हर विधानसभा क्षेत्र में बनेगा 100 बेड का अस्पताल

लखनऊ। पहले कार्यकाल में वैश्विक महामारी कोरोना से जूझते-लड़ते और जीतते चली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज जैसा बड़ा लक्ष्य रखा और दावा है कि 61 मेडिकल कालेज तैयार हो गए। बाकी 14 जिलों में काम शुरू होने वाला है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल के लिए संकल्प लिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक सौ शैय्या अस्पताल होगा। पांच वर्षों के लिए तय चरणवार लक्ष्यों में हर जिले में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा और प्रत्येक जिले में जिला अस्पताल के अलावा एक फर्स्ट रेफरल यूनिट की व्यवस्था भी शामिल की गई है। योगी मंत्रिमंडल के समक्ष मंगलवार को एनेक्सी भवन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर की चरणबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। बिंदुवार समीक्षा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में प्रदेश में अभूतपूर्व काम हुआ है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन का प्रयास हो या कोविड प्रबंधन, प्रदेश को वैश्विक संस्थाओं से सराहना मिली है। एक टीम के रूप में यह प्रयास सतत जारी रखा जाए।

नियोजित प्रयासों से एनएचआरएम और एनएचएम जैसी योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया गया है। यह शुचिता बनी रहे। भ्रष्टाचार की हर शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कठोरतम कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने लक्ष्य तय किए। कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में 100 शैय्या के अस्पताल की उपलब्धता कराई जाए। विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर चरणबद्ध रूप से इसे पूरा कराएं। जिस तरह पिछले पांच वर्षों में 5000 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की स्थापना की गई, उसी तरह अगले पांच वर्ष में 10,000 नए उपकेंद्र बनाने हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि हर जिले में निश्शुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि बेहतर चिकित्सा सेवाओं के लिए डाक्टरों और नर्सों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए। डॉक्टर और नर्स का अनुपात एक-एक हो। आवश्यकता के अनुसार पद सृजित कर योग्य प्रोफेशनल का चयन किया जाए। पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। अगले छह माह में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करें। नियुक्ति प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से कराई जाएगी।

राज्य कर्मचारी और पेंशनरों को मिलेगा कैशलेस इलाज
योगी सरकार ने अगले सौ दिन के लक्ष्य में रखा है कि सभी राज्य कर्मचारी और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। वहीं सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाएगा। मानसिक रोगियों की सहायता के लिए निजी स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लेने का सुझाव सीएम ने दिया है। कहा है कि आगरा, बरेली और वाराणसी के मानसिक चिकित्सालयों में उन्मुखीकरण केंद्र खोला जाना चाहिए, ताकि आमजन को मानसिक रोग के संबंध में सही-सटीक जानकारी दी जा सके।

 

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