योगी राज में फर्जीवाड़ा : बेटी नहीं थी फिर भी भेज दिया शादी अनुदान

  •  समाज कल्याण विभाग का कारनामा

लखनऊ। जीवित पतियों को मृत दिखाकर राष्टï्रीय पारिवारिक लाभ योजना में घपले के बाद समाज कल्याण विभाग में एक और घपला शादी अनुदान योजना में सामने आया है। इस योजना के तहत ऐसे पिता के खाते में राशि भेज दी गई, जिसकी बेटी ही नहीं है। कानपुर नगर में कराई गई नमूना जांच में इस योजना के 92 फीसदी लाभार्थी फर्जी मिले हैं। प्रदेश सरकार गरीब कन्याओं की शादी के लिए 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देती है। इस योजना में अभिभावकों के खातों में राशि भेजे जाने का प्रावधान है। एक गोपनीय आदेश के तहत कानपुर नगर के एक शहरी और एक ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2019-20 और 2020-21 के शत-प्रतिशत लाभार्थियों की जांच कराई गई। शहरी क्षेत्र में बाबू पुरवा वार्ड और ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक कल्याणपुर नमूना जांच के लिए चुना गया। इन दोनों क्षेत्रों में दो वर्षों में 13 परिवारों को इस योजना का लाभ दिया गया। इनमें से 12 यानी करीब 92 फीसदी लाभार्थी अपात्र मिले। मकसूदाबाद के लाभार्थी भगवानदीन की कोई पुत्री ही नहीं है। इतना ही नहीं वे एससी हैं, पर आवेदन सामान्य वर्ग में कराया गया। जबकि, दोनों वर्गों के लिए अलग-अलग मद से इस योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। इसी तरह ग्राम बगदोधी बांगर के शिवेंद्र सिंह व कपिल मिश्रा, ग्राम ईश्वरीगंज के सतीश कुमार गौड़, कुसुम सिंह, पूजा झा व ऊषा देवी, ग्राम हृदयपुर की संगीता और ग्राम दूल के विवेक कुमार के खातों में भी राशि भेजी गई। इन गांवों के प्रधानों ने जांच के दौरान लिखकर दिया कि रिकॉर्ड में दिखाए गए ये लाभार्थी उनके गांव के निवासी नहीं हैं। बाबू पुरवा वार्ड की दिखाई र्गईं लाभार्थी शांति देवी नाम की कोई महिला ही नहीं रहती है। इसी वार्ड की बगाही भट्टी की राजकुमारी और किदवई नगर की नमिता पांडे के आवेदन पत्र में जिन पुत्रियों के नाम दिए गए थे, उस नाम की उनकी पुत्रियां ही नहीं हैं।

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