25 मौतों के बाद भी नहीं गया था गांव में कोई दो महीने से

  • 4पीएम में चली खबर तो पहुंची डॉक्टरों और अफसरों की टीम, ग्रामीणों ने फोन करके 4पीएम को कहा शुक्रिया
  • लखनऊ से तीस किलोमीटर दूर उन्नाव के गांव सहरावां में हुई मौतों से दहशत में लोग
  • 4पीएम के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण के बाद जागे अफसर और स्वास्थ्य विभाग की टीम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर ने यूपी में कोहराम मचा रखा है। संक्रमण हजारों गांवों तक पहुंच चुका है। तमाम गांव बुखार से तप रहे हैं। लोगों की मौतें हो रही हैं। लोग बीमार हैं लेकिन न सरकार को इनकी सुध है न स्वास्थ्य विभाग की टीमें नजर आ रही हैं। कुछ ऐसी ही हालत लखनऊ से महज तीस किलोमीटर दूर उन्नाव जिले के गांव सहरावां की है। यहां पच्चीस लोगों की मौत हो चुकी गई। इन मौतों से वहां के लोग दहशत में जी रहे हैं। 4पीएम की टीम जब गांव पहुंची तो ग्रामीणों का दर्द छलक पड़ा। इस दर्द के साथ सरकार के गांव-गांव तक जांच और टीकाकरण के दावों की परतें भी एक-एक कर खुलती चली गईं। 4पीएम के यूट्यूब चैनल में इसका लाइव प्रसारण होने के दो दिन बाद अफसर और स्वास्थ्य विभाग की टीम जागी। मेडिकल टीम और अफसर आज गांव पहुंचे। मेडिकल टीम के पहुंचने पर ग्रामीणों ने फोन कर 4पीएम को शुक्रिया अदा किया। उन्नाव का सहरावां गांव। दिन के कोई दो बजे होंगे। चारों ओर दहशत का सन्नाटा पसरा था। कुछ लोग घरों के बाहर बैठे थे तो कुछ लोग अपने घर में बीमार पड़े लोगों की तीमारदारी कर रहे थे। अचानक 4पीएम की टीम को देखकर गांव में हलचल हो गयी। सभी अपना दर्द बांटने, अपनी बात कहने को उतावले हो रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि एक-डेढ़ महीने में गांव में 25 लोगों की खांसी-बुखार से मौत हो चुकी है लेकिन आज तक न तो यहां कोई मेडिकल टीम पहुंची न ही अधिकारियों ने कोई सुध ली। लोगों में कोरोना महामारी को लेकर दहशत है। गांव में अभी भी कई लोगों की तबीयत खराब है। गांव के राजेश तिवारी की आवाज हालात को बयां करते हुए कांपने लगी। उन्होंने कहा कि गांव में बीस से पच्चीस लोगों की हाल ही में मौत हो चुकी है। जब उनसे पूछा गया कि सरकार गांवों में जांच, इलाज और टीकाकरण अभियान चलाने का दावा कर रही है तो वे बेहद आक्रोशित हो गए। कहा, सब कुछ हवा-हवाई चल रहा है। गांव की हालत खराब है। स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी तक जांच-पड़ताल के लिए गांव नहीं पहुंचा है। जगदीश प्रसाद का कहना है कि गांवों की हालत बेहद खराब है। सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। प्यारे लाल के भाई की मौत बुखार से हो गई लेकिन कोई पूछताछ तक के लिए नहीं आया। वहीं मुन्ना की पत्नी का देहांत हो गया है। हालत यह है कि लोगों में दहशत है। 4पीएम के यूट्यूब चैनल ने जब गांव की हकीकत का लाइव प्रसारण किया तो अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आखिर दो दिनों के बाद गांव में अधिकारी और टीमें पहुंचीं और बीमार लोगों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी।

गांव में गंदगी का आलम, सेनेटाइजेशन तक नहीं
सहरावां गांव की जमीनी हकीकत यह है कि यहां गंदगी फैली हुई है। गांव में इतनी मौतों के बाद भी अभी तक इलाके को सैनेटाइज तक नहीं किया गया। यह स्थिति तब है जब गंदगी से भी ब्लैक फंगस के संक्रमण की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं।
तो क्या डब्ल्यूएचओ करेगा पड़ताल
जब राजधानी के करीब गांवों का यह हाल है तो बाकी गांवों की हालात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रदेश के कोरोना प्रबंधन की प्रशंसा करने वाला डब्ल्यूएचओ इस मामले पर संज्ञान लेकर गांवों की हालात का जायजा लेगा?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button