जम्मू-कश्मीर: फिर उठा राज्य दर्जा बहाली का मुद्दा

बजट सत्र में विपक्ष ने उठार्ई मांग कांग्रेस ने सदन की समिति बनाने का दिया सुझाव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के बजट सत्र में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दूसरे दिन विधायकों ने सिंधु जल संधि, सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरना, आरक्षण नीति को युक्तिसंगत बनाने और विद्युत परियोजनाओं की वापसी से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कही।
कांग्रेस विधायक ने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को मजबूत करने के लिए सदन के सदस्यों की समिति बनाने की मांग की। भाजपा ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए बदलाव के साथ-साथ बजट तैयार करने से पहले सभी हितधारकों व विधायकों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक को सराहा। नेकां विधायकों ने राज्य के दर्जा की बहाली और सिंधु जल संधि से प्रदेश की बिजली उत्पादन की क्षमता पर पड़ रहा असर पर अपनी बात कही।

बहाली के लिए बने सदन के सदस्यों की समिति

कांग्रेस नेता निजामुद्दीन भट्ट ने कहा कि, हमें राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए मजबूत पहल करनी होगी। एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल या सदन का एक पैनल नामित करना होगा जो केंद्र सरकार के समक्ष मामला पेश करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के लिए यह संवैधानिक रूप से अनिवार्य है कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करे और संसद में किए गए अपने वादों का सम्मान करे।

सिंधु जल संधि से बिजली उत्पादन की क्षमता पर पड़ रहा असर

नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉ. बशीर अहमद वीरी ने उमर अब्दुल्ला सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ की क्षेत्रों की जरूरतों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए समाज के सभी वर्गों के साथ बैठकें हुई। वीरी ने सिंधु जल संधि के जम्मू-कश्मीर को बिजली उत्पादन के लिए पानी की पूरी क्षमता का उपयोग करने से रोकता है। उन्होंने सरकारी विभागों में सभी रिक्तियों को भरने के मुद्दे पर भी चर्चा की। नेकां नेता गुलाम मोहिउद्दीन मीर ने जम्मू-कश्मीर में लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर दिया। नेकां विधायक जावेद रियाज ने कहा कि हमें राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए।

मुगलों का इतिहास खत्म करने की हो रही कोशिश : फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार पर मुगलों का इतिहास मिटाने का आरोप लगाया। भाजपा पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा वे मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते हैं, ऐसा नहीं होगा। वे (मुगल) सैकड़ों वर्षों तक यहां रहे और यहीं दफन भी हुए। नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख मुगल बादशाह औरंगजेब पर समाजवादी पार्टी विधायक की टिप्पणी और शहरों तथा ऐतिहासिक इमारतों के नाम बदलने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से उपजे विवाद पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

हमें सीएम के इरादों पर संदेह नहीं

सलाथियाबजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से सभी हितधारकों और विधायकों के साथ परामर्श को सत्ता पक्ष के अलावा मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी सरहा। भाजपा विधायक सुरजीत सिंह सलाथिया ने कहा कि पहली बार बजट तैयार करने के लिए जिला स्तर पर परामर्श किया गया।इसमें हितधारकों के साथ-साथ विधायकों को शामिल किया। हमें सीएम उमर के इरादों पर संदेह नहीं है। सरकार अभी अपने शुरुआती दौर में है, इसलिए उम्मीद है कि उमर लोगों से किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे। भाजपा विधायक राजीव जसरोटिया ने कहा कि इतिहास में पहली बार बजट-पूर्व परामर्श आयोजित किया गया। उन्होंने सरकार को घोषणापत्र में किए गए वादों की भी याद दिलाई। घोषणापत्र से गायब मुद्दों को उजागर किया।

