4पीएम का सनसनीखेज खुलासा : सांसद अतुल राय को फंसाया गया था बलात्कार के झूठे केस में

सरकार के दावों की खुल गयी पोल, गाजीपुर और सोनभद्र जेल से फोन पर बनायी गई थी सांसद को फंसाने की योजना
एक युवती को पैसे देकर तैयार किया गया सांसद पर रेप का मुकदमा लिखवाने को
4पीएम के पास है सीओ की वह रिपोर्ट जो करती है इस साजिश का खुलासा
बड़ा सवाल वो कौन बड़े लोग हैं जिन्होंने रची थी ऐसी बड़ी साजिश

संजय शर्मा
लखनऊ। घोसी के सांसद अतुल राय को बलात्कार के मामले में फंसाने के लिये एक सुनियोजित साजिश रची गयी थी। जेल मे बंद एक माफिया ने यह साजिश रची। एक युवती को इसके लिये तैयार किया गया और अतुल राय इसमे फंस गये। अतुल राय के पिता की शिकायत पर हुई जांच में इस बात की पुष्टि खुद पुलिस क्षेत्राधिकारी ने की है। यह रिपोर्ट शासन तक पहुंचते ही हड़कंप मच गया है। राजनैतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गयी कि क्या जेल में बंद इस माफिया को सरकार के किसी बड़े आदमी का भी संरक्षण था, जिससे इतनी बड़ी साजिश हो सकी।
घोसी से सांसद अतुल राय के सियासी करियर को बर्बाद करने के लिए उनके विरोधियों ने गहरी साजिश रची। एक युवती के जरिए जेल में बंद अंगद राय और सत्यम प्रकाश राय ने उन पर रेप और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। साजिश को अंजाम देने वालों तक पैसे भिजवाए गए। ये जेल से अपने सहयोगियों और युवती को फोन से निर्देश देते थे। युवती की मां को भी इस षड्यंत्र का पता था। इस साजिश के सबूत ऑडियो क्लिप्स में मौजूद हैं। सवाल यह है कि जेल में बंद अंगद राय को किसके इशारे पर फोन की सुविधा मिली और अतुल राय के खिलाफ उसने किसके इशारे पर इतनी गहरी साजिश की। दरअसल, अतुल राय के खिलाफ 2019 में हुए लोक सभा चुनाव के पहले साजिश रची गई थी। अतुल राय के पिता भरत सिंह ने इस मामले पर जांच की मांग की तब यह खुलासा हुआ। विरोधी अंगद राय पुत्र सर्वदेव राय निवासी गाजीपुर और सत्यम प्रकाश राय पुत्र इंद्रबली राय ने मिलकर अतुल राय के खिलाफ बलिया की एक युवती के जरिए लंका थाने में धारा 420, 376, 504, 506 व 120बी के तहत केस दर्ज कराया था। साजिशकर्ताओं ने एक-दूसरे से संपर्क बनाए रखने के लिए दूसरे के नाम पर दर्ज सिम कार्ड का प्रयोग किया। जांच के दौरान करीब 12 ऑडियो क्लिप्स सामने आए हैं जिसके आधार पर पूरी साजिश का खुलासा हुआ है। झूठे आरोप को सही साबित करने के लिए मेडिकल परीक्षण किस अस्पताल में कराया जाएगा इसकी भी योजना बनायी गई थी। यह भी तय किया गया था कि अतुल राय से युवती की मुलाकात कब बतायी जानी है। ऑडियो क्लिप्स से साफ है कि विरोधियों ने फर्जी केस के जरिए अतुल राय को जेल भिजवाने और लोकसभा चुनाव के उनके नामांकन को खारिज कराने तक की योजना बनायी थी। ये ऑडियो सत्यम प्रकाश राय, अंगद राय व अधिवक्ता विनोद के बीच हुई वार्ता के हैं। अतुल राय के पिता की मांग पर क्षेत्राधिकारी भेलूपुर ने इसकी जांच की और साक्ष्यों के आधार पर इसकी दोबारा जांच की संस्तुति आला अधिकारियों से की है।
वाराणसी में दर्ज हुई थी एफआईआर
वाराणसी के लंका थाने में एक मई, 2019 को अतुल राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अतुल राय के खिलाफ एक युवती ने बनारस के लंका थाने में दुष्कर्म, धोखाधड़ी और धमकी देने समेत कई धाराओं मामला दर्ज कराया था। एफआईआर के मुताबिक अतुल राय युवती को लंका स्थित एक अपार्टमेंट के फ्लैट में झांसा देकर ले गए और उनका यौन उत्पीड़न किया। युवती ने अतुल राय के खिलाफ यह भी आरोप लगाया था कि वह दुष्कर्म के बाद उस पर मुंह बंद रखने का दबाव बनाते रहे।
क्या कहती है जांच आख्या
