इस दिन लगने जा रहा है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानिए सूतक काल का समय 

हिंदू-धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है। दरअसल, ग्रहण के समय सभी मांगलिक और शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है...

4PM न्यूज नेटवर्क: हिंदू-धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है। दरअसल, ग्रहण के समय सभी मांगलिक और शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। ऐसे में  इस साल के आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर के दिन लगने जा रहा है। इस सूर्य ग्रहण का असर 2 अक्टूबर रात 9 बजकर 13 मिनट से लेकर 3 अक्टूबर सुबह 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ़ फायर होगा। इस तरह का सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है। जब ऐसा होता है तो सूर्य का बाहरी हिस्सा एक चमकदार रिंग की तरह दिखाई देने लगता है।

आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल का समय शुरू हो जाता है। मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल के समय पृथ्वी का वातावरण दूषित होता है। सूतक के अशुभ दोषों से बचने के लिए जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण कब लगने जा रहा है और सूतक काल मान्य होगा या नहीं।

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण नवरात्रि से पहले यानी 2 अक्टूबर 2024 को लगने जा रहा है। इस दिन पितृ अमावस्या भी है। भारतीय समयानुसार, रात 9 बजकर 47 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा। सूर्य ग्रहण समाप्त 3 अक्टूबर को तड़के सुबह 3 बजकर 17​ मिनट पर होगा।

जानिए सूतक काल का समय 

सूतक काल चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूतक काल ग्रहण खत्म होने तक रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूतक काल उन्हीं जगहों पर लगता है जहां ग्रहण दिखाई देता है। 2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल के समय भोजन करने और बनाने की भी मनाही होती है। लेकिन बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति पर ये नियम लागू नहीं होता है।

वहीं ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को अपना विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को वस्त्र आदि काटने या सिलने अथवा ऐसे अन्य कार्य नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से बच्चे पर ग्रहण का दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण अंतिम अमेरिका, अर्जेटीना, अंटार्कटिका, उरुग्वे, होनोलूलू, ब्यूनत आयर्स, आर्कटिक, प्रशांत महासागर, पेरी, चिली, और आइलैंड के उत्तरी भाग में दिखाई देगा।

ग्रहण के दौरान इन मंत्रो का करें जाप 

  • तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
  • विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥

 

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