तमिलनाडू में ईडी की छापेमारी मंत्री का घर भी शामिल

एक साथ 10 जगहों पर हो रही है ईडी की कार्रवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्न्ई। तमिलनाडु में धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 10 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई के तहत राज्य के आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी और उनके समर्थकों के घरों पर भी छापेमारी की गई है। सूत्रों के अनुसार, ईडी के 10 से अधिक अधिकारियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मिलकर छापेमारी की।
इनमें प्रमुख रूप से करूर जिले के रायनूर स्थित कोंगू मेस के मालिक मणि (जिन्हें सुब्रमण्यम के नाम से भी जाना जाता है) का घर शामिल है। इसके अलावा, इरोड रोड पर सरकारी ठेकेदार एम. शंकर आनंद और शक्ति मेस के मालिक कार्थी के आवासों पर भी छापेमारी की जा रही है। ये सभी लोग मंत्री सेंथिल बालाजी के समर्थकों के रूप में पहचाने जाते हैं। ईडी की यह छापेमारी धन शोधन के मामले में चल रही जांच का हिस्सा है, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारी इस कार्रवाई के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
मंत्री सेंथिल बालाजी पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और धन शोधन जैसे मामले शामिल हैं। ईडी इन आरोपों की गहन जांच कर रहा है, और इससे संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया जा सकता है, जो कानूनी कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

ईडी ने ‘अवैध’ विदेशी धनप्रेषण मामले में कई राज्यों में छापे मारे

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुखौटा कंपनियों के जरिए भारत से विदेशों में कथित तौर पर करोड़ों रुपये अवैध तरीके से भेजे जाने से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत शुक्रवार को कई राज्यों में छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह मामला राजस्थान के जयपुर में काम करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ सीमा शुल्क विभाग की शिकायत से जुड़ा है। सूत्रों ने बताया कि छापे जयपुर, उदयपुर और अजमेर, मुंबई, सूरत और नोएडा में मारे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुखौटा या फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये के कथित अवैध धनप्रेषण की जांच के तहत कुछ कारोबारियों और उनसे जुड़े लोगों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

मुंबई में धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट रहेगा जारी

सप्रीम कोर्ट ने काम रोकने से किया इनकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज धारावी पुर्नविकास परियोजना के लिए चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं, कोर्ट ने अदाणी ग्रुप के पक्ष में बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को पलटने से भी इनकार कर दिया।
सीजेआई संजीव खन्ना की बेंच ने काम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई की, जिसमें सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था। यूएई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन की अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि परियोजना पर काम पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें कुछ रेलवे क्वार्टरों को ध्वस्त करना भी शामिल है।
सेकलिंक ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें सेकलिंक की पिछली बोली को रद्द करने के बाद धारावी परियोजना को अडानी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को देने का फैसला किया गया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला सही है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि परियोजना से संबंधित सभी भुगतान एक ही एस्क्रो खाते से किए जाएं। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ का नेतृत्व करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की कि बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला उचित है क्योंकि रेलवे लाइन को भी विकसित किया जाएगा और परियोजना में शामिल किया जाएगा।

शाह और स्टालिन में तेज हुआ वार-पलटवार

तमिलनाडु के सीएम के बयान पर घमासान, बोले मुख्यमंत्री- एलकेजी स्टूडेंट पीएचडी होल्डर को लेक्चर नहीं दे सकता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु में हिंदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें आमने-सामने हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार तमिलनाडु के कई दल और राजनेता केंद्र सरकार पर नेशनल एजूकेशन पॉलिसी के जरिए तमिलनाडु में हिंदी को अनिवार्य करने और तमिल भाषा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं।
खुद तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन इस मुद्दे पर आर या पार का मुड़ बना चुके हैं। वह कई सार्वजनिक मंचों से हिंदी का विरोध जता चुके हैं। हाल ही में उन्होंने केंद्र के शिक्षा नीति और तमिलनाडु के एजुकेशन सिस्टम की तुलना करते हुए यह तक कह दिया था कि एलकेजी स्टूडेंट पीएचडी होल्डर को लेक्चर नहीं दे सकता। स्टालिन के इसी रवैये पर अब गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है।
अमित शाह ने दावा किया कि एमके स्टालिन ने तमिल भाषा के विकास के संबंध में पर्याप्त काम नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए अपनी भर्ती नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए है।

तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम शुरू करवाएं सीएम : शाह

शाह ने कहा, अभी तक सेंट्रल आम्र्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) भर्ती में मातृभाषा के लिए कोई जगह नहीं थी। पीएम मोदी ने फैसला किया है कि हमारे युवा अब तमिल सहित आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में सीएपीएफ परीक्षा दे सकेंगे। मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से भी आग्रह करना चाहता हूं कि वे जल्द से जल्द तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में कदम उठाए।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने हमें पत्र लिखने के लिए उकसाया : स्टालिन

स्टालिन ने केंद्र सरकार पर नेशनल एजूकेशन पॉलिसीके माध्यम से हिंदी थोपने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा के प्रयासों को तमिलनाडु की भाषाई पहचान यानी तमिल के लिए खतरा बताया। स्टालिन ने कहा, हम अपना काम कर रहे थे लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने हमें पत्र लिखने के लिए उकसाया। उन्होंने पूरे राज्य को हिंदी थोपने के लिए धमकाया। अब उन्हें एक ऐसी लड़ाई को फिर से शुरू करने के परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं, जिसे वह कभी नहीं जीत सकते।

बरकरार रहेगी केजरीवाल की जेड प्लस सुरक्षा

गृह मंत्रालय ने सुरक्षा समीक्षा के बाद लिया फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। नर्ई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के राष्टï्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों पंजाब में हैं। अरविंद केजरीवाल पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ पंजाब के होशियारपुर में हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा में कटौती नहीं होगी। पूर्व सीएम के पास पहले की तरह पूरा सुरक्षा काफिला रहेगा। केजरीवाल की जेड प्लस सुरक्षा बरकरार रहेगी।
गृह मंत्रालय ने सुरक्षा समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है। आईबी के इनपुट है कि केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों से जान का खतरा है। दिल्ली चुनाव के दौरान पंजाब पुलिस की ओर से भी गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस से यह इनपुट साझा किए गए थे। यहां तक की केजरीवाल की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के जवानों की सुरक्षा टुकड़ी तैनात करने पर भी सियासी बवाल हुआ था।

आईपीएस की बेटी निकली सोना तस्कर

कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव की बढ़ी मुश्किलें

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। आईपीएस अधिकारी की बेटी और कन्नड़ अभिनेत्री और रान्या राव की गिरफ्तारी की जांच में पता चला कि वह सोने की तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थी और दुबई से बेंगलुरू तक सामान की तस्करी के लिए भारी कमीशन लेती थी। जांच में पता चला है कि रान्या राव सरगनाओं के इशारे पर सोने की तस्करी कर रही थी और अंतरराष्ट्रीय गिरोह का गठजोड़ बहुत गहरा था।
सूत्रों ने बताया कि अभिनेत्री इतनी अमीर नहीं थी कि 17.29 करोड़ रुपये का सोना खरीद सके। अधिकारियों ने पाया कि अभिनेत्री को दुबई से बेंगलुरू तक एक किलोग्राम सोने की तस्करी करने के लिए 4 लाख से 5 लाख रुपये का कमीशन मिला था। सरगनाओं ने उसे सोने की तस्करी में शामिल किया, क्योंकि उन्हें अच्छी तरह पता था कि वह एक सेवारत आईपीएस अधिकारी की बेटी है और इसका फायदा उठाकर तस्करी को अंजाम दे सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को इसमें बेंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के कर्मचारियों की संलिप्तता का भी संदेह है।

ईडी करेगा आगे की जांच

जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि रान्या राव ने सोना किसे सौंपा। अधिकारी रान्या राव के बैंक खातों से डाटा एकत्र कर रहे हैं और पिछले दो वर्षों के लेन-देन का विश्लेषण कर रहे हैं। उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है और नेटवर्क के बारे में सुराग पाने के लिए फोन से जानकारी एकत्र की जा रही है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि रान्या राव से हवाई अड्डे और उसके आवास से भारी मात्रा में सोना और नकदी जब्त होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले को अपने हाथ में ले सकता है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारी उनके आवास से जब्त की गई 2.67 करोड़ रुपये की कथित नकदी की जानकारी ईडी के साथ साझा कर रहे हैं।

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