जामिया यूनिवर्सिटी के 14 छात्रों को दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में, मचा हड़कंप
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: जामिया यूनिवर्सिटी से बड़ी खबर सामने आ रही है ।जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में आज (13 फरवरी) सुबह-सुबह हड़कंप मच गया। दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया के 14 छात्रों को हिरासत में लिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत पर इन छात्रों को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक ये सभी छात्र पिछले 4 दिनों से PH.D छात्रों के खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, इन छात्रों पर आरोप है कि इन्होंने अपने प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी में कैंटीन बंद करवा दी थी और उसके कैंटीन के बाहर बैठकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। इतना ही नहीं बुधवार को इन छात्रों ने कैंटीन के बाहर तोड़ फोड़ भी की थी।
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, साल 2019 में जामिया यूनिवर्सिटी में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज किया था और फायरिंग भी हुई थी। वहीं इस मामले को लेकर कुछ स्टूडेंट्स इसकी बरसी बनाना चाहते थे, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसकी अनुमति नही दी, जिसके बावजूद ये छात्र अपने अन्य साथियों के साथ कार्यक्रम करने पर अड़े रहे, जिसके बाद यूनिवर्सिटी की तरफ से इन्हें शो काज नोटिस दिया गया। जिसका संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद यूनिवर्सिटी इन छात्रों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में थी, जिसके बाद इन छात्रों ने प्रदर्शन किया।
वहीं इस प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी के ही मेवाती छात्र संघटन के छात्रों के साथ मारपीट भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक इन 14 छात्रों को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आज यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर कर पुलिस को सौंप दिया और पुलिस ने इन सभी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है।
विश्वविद्यालय से एक बयान साझा करते हुए, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच चल रही है। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि मुट्ठी भर छात्रों ने 10 फरवरी की शाम से ही अकादमिक ब्लॉक में गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। उन्होंने आगे अपने बयान में बताया कि तब से, उन्होंने न केवल कक्षाओं के शांतिपूर्ण संचालन को बाधित किया है, बल्कि अन्य छात्रों को केंद्रीय पुस्तकालय तक पहुंचने और ऐसे समय में कक्षाओं में भाग लेने से भी रोका है, जब मध्य सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होने वाली है।
प्रदर्शनकारियों की ये है चार प्रमुख मांगें
- दो PHD छात्रों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को रद्द करना।
- भित्तिचित्रों और पोस्टरों के लिए 50,000 रुपये के जुर्माने को खत्म करना।
- परिसर में विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने वाले 2022 कार्यालय ज्ञापन को निरस्त करना।
- विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले छात्रों के खिलाफ भविष्य में कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न हो यह सुनिश्चित करना।