), रामगंज हुसैनाबाद थाना ठाकुरगंज का इमरान (29), हुसैनाबाद चौकी थाना का मुख्तार उर्फ कल्लू (35), 565/44 पूरन नगर थाना कृष्णानगर का अर्जुन सोनी (26), ग्राम जिया मऊ थाना गौतमपल्ली का मोहन यादव (26), रजौली थाना गुडम्बा का भूषण उर्फ रमाकान्त (24), जवाहर सिंह का पुरवा थाना नगराम का विवेक सिंह (30) रोहित (22) और राहुल रावत (25),163 चिक मण्डी मौलवीगंज थाना अमीनाबाद मो. अनस (22), राजीव गांधीनगर थाना कैण्ट का टून्नू उर्फ हारून (32), गुडम्बा का प्रेम कुमार मिश्रा (23), उजरियां विजयखण्ड-2 गोमतीनगर थाना गोमतीनगर का इमरान हुसैन उर्फ सानू उर्फ टेनी (23), सेक्टर सी सबौली थाना विकासनगर का अकील (29), पारा का कैलाश उर्फ कौशल पाल (28), बी ब्लॉक 1821 राजाजीपुरम थाना तालकटोरा का मो. समीर (22), नीलमथा थाना कैंट का विशाल (26), पहाड़पुर थाना गुडम्बा का सूरज यादव उर्फ बऊवा (21), डूडा कॉलोनी राधाग्राम थाना ठाकुरगंज शाहरूख उर्फ छूरी (22), नाका हिन्डोला का ओसामा (20), श्रम विहार करहेटा थाना बाजारखाला का दिलीप वर्मा उर्फ थड़वे (22) सहित थाना गोमतीनगर मो. इकरार उर्फ इकरार हुसैन (20) शामिल हैं।

सत्र से पहले विधायकों का कोरोना टेस्ट, निगेटिव होने पर ही विधानसभा में प्रवेश
  • 18 फरवरी से बजट सत्र
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के 18 फरवरी से होने वाले बजट सत्र से पहले सभी पार्टी के विधायकों को अपना कोरोना टेस्ट कराना होगा। विधानसभा सचिवालय ने इस प्रक्रिया को बेहद अनिवार्य बना दिया है। विधायक तथा विधान परिषद सदस्यों को कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट दिखाने के बाद ही उनको विधान भवन में प्रवेश दिया जाएगा। 18 फरवरी से यूपी विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। 19 फरवरी को सदन में सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी। कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद भी यूपी सरकार इसको लेकर बेहद गंभीर है। सरकार ने यूपी विधान परिषद और विधानसभा के सभी सदस्यों की कोरोना जांच को लेकर निर्देश जारी हैं। बजट सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा के प्रमुख सचिव ने पत्र जारी किया है। इस पत्र में कहा गया कि विधानमंडल दल सदस्य 14 से 17 फरवरी के बीच अपने जिले में भी कोरोना की जांच करा सकेंगे। जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर विधायक जांच करा सकेंगे। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में विधानमंडल दल सदस्यों को जांच की सुविधा मिलेगी और उन्हेंं यह जांच बजट सत्र शुरू होने से पहले करानी होगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि विधानमंडल दल सदस्य 14 से 17 फरवरी के बीच अपने जिले में भी कोरोना की जांच करा सकेंगे। विधान परिषद या विधान सभा सदस्य अगर लखनऊ में निवास कर रहे हैं तो 14 से 17 फरवरी के बीच उनके आवास पर जांच की सुविधा मिलेगी।

बच्चे की गंभीर बीमारी पर हो सकता है तबादला

  • हाईकोर्ट ने कहा- बीमारी अध्यापिका के अंतर जिला तबादले का वैध आधार
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। बच्चे की गंभीर बीमारी के बाद भी उससे दूर रहने पर मजबूर अध्यापिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 27 फरवरी 2020 का अंतर जिला स्थानांतरण का आदेश रद कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने प्रयागराज की अध्यापिका सईदा रुखसार मरियम रिजवी की याचिका पर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चे की बीमारी अध्यापिका के अंतर जिला तबादले का वैध आधार है। इससे पहले सिर्फ पति और पत्नी की बीमारी के आधार पर ही तबादले की मांग की जा सकती थी। कोर्ट ने कहा कि बच्चे की बीमारी एक संवेदनशील मामला है। इस पर विचार न करके तबादला देने से इनकार करना अनुचित है। कोर्ट ने अंतर जिला स्थानांतरण से इन्कार करने का 27 फरवरी 2020 का आदेश रद कर दिया है। याची के अधिवक्ता नवीन शर्मा का कहना था कि याची का साढ़े पांच वर्ष का बेटा अस्थमा से पीड़ित है। उसकी गंभीर बीमारी 80 प्रतिशत तक है। पति लखनऊ में बिजली विभाग में इंजीनियर हैं। याची ने बेटे की बीमारी का हवाला देकर अंतर जिला तबादले की मांग की थी। इसके बाद भी आवेदन को बिना कोई कारण बताए निरस्त कर दिया गया। अधिवक्ता का कहना था कि स्थानांतरण संबंधी प्रत्यावेदन रद करते समय सेवा नियमावली और दिसंबर 2019 के शासनादेश का ध्यान नहीं रखा गया।
नियमावली में है महिला के हितों की रक्षा करना
कोर्ट का कहना था अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 8(2)(डी) का उद्ïदेश्य महिला के हितों की रक्षा करना है। इसलिए उसे उस स्थान पर नियुक्ति दी जानी चाहिए, जहां उसका पति कार्यरत है। सेवा नियमावली में बच्चे की बीमारी का कोई जिक्र नहीं है। यह अक्षम व्यक्तियों का अधिकार अधिनियम 2016 में दिया गया है। कोर्ट ने अंतर जिला स्थानांतरण से इनकार करने के 27 फरवरी 2020 के आदेश को रद करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को एक माह के भीतर याची के स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।

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