बस सबको एकजुट करने की मंशा: नीतीश कुमार
इस बार की बैठक में ‘इंडिया’ में जुड़ेंगे और कई दल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए की मुंबई में होने वाली बैठक से पहले विपक्षी एकता की पहल करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमको गठबंधन में कुछ नहीं बनना है। हम आपको बार-बार कह रहे हैं कि दूसरे लोगों को बनाया जाएगा। यह कहते हुए, वे अपने साथ खड़े डिप्टी सीएम को देखकर मुस्कुराते हैं। हम तो सबको एकजुट करने की पहल कर रहे हैं।
हम सबका हित चाहते हैं। हमको व्यक्तिगत कुछ भी नहीं चाहिए। बता दें कि इससे एक दिन पहले यानी रविवार को भी नीतीश ने मीडिया से बात करते हुए एक बार फिर दोहराया था कि वह सिर्फ सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं, उनकी और कोई मंशा नहीं है। नीतीश ने कहा था, मैं जा रहा हूं… मुझे व्यक्तिगत कुछ नहीं चाहिए, मैं बस सभी को एकजुट करना चाहता हूं। मैं जा रहा हूं, कुछ और पार्टियां भी शामिल होंगी।
कई पार्टियां होंगी शामिल
सीएम नीतीश ने मीडिया को जवाब देते हुए कहा, कि हम तो शुरू से ही बोलते आए, वो (विपक्ष) सब क्या बोलते हैं, उससे कोई मतलब नहीं। अब जा ही रहे हैं, उस दिन और भी कई पार्टियां शामिल हो रही हैं, तो सब मिलकर कौन-कौन कहां-कहां लड़ेगा, यह सब बात भी हम चाह रहे हैं कि जल्दी तय कर लें।
भाजपा की कई बात हंसने वाली : तेजस्वी
बिहार भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी की कथित टिप्पणी भारत वास्तव में 1947 में नहीं बल्कि 1977 में जेपी आंदोलन के बाद आजाद हुआ के बारे में पूछे जाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें कुछ भी बकवास करनी है। स्वतंत्रता दिवस हर कोई मनाता है।तेजस्वी ने पूछा कि अगर ऐसा है तो वे 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज क्यों फहराते हैं? तेजस्वी यादव ने कहा कि वे मुद्दे आधारित विषयों पर नहीं बोलते हैं। किसी न किसी तरीके से इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है। उनका कोई मूल्य नहीं है। ये बात कोई सुनेगा तो हंसेगा।
रैंप के माध्यम से रेलवे प्लेटफार्म पर जाएंगे अमिताभ ठाकुर
समानता के अधिकार की वजह से करेेंगे ऐसा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री की तरह वे भी कल 29 अगस्त को रैंप के माध्यम से सीधे अपनी गाड़ी चारबाग के रेलवे प्लेटफार्म पर ले जाएंगे।
उन्होंने इस संबंध में डीआरएम उत्तरी रेलवे लखनऊ को ईमेल भेज कर सूचित किया है कि वे कल प्रात: ट्रेन नंबर 13308 गंगा सतलज एक्सप्रेस से चारबाग स्टेशन से बाराबंकी जायेंगे। उन्होंने कहा कि सुबह उन्हे कुछ ऐसे काम हैं कि वे बिल्कुल 10:30 बजे ट्रेन के समय ही रेलवे स्टेशन पहुंच पाएंगे।
अनु-370 पर याचिका लगाने वाले शिक्षक को मिल सकती है राहत
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को दिया आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से शिक्षक जहूर अहमद भट के निलंबन के मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने हाल ही में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में पेश होने के लिए श्रीनगर के एक शिक्षक को सेवा से निलंबित कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने शिक्षक के निलंबन पर ध्यान दिया। बता दें, पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और राजीव धवन ने सुनवाई होते ही बताया कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील देने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भट्ट को नौकरी से निलंबित कर दिया। सिब्बल ने कहा कि उन्होंने दो दिन की छुट्टी ली थी। वह अदालत के समक्ष पेश हुए और वापस चले गए। जब वह वापस लौटे तो उन्हें निलंबित कर दिया गया। इस पर पीठ ने वेंकटरमनी को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात करने और इस मुद्दे पर गौर करने को कहा। पीठ ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस अदालत के समक्ष बहस करने वाले को निलंबित कैसे किया जा सकता है। इस पर वेंकटरमनी ने जवाब दिया कि वह इस मुद्दे को देखेंगे। मेहता ने कहा कि भट्ट के निलंबन की जानकारी मिलने पर जांच की गई, जिसमें उन्हें बताया गया कि शिक्षक को निलंबित करने के पीछे कई कारण थे। उसमें एक कोर्ट में पेश होना भी है।
