जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें चीफ जस्टिस, कई बड़े मामलों में सुना चुकें हैं फैसला
4PM न्यूज़ नेटवर्क: जस्टिस संजीव खन्ना ने आज (11 नवंबर) को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ली। जस्टिस खन्ना पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे। न्यायमूर्ति खन्ना मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे। केंद्र ने 24 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया। सीजेआई संजीव खन्ना 6 महीने से थोड़ा अधिक का कार्यकाल पूरा करेंगे और 1 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। वो चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने और अनुच्छेद 370 निरस्त करने जैसे कई ऐतिहासिक फैसलों का भी हिस्सा रहे हैं।
आपको बता दें कि पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने सीजेआई के रूप में पदभार संभाला है। इसके साथ ही डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने अंतिम कार्य दिवस पर अपने विदाई भाषण में जस्टिस खन्ना के भविष्य के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया और अपने उत्तराधिकारी को ‘गरिमापूर्ण, स्थिर और न्याय के लिए गहराई से प्रतिबद्ध’ बताया था।
जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में अपने अब तक के कार्यकाल में कई बड़े फैसले किए हैं। उन्होंने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी। इसके अलावा मनीष सिसोदिया को बेल देते समय ये कहा कि PMLA कानून के सख्त प्रावधान किसी को बिना मुकदमा लंबे समय तक जेल में बंद रखने का आधार नहीं हो सकते।
महत्वपूर्ण बिंदु
- जस्टिस संजीव खन्ना इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देने वाली बेंच के सदस्य रहे।
- उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफिस के सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में होने का भी फैसला दिया।
- इसके अलावा उन्होंने ये भी फैसला दिया कि अगर किसी शादी को जारी रखना असंभव हो, तो सीधे सुप्रीम कोर्ट अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल कर तलाक का आदेश दे सकता है।