भाजपा चाहती है गरीब बना रहे झारखंड : कल्पना

  • बोलीं- बजट देने के मामले में राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही केंद्र सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। झारखंड में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ झामुमो विपक्षी पार्टी भाजपा पर हावी है। सिमडेगा में एक रैली के दौरान झामुमो विधायक और सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि झारखंड गरीब बना रहे। इसलिए भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बजट देने के मामले में झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कल्पना ने कहा कि हॉकी जैसे खेलों में झारखंड की अपनी अलग पहचान है।
राज्य में खेल प्रतिभाएं बड़ी संख्या में हैं, लेकिन जब केंद्र के खेलो इंडिया के तहत फंड की बात आती है, तो झारखंड सबसे निचले पायदान पर है। केंद्र सारा फंड अपने राज्यों को देता है। सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना ने आरोप लगाया कि खेल ही नहीं अन्य योजनाओं में भी झारखंड को भेदभाव झेलना पड़ रहा है। कल्पना सोरेन ने दावा किया कि आवास योजना के तहत झारखंड को जो फंड मिलना चाहिए, वह भी भाजपा शासित राज्यों को दिया गया। भाजपा नेता नहीं चाहते कि झारखंड के लोग शिक्षित हों या खेलों में आगे बढ़ें। वे चाहते हैं कि झारखंड हमेशा गरीब रहे। सोरेन ने दावा किया कि केंद्र झारखंड का खनिज चाहता है, लेकिन, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्र से राज्य के कोयला रॉयल्टी के बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये मांगते हैं, तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने 2019 में भाजपा को करारा जवाब दिया और आने वाले चुनाव में भी ऐसा ही होगा।

झामुमो के जवाब में भाजपा लाई गोगो दीदी योजना

झामुमो के जवाब में झारखंड भाजपा ने अपने पहले चुनावी घोषणापत्र में महिलाओं के लिए गोगो दीदी योजना शुरू करने की घोषणा की, जिसके तहत हर महीने 2,100 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस पर झामुमो विधायक ने कहा कि मइयां सम्मान योजना की अवधारणा झारखंड में पहली बार हेमंत सोरेन सरकार की तरफ से बनाई गई थी। इस रैली में उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने जल सहियाओं, पोषण सखियों और लाखों सखी मंडलों की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई पहल की हैं। कल्पना सोरेन ने कहा कि जल सहियाओं और पोषण सखियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी की गई है, जबकि सखी मंडल की महिलाओं को 11,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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