4PM एक बार फिर नम्बर वन, भरोसे ने बनाया चैंपियन
- मीडिया के सभी फार्मेट में तेजी से आगे बढ़ रहा 4PM
- जिद सच की टैग लाइन के साथ लोगों का भरोसा जीतने में हम लगातार आगे बड़ रहे हैं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 4पीएम एक बार फिर देश का नम्बर एक न्यूज चैनल बना है। दर्शकों के भरोसे और खबरों की विश्वसनीयता की परीक्षा की कसौटी पर खरा साबित होते हुए कामयाबी की शिखर पर एक बार फिर 4पीएम लहरा रहा है। 164.7 मिलियन व्यूज के सहारे 4पीएम देश का नम्बर एक चैनल बनने में कामयाब रहा। निश्चित तौर पर यहां तक का सफर संघर्षों भरा रहा। लाख चुनौतिया आयी और हमारी राह में पत्थर के साथ कांटे भी बिछाये गये। लेकिन चुनौतियों के आगे हमने हार नहीं मानी और डंटे रहे। जनता के हितों के सवाल पूछने में। हमने सरकार को सच का आइना दिखाने में कोताही नहीं की। कई बार ऐसा लगा कि आगे का सफर मुश्किल है। लेकिन दर्शकों के प्यार और जुनून ने हमें उस सफर पर आगे बडऩे की हिम्मत प्रदान की। खबरों के उस दौर में जहां सच को रौदने में तनिक भी देर नहीं की जा रही थी। हम उस दौर में भी सच के साथ खड़े रहे और आगे के किसी भी दौर में सच के साथ आंख से आख मिलाकर खड़े रहेंगे। मेन स्ट्रीम मीडिया ने भले ही अपने दायित्तवों का निर्वाहन ठीक प्रकार से न किया हो लेकिन 4पीएम हमेशा से हमेशा तक दायित्तवों का निवार्हन करता रहेगा। डाटा विग्स की ताजा रिपोर्ट हमारी इस बात को साबित करने में काफी है कि हम पत्रकारिता धर्म में कभी भी पीछे नहीं हटे।
रच दिया इतिहास
इस महीने के डाटाविंग्स के आंकड़ो में 4पीएम ने इतिहास रच दिया। 16.4 करोड़ व्यूज के सहारे 4पीएम फिर नम्बर एक पर आ गया। देश में 4पीएम नम्बर एक पर बना हुआ है। इस बार इतिहास तब बना जब अपने प्रतिद्वंदी रहे नम्बर दो से नम्बर एक बीच में 6 करोड़ से ज्यादा व्यूज का अंतर आया।
अफवाहों को मुह तोड़ जवाब
साजिशन 4पीएम पर हमले किये गये हमे बदनाम करने की कोशिश की गयी। लेकिन इस बार के आंकड़ों ने सबको मुह तोड़ जवाब दिया और बता दिया कि 4पीएम के साथ लोगों का न सिर्फ विश्वास बना हुआ बल्कि और ज्यादा मजबूत हुआ है। कुछ लोगों ने साजिशन 4पीएम को अफवाह फैला कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन सच को आंच क्या। 4पीएम को मिले लगभग 17 करोड़ व्यूज ने उन लोगों के मुह पर तमाचा मार दिया जिन्होंने साजिश रची थी।
प्रिंट में भी कामयाबी : 4पीएम संपादक संजय शर्मा
सिर्फ इलेक्ट्रानिक ही नहीं बल्कि प्रिंट मीडिया में भी 4पीएम का जलवा कायम है। लोग 4पीएम में छपी खबरों को बड़े चाव से पढ़ते हैं और फोन कर बधाई देते हैं। अक्सर या यूं कहूं कि ज्यादातर लोगों का यही कहना होता है कि जिन मुद्दों पर दूसरे मीडिया संस्थान आंख बंद कर आगे निकल जाते हैं 4पीएम उन मुद्दों को भी बड़ी बेबाकी से उठाता है।
कारवां बनता गया…
मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर देश जुड़ता गया और कारवां बनता गया। जिस समय 4पीएम की नींव डाली गयी थी कोमोवेश जैसे हालत आज के है वैसे ही हालत उस वक्त के भी थे। बस दौर अलग था। मीडिया को वश में करने की कोशिश उस समय भी होती थी और आज भी हो रही है। हमें यह बताते हुए हर्ष है कि न हम उस समय डरे और न ही आज डर कर पत्रकारिता कर रहे हैं। 4पीएम का कारवां लगातार बढ़ रहा है। न सिर्फ 4पीएम नेशनल बल्कि क्षेत्रीया भाषाओं के 4पीएम के दूसरे संस्करण भी लोगों को भा रहे हैं और वह उन्हें पंसद कर रहे हैं।
आसमां में सुराख
कामयाबी की यह कहानी उस दौर में लिखी जा रही है जिस दौर में रसूख के बल पर सबको मैनेज करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हमने चूंकि हमरी टैग लाइन ही ”जिद सच की” है लिहाजा हम अपनी इस जिद के साथ डटे हैं और आगे भी डटे रहेंगे।