कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में किला फतह की कोशिश में बीजेपी
- सत्ता से लेकर संगठन तक ने झोंकी ताकत
लखनऊ। भाजपा विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले हर स्तर पर तैयारी पूरी कर लेने की कोशिश में है। सत्ता से लेकर संगठन तक ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी आगामी चुनाव में अह्म भूमिका अदा करने वाले सभी मोर्चों पर जबरदस्त किलेबंदी की तैयारी कर रही है। इसी के तहत हर क्षेत्र में बूथ सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्मेलन में खुद उपस्थित होकर संगठन के सबसे निचले पायदान पर बैठे बूथ अध्यक्षों से सीधा संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को निराला नगर ग्राउंड पर कानपुर-बंदेलखंड क्षेत्र का सम्मेलन आयोजित किया गया है।
पार्टी के नजरिए से देखें तो भाजपा के कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में 17 जिले आते हैं जबकि प्रशासनिक तौर पर 14 जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र में कानपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, उरई, झांसी, ललितपुर और फतेपुर की विधानसभा की 52 सीटे हैं। पिछले चुनाव में 47 सीटें भाजपा जीती थी। इस बार भाजपा की कोशिश है कि सभी सीटें उसकी झोली में आ जाएं। इसी लिहाज से किलेबंदी जारी है। मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं को इस बात का संदेश देंगे कि यदि हम इसी तरह सक्रिय रहे तो कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी 52 सीटों पर पार्टी का कब्जा होगा। वह यह भी बताएंगे कि चुनाव प्रबंधन कैसे किया जाए।
पार्टी संगठन से यह भी जानेंगे कि आने वाले चुनाव में क्या स्थिति बन रही है। क्षेत्रीय मुद्दे क्या होंगे। चुनाव में बूथ अध्यक्षों की क्या भूमिका होगी। मंडल अध्यक्षों और सेक्टर प्रभारी कैसे अपने क्षेत्र के बूथ का प्रबंधन देखेंगे। यह भी समझाने की कोशिश की जाएगी कि अब बहुत अधिक दिन नहीं रह गए। बूथ कार्यकर्ता केंद्र और राज्य सरकार के अच्छे कार्यों को जनता के बीच कैसे ले जाएंगे।