बिजनौर तिहरा हत्याकांड: जो जहां मिला, उसे वहीं मार डाला…बचने का मौका तक न दिया; बेहद ही शातिराना ढंग से मारा

लखनऊ। बिजनौर के तिहरे हत्याकांड को आरोपियों ने बेहद ही शातिर ढंग से अंजाम दिया। जो जहां-जहां सोया, उसे वहीं मार डाला। बरामदे में जमीन पर ही लगे बिस्तर पर कबाड़ी मंसूर और उसकी पत्नी जुबेदा की हत्या की। कमरे में सो रहे उनके बेटे याकूब को भी वहीं मार डाला। मृतकों को एक-दूसरे का बचाने का भी मौका नहीं मिला।
वारदात के बाद कबाड़ी मंसूर के छोटे से घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद मिला था। आशंका जताई गई कि आरोपियों ने अंदर घुसते ही दरवाजा बंद कर लिया था। इसके बाद दीवार फांदकर फरार हो गए। पुलिस को मौके पर आला कत्ल पेचकस के अलावा अन्य कोई साक्ष्य नहीं मिल सका।
छत पर एक कैंची जरुर पड़ी मिली, जिस पर खून का कोई निशान नहीं था। इतना ही नहीं पड़ोसियों को भी इस हत्याकांड की भनक नहीं लग सकी। उधर, मृतक के घर के सामने किराए पर रहने वाली महिला ने बताया कि रात में किसी की कोई आवाज भी नहीं सुनाई दी।
कबाड़ी मंसूर के हिस्ट्रीशीटर बेटे जहूर का झगड़ा 23 अक्तूबर को फुरकान उर्फ पहिया निवासी मिर्दगान के साथ हुआ था। अब तिहरे हत्याकांड में चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। फुरकान उर्फ पहिया, उसके बेटे और एक अन्य व्यक्ति शकील निवासी कांशीराम कॉलोनी को नामजद भी कराया गया है।
मंसूर उर्फ भूरा के पांच बेटे हैं। मंसूर पर ही चोरी आदि समेत छह मुकदमे दर्ज हैं। उसके बड़े बेटे चांद पर छह केस दर्ज है। एक मुकदमे में उसका गैर जमानती वारंट भी जारी हो रखा है। उसके हिस्ट्रीशीटर बेटे जहूर पर गैंगस्टर, गोकशी समेत नौ केस चल रहे हैं। हत्या के आरोप में जेल में बंद मंसूर कबाड़ी के तीसरे बेटे मतलूब पर 12 केस दर्ज हैं। मृतक याकूब पर भी गोकशी का एक केस दर्ज था।
कबाड़ी का पांचवां तसलीम बेटा अपनी बहन की ससुराल नजीबाबाद गया था। अगर वह शनिवार की रात अपने घर पर होता तो शायद उसकी भी हत्या हो सकती थी। तसलीम के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की बात सामने नहीं आई है।
पुलिस जब सबूत जुटाने की कोशिश में लगी थी, तभी शहर कोतवाल उदयप्रताप की नजर चप्पलों पर पड़ी। घर में तीन लोग थे, जबकि मौके पर चप्पल छह जोड़ी मिली। एक जोड़ी चप्पल महिला वाली, जबकि पांच जोड़ी मर्दाना थीं। तीन जोड़ी चप्पल बरामदे के बाहर सलीके से निकाली हुई प्रतीत हो रही थीं।
भले ही तिहरे हत्याकांड में नामजद रिपोर्ट है, मगर पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। मृतकों के मोहल्ले में कौन कौन आया गया, यह भी जांच के दायरे में है।
बिजनौर के के मोहल्ला मिर्दगान की खलीफा कॉलोनी में घर में सो रहे कबाड़ी मंसूर उर्फ भूरा (60), उसकी पत्नी जुबेदा (59) और बेटे याकूब (20) की पेचकस घोंपकर हत्या कर दी गई। रविवार की सुबह पति-पत्नी के शव घर के बरामदे में बिस्तर पर और बेटे का शव कमरे में मिला। पिछले माह 23 अक्तूबर को हुए झगड़े की रंजिश में हत्या करने का आरोप लगाते हुए पिता-पुत्र सहित चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
पुलिस के अनुसार, पड़ोस में ही दूसरे भाई के साथ रहने वाली मंसूर की मां हसीना घर पहुंची तो वारदात का पता चला। घटनास्थल से पेचकस बरामद किया गया। दोपहर में एडीजी बरेली रमित शर्मा, डीआईजी मुनिराज भी घटनास्थल पर पहुंचे। मंसूर के भाई गुलाम नबी ने फुरकान उर्फ पहिया निवासी मिर्दगान, उसके बेटे शकील निवासी कांशीराम कॉलोनी और दो अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बताया गया है कि 23 अक्तूबर 2024 को मंसूर के हिस्ट्रीशीटर बेटे जहूर का झगड़ा फुरकान उर्फ पहिया से हुआ था। इस झगड़े से हुई रंजिश में हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया है। एसपी ने बताया कि मामले के जल्द खुलासे के लिए पांच टीमों का गठन किया है। पुलिस ने घटनास्थल से खून से सनी ईंट, एक चाकू और एक पेचकस बरामद कर लिया है। पुलिस झगड़े की रंजिश सहित कई बिंदुओं पर जांच कर रही है।

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