4 PM के यूट्यूब चैनल ने फिर दिखाया जलवा, देश भर में दूसरे स्थान पर
- 72 लाख से ज्यादा व्यूज मिले
- बड़े-बड़े नामों से आगे निकला 4PM
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। जनता तक सच को बेबाक तरीके से पहुंचाने वाला लोक प्रिय चैनल 4PM ने सबको पीछे छोड़ते हुए व्यूज शेयर में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। चौबीस घंटे में ही 4PM की टीम को दूसरी ख़ुशखबरी मिल गयी है।
डेटा विंगस के जुलाई महीने के यूट्यूब के आंकड़े आ गये। जन-जन की जुबान पर चढ़े प्रतिष्ठित चैनल 4PM को जुलाई माह में 72.3 मीलियन व्यू मिले हैं। अब हम सबका लोकप्रिय चैनल 4PM देश भर में दूसरे स्थान पर है।
सब्सक्राइबर के साथ लगातार लहरा रहा परचम
सत्ता और देश की सच्चाई दिखाने वाला 4PM न्यूज चैनल आए दिन सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है। 4PM दिन पर दिन यूट्यूब की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम स्थापित कर रहा है। ये सब संभव हो पा रहा है सिर्फ उसके सच दिखाने और आज के समय में सत्ता से सवाल करने की काबिलियत की वजह से। 4PM वो सच्ची खबर दिखाता है जो आपको ये कथित मेन स्ट्रीम मीडिया के चैनल नहीं दिखाएंगे। इसीलिए लोग इस चैनल को अधिक से अधिक देख रहे हैं और पसंद कर रहे हैं। वर्तमान समय में 4PM को देश के अन्य राजनीतिक खबरों से जुड़े चैनलों से ज्यादा देखा जा रहा है।
सपने में भी नहीं सोचा इतने व्यूज मिलेंगे : संजय शर्मा
इस उपलब्धि से 4PM के संपादक संजय शर्मा गदगद हैं। उनहोंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे चैनल के व्यूज कभी मेरे आदर्श रहे रवीश कुमार से भी ज्यादा हो जायेंगे। उन्होंने दर्शकों से कहा कि आपके प्यार से हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि आम जन का यह प्यार मेरे लिये बहुत क़ीमती है और लोगों से अपील की कि इस प्यार को एसे ही बनाये रखियेगा।
कई बड़े चेहरों को छोड़ा पीछे
अपनी जिद सच की के स्लोगन को सत्य चरित्रार्थ करने में जुटे इस लोकप्रिय चैनल ने भारत के बड़े-बड़े यूट्यूब चैनल को जुलाई में पछाड़ दिया है। अपनी खबरों से सच दिखाने में अग्रणी 4PM ने व्यू में 72 लाख के आंकड़े का छू लिया है। इस चैनल से केवल डीबी लाइव ही आगे हैं जिसके 100 मिलीयन से ज्यादा व्यूज हैं। सबसे लोकप्रिय पत्रकार रविश कुमार आठवें स्थान पर है उनके 46 लाख व्यूज ही हैं। तीसरे स्थान पर कैपिटल टीवी है जिसके पास साढ़े बासठ लाख व्यू हैं। नेशनल दस्कत 59.6 व्यूज के साथ चौथे व अजित अजुंम 56. 4 लाख के साथ पांचवे स्थान पर हैं। वहीं कई लोकप्रिय व चैनल 4PM से बहुत पीछे हैं।
वन मंत्री को क्यों पसंद आ रहा यह भ्रष्ट पर्यावरण अधिकारी
- अजय शर्मा पर आपराधिक वाद में भी एफआईआर
- अधिकारी को प्राप्त है राजनीतिक संरक्षण, तथ्यों को छुपाया गया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को ही विभाग का महत्वपूर्ण काम सौंपने की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई। सबसे गंभीर बात इसमें ये है इन तथ्यों को जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों व विभाग के मंत्री को भी मालूम थी। हरित प्रदेश पर्यावरण रक्षक समिति के अध्यक्ष सूरज सिंह ने इस मामले की जांच अपर मुख्य सचिव वन व पर्यावरण, जलवायु से करावने की मांग की है।
मामले के अनुसार उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ में सदस्य सचिव के पद का अतिरिक्त कार्यभार जुलाई 2021 में अजय शर्मा, मुख्य पर्यावरण अधिकारी को शासन द्वारा सौंपा गया था। उक्त अतिरिक्त कार्यभार वन एवं जलवायु परिर्वतन विभाग दारा सिंह चौहान द्वारा तथ्यों को छुपाते हुए सौंपा गया था। जबकि तत्समय अजय शर्मा के विरूध जनपद सीतापुर में अपराधिक वाद में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज थी। सदस्य सचिव के पद पर कार्यभार ग्रहण की तिथी से श्री शर्मा मुख्य प्रर्यावरण अधिकारी वृत बरेली के पद का कार्यभार देखते हुए भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त है। और इनके विरूध लोकआयुक्त के समक्ष भी शिकायतें हुई है। जिनके संबंध में लोकआयुक्त द्वारा दिनांक 31/01/2002 के पूर्व शासन से जांच रिपोर्ट उप्लब्ध कराने की अपेक्षा की गई है।
लोकआयुक्त की जांच चल रही
लोकआयुक्त द्वारा संघर्षित प्रकरण की जांच गौरव वर्मा विशेष सचिव प्रर्यावरण वन एवं जल वायु परिवर्तन विभाग द्वारा की जा रही है। इस तथ्य की पुष्टि हेतु गौरव वर्मा द्वारा सदस्य सचिव से मार्गी गई सूचनाओं से सबंधित निर्गत पत्र दिनांक 13/01/2023 की छायाप्रति संग्लन है। यह भी उल्लेखनिय है कि शर्मा द्वारा अनेकों प्रकरणों में अपने स्तर से ही बिना सक्षम स्तर के संज्ञान में लाए एनओसी जारी कर दी जा रही है। और कई प्रकरणों में ईकार्यों से प्रावणीयें क्षतिपूति/अर्थदण की वसूली हेतु शासन व बोर्ड स्तर से पारित आदेशों से अनुपालन नही किया जा रहा है। अजय शर्मा के सदस्य सचिव के पद पर कार्यरत रहते हुए उनके विरूध जांच के निष्पक्ष होने की संभावना नहीं है और पद पर रहते हुए उनके द्वारा जाचं को प्रभावित करने और अभिलेखों / साक्ष्य को नष्ट करने की अत्तयधिक संभावना है।
कोर्ट में आरोप हुए साबित
सदस्य/सचिव अजय शर्मा ने अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया था। कार्यभार ग्रहण करने में जय शर्मा ने यह तथ्य शासन से छुपाया था कि जिला सीतापुर में इनके उपर एक अपराधिक एफआईआर दर्ज है। जिला सीतापुर में इनके उपर एक अपराधिक एक एफइआर दर्ज ठा 01/03/2023 को शासन को अवगत करा दिया गया है। उसके बाद भी उपरोक्त भ्रष्टाचारी को हटाया नही गया है, माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ के द्वारा 23/08/2023 को न्यायालय न्याय मूर्ती अताउर रहमान मसूदी एवं न्याय मुर्ती ओम प्रकाश शुक्ला खण्डपीठ लखनऊ द्वारा एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सदस्य/सचिव अजय शर्मा को अननियंत्रित भ्रष्टाचारी बताकर अपर मुख्य सचिव को कार्यावाही का निर्देश दिया है, तथा दिनांक 11/09/2023 को याचिका को पुन: सुनवाई हेतु सूचीबध किया था।