वाराणसी के भेलुपुर के क्षेत्राधिकारी अमरेश कुमार सिंह ने अपनी जांच आख्या में लिखा है कि साक्ष्यों, पूछताछ और ऑडियो क्लिप्स से साफ है कि सत्यम प्रकाश राय, अंगद राय व विजय शंकर तिवारी ने योजना बनाकर अतुल राय को झूठे मुकदमे में फंसाया। ऐसी स्थिति में इस मुकदमे को धारा 173(8) के तहत पुर्नविवेचना कराया जाना जरूरी लग रहा है।
कौन हैं अतुल राय
बसपा नेता अतुल राय गाजीपुर के मूल निवासी हैं। गाजीपुर के भांवरकोल थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव के निवासी हैं। अतुल राय के पिता डीरेका में काम करते थे और परिवार के साथ बनारस रहने लगे थे। बसपा सांसद ने पीजी तक की शिक्षा की थी। बसपा से ही राजनीतिक जीवन की पारी की शुरूआत की थी। गाजीपुर जिले की जमानियां विधानसभा सीट से वर्ष 2017 में चुनाव लड़ा था लेकिन भाजपा प्रत्याशी सुनीता सिंह से जीत नहीं पाये थे। इस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद बसपा से वर्ष 2019 में घोसी संसदीय सीट से टिकट मिल गया। अतुल राय नामांकन करने के बाद से रेप के आरोप में फंस गये थे। बनारस के लंका थाना में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। अतुल राय सार्वजनिक रुप से चुनाव प्रचार नहीं कर पाये थे इसके बाद भी एक लाख से अधिक वोट से चुनाव जीते थे। चुनाव के दौरान वह अग्रिम जमानत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गये थे लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिल पायी थी। चुनाव परिणाम आने के बाद अतुल राय ने बनारस के न्यायालय परिसर में सरेंडर कर दिया था। हाईकोर्ट से पैरोल मिलने व सुप्रीम कोर्ट का रोक से इंकार के बाद ही वे शपथ ले सके थे।
साजिशकर्ताओं के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई : अमिताभ ठाकुर
आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मऊ जिले के घोसी से सांसद अतुल राय के बलात्कार केस में सीओ भेलूपुर, वाराणसी अमरेश कुमार सिंह की जांच आख्या के आधार पर अविलंब कार्रवाई की मांग की है। एसीएस होम एके अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी एवं अन्य अफसरों को भेजी अपनी शिकायत में अमिताभ ने कहा कि सीओ भेलूपुर की जांच आख्या 8 अगस्त 2020 के अनुसार अतुल राय के विरुद्ध बलात्कार का मुकदमा लिखवाने वाली युवती के साथ एक युवक सत्यम राय तथा सोनभद्र जिला कारागार में निरुद्ध सजायाफ्ता अंगद राय ने योजना बनाकर उन्हें बलात्कार केस में फर्जी फंसाया। यह भी पाया गया कि सत्यम राय तथा जेल में बंद अंगद राय की कई बार वार्ता हुई। इसी प्रकार जांच आख्या के अनुसार 01 साल की अवधि में अंगद राय ने सोनभद्र जेल से मोबाइल संख्या 6392335822 से 12166 बार तथा मोबाइल नंबर 6392335822 से 1506 अर्थात कुल 13672 बार अलग-अलग लोगों से वार्ता की। जांच आख्या में सीओ भेलूपुर ने सांसद के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मुकदमे की धारा 173(8) सीआरपीसी में पुनर्विवेचना किये जाने की संस्तुति की है। उन्होंने कहा कि ये तथ्य अत्यंत गंभीर हैं। साथ ही उन्होंने इन समस्त तथ्यों के सामने आने के बाद भी विगत 3 माह में कोई कार्रवाई नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त की और जांच आख्या के आधार पर अतुल राय के खिलाफ बलात्कार मामले की अविलंब अग्रिम विवेचना कराये जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने इस प्रकार का षड्यंत्र रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा अंगद राय को जेल से इस प्रकार की सहूलियत देने वालों के खिलाफ भी कठोरतम कार्रवाई की मांग की।

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