अदालत में पेश होने से पहले किया जाता निलंबित : सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि अगर ऐसा था तो उन्हें पहले निलंबित कर दिया जाता, अदालत में पेश होने के बाद ऐसा आदेश क्यों दिया गया। सिब्बल ने कहा कि शिक्षक को सिर्फ इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि वह कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है। इस तरह लोकतंत्र को काम नहीं करना चाहिए। पीठ ने कहा कि अगर अन्य कारण हैं तो यह अलग बात है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस अदालत के समक्ष दलील रखने के कारण निलंबित किया जाता है, तो इस पर गौर करने की जरूरत है। वहीं, मेहता ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि समय उपयुक्त नहीं था और वह इस पर गौर करेंगे।
हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं, केवल धोखा है: मौर्य
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बाद फिर विवादित बयान के चलते सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर फिर से विवादित बयान दिया है। जो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वहीं बयान को लेकर लोग अलग-अलग तरीके से अपना पक्ष रख रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। उन्होंने कहा कि सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकडज़ाल में फंसाने की एक साजिश है।
प्रज्ञान ने 100 मिलीमीटर के क्रेटर को किया पार
चंद्रयान-3 मिशन सही ट्रैक पर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। चंद्रयान-3 मिशन सही ट्रैक पर है। इसरो के अनुसार, प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पहली बाधा पार कर ली है। रोवर ने करीब 100 मिलीमीटर के क्रेटर को क्रॉस किया। चंद्रयान-3 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ने बताया कि प्रज्ञान को अभी चांद पर कई चुनौतियों का सामना करना है। इसरो ने रविवार को विक्रम लैंडर पर लगे चास्टे मॉड्यूल का डेटा रिलीज किया है।
इसने चांद की सतह और गहराई में जाने पर तापमान में अंतर समझाया। पता चला कि चांद की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है। 8 मी.मी गहराई में जाने पर तापमान -10 डिग्री तक गिर जाता है। वहीं, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि चांद की वैसी तस्वीर किसी के पास नहीं, जो हमारे पास है। उन्होंने चेताया कि जरा सी चूक से मिशन फेल हो सकता है। इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का नाम शिवशक्ति रखे जाने में कोई बुराई नहीं देखी।चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने 100 मी.मीका क्रेटर पार किया। ऐसा होते ही बेंगलुरु स्थित इसरो कंट्रोल रूम में बैठे वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली। अभी रोवर को कई चुनौतियों से निपटना है। विस्तार से प्रज्ञान रोवर की पहली सफलता के बारे में पढऩे के लिए यहां क्लिक करें?
धरती पर 2-3 डिग्री गिरता है पारा, चांद पर 50 डिग्री
चांद के साउथ पोल पर तापमान में काफी विविधता है। स्पेस एजेंसी ढ्ढस्क्रह्र ने रविवार को इसका एक ग्राफ जारी किया। इसके मुताबिक सतह पर अधिकतम तापमान करीब 70 डिग्री सेल्सियस है, जबकि मात्र 80 मिमी की गहराई में तापमान -10 डिग्री है। तापमान में इतनी विविधता देख वैज्ञानिक भी हैरान हैं। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे पेलोड चास्टे (चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट) ने चांद की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझने के लिए साउथ पोल के आसपास मिट्टी का तापमान मापकर अपना पहला ऑब्जर्वेशन भेजा है।
पॉइंट के नाम पर विवाद नहीं : इसरो चीफ
इसरो चीफ एस.सोमनाथ ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का नाम शिव-शक्ति रखने को लेकर कोई विवाद नहीं है। देश को उस जगह का नाम रखने का अधिकार है। कई दूसरे देशों ने चंद्रमा पर अपना नाम रखा है। यह हमेशा उस देश का विशेष अधिकार रहा है। यह एक परंपरा रही है। एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने लैंडिंग पॉइंट का नाम शिव-शक्ति रखा था। सोमनाथ ने यह भी कहा कि हम यहां नहीं रुकने वाले हैं। भारत मंगल और शुक्र ग्रह की यात्रा करने की क्षमता रखता है। बस हमें आत्मविश्वास बढ़ाने और ज्यादा निवेश की जरूरत है। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर बहुत सही हालत में हैं और उन पर मौजूद सभी पांच उपकरणों को चालू कर दिया गया है। वह डेटा भेज रहे हैं।