पूर्व सांसद धनंजय सिंह को कोर्ट ने दी जमानत

बरकरार रहेगी सात साल की सजा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है। हालांकि हाईकोर्ट ने सात साल की सजा को बरकरार रखा है। वो अभी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दे दी।
उन्हें जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपहरण और जबरन वसूली मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। सजा को रद्द करने की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दी है। आपको बता दें कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कराने, रंगदारी मांगने, गालियां और धमकी देने के आरोपी जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चली सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई थी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शनिवार को अदालत ने फैसला सुनाया। आज ही उन्हें बरेली जेल में शिफ्ट किया गया है।

सजा के निलंबन के लिए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कराने, रंगदारी मांगने, गालियां और धमकी देने के आरोपी जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत मंजूर कर ली है, लेकिन उनको ट्रायल में कोर्ट से मिली सात साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इससे पूर्व सांसद के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि उनकी पत्नी को बसपा ने जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सांसद धनंजय के अधिवक्ता कार्तिकेय सरन ने बताया कि जमानत के बावजूद धनंजय चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। क्योंकि हाईकोर्ट ने जमानत तो दी है लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई है। संभव है कि विशेष अदालत से मिली सजा के निलंबन को लेकर धनंजय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

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