लॉकडाउन में बढ़ी बालकनी की अहमियत

गर हम बालकनी के इतिहास की बात करें तो 400 बीसी तक ग्रीस में बालकनी बननी शुरू हो गई थी। मकसद था घर में हवा और प्राकृतिक रोशनी बढ़ाना। इसके बाद प्राचीन इजिप्ट में ‘पैलेस बालकनी’ बनना शुरू हुईं। इनका डिजाइन ‘थिएट्रिकल सेटिंग’ जैसा होता था, जहां खड़े होकर लीडर्स किसी खास विषय के बारे में लोगों को संबोधित करते थे। लॉकडाउन के चलते एक बार फिर उन घरों में बालकनी का महत्व बढ़ा है जो ग्राउंड फ्लोर पर न होकर अपार्टमेंट के फ्लैट में रहते हैं। ये लोग बालकनी को अलग-अलग तरह से मोडिफाई कराने पर विचार कर रहे हैं। आइए जानते है… अलग-अलग तरह की बालकनी को मेंटेन करने का तरीका।

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