शिक्षक-स्नातक विधान परिषद चुनाव जीत की जुगत में भाजपा, झोंकी पूरी ताकत
पोलिंग बूथों पर जारी है मतदाता सम्मेलन
रणनीति को जमीन पर उतारने में जुटे पदाधिकारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधान सभा उपचुनावों में जीत हासिल करने के बाद भाजपा ने अब विधान परिषद चुनावों में ताकत झोंक दी है। शिक्षक-स्नातक विधान परिषद चुनाव जीतने के लिए संगठन के पदाधिकारी पूरी रणनीति को जमीन पर उतारने में जुट गए हैं। मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए संगठन ने पोलिंग बूथों में मतदाता सम्मेलन शुरू किया है।
उत्तर प्रदेश में शिक्षक-स्नातक कोटा का विधान परिषद चुनाव एक दिसंबर को होने जा रहा है। इस चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल मैदान में हैं और जोर आजमाइश में जुटे हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा अभी तक सीधे तौर पर इन चुनावों में नहीं उतरती थी, लेकिन इस बार भाजपा ने मैदान में विरोधियों को टक्कर देने की ठान ली है। पार्टी ने इस बार नौ प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। चुनाव 11 सीटों के लिए होगा, इसमें वाराणसी और गोरखपुर में भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है। भाजपा ने चुनाव मैदान में पूरी ताकत भी झोंक रखी है। रणनीतिक फैसले लेते हुए पार्टी ने 23 से 25 सितंबर तक मतदाता संपर्क अभियान चलाया। वहीं 28 नवंबर तक पोलिंग बूथों पर मतदाता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यूपी भाजपा महामंत्री अमरपाल मौर्य का कहना हैं कि पार्टी की रणनीतिक तैयारी और कार्यकर्ताओं की मेहनत से हम सभी सीटों पर जीतेंगे। मतदाताओं को जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है और हम इस जिम्मेदारी को निभाने में सफल हैं। बताते चलें कि अभी तक विधान परिषद में शिक्षकों का एक गुट शर्मागुट का वर्चस्व था। भाजपा को उम्मीद है कि इस बार यह वर्चस्व वो तोडऩे में सफल रहेगी।
ये है समीकरण
उत्तर प्रदेश की कुल 100 विधान परिषद सीटें हैं। इनमें से भाजपा के पास महज 21 सदस्य हैं जबकि सपा के पास 55 सदस्य हैं और बसपा के पास 8 विधान परिषद सदस्य हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पास दो सदस्य हैं, जिनमें से एक सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इनके अलावा 5 सदस्य स्नातकों के द्वारा चुने जाते हैं और 6 सदस्य शिक्षक संघ के द्वारा चुनकर आते हैं। इन सदस्यों के क्षेत्र कई जिले और कई मंडलों को मिलकर होते हैं।
इन्होंने संभाल रखी है कमान
उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल और चुनाव में लगाए गए पार्टी पदाधिकारी लगातार अलग-अलग शिक्षक और स्नातक खंडों में सक्रिय हैं।