कृषि कानूनों की वापसी से मुद्दा विहीन हो गया है विपक्ष: केशव
- डिप्टी सीएम व बीजेपी के यूपी अध्यक्ष ने पूर्व सरकारों पर साधा निशाना
लखनऊ। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा, कांग्रेस, बसपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार जिन्ना को याद करने वालों को अब जिन्ना भी नहीं बचा सकते। देश की जनता द्वारा भाजपा को दिए गए अपार समर्थन से कश्मीर से धारा 370 हटना, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर का बनना संभव हो सका है। अगर भाजपा की सरकार न होती तो क्या यह संभव हो पाता? इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने किसानों की मांग पर तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं, जिससे विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है और बौखलाहट में है।
यही वजह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की प्रचंड बहुमत से सरकार आएगी, इसका मैं अलीगढ़ की धरती से एलान करता हूं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के नाम पर रामघाट कल्याण मार्ग की घोषणा की। कहा, चूंकि यह मार्ग पहले से राम के नाम पर था, इसलिए इसमें अब कल्याण सिंह का नाम जोड़ा गया है। इस फोरलेन मार्ग का 400 करोड़ का प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है। जल्द इसका निर्माण शुरू कराया जाएगा। विकास कार्य गिनाते हुए उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से अलीगढ़ में 970 करोड़ रुपये से 1168 काम कराए गए हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकार का परिणाम सभी देख रहे हैं। सपा बसपा की सरकारों का लक्ष्य चंद जिलों का विकास था। मगर, अब सभी 75 जिलों में एक साथ विकास हो रहा है।
राम भक्तों पर सपा सरकार ने चलवाई थी गोली
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने राम मंदिर के पक्ष में निर्णय दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास किया। वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं होती तो क्या राम मंदिर निर्माण संभव होता। सपा सरकार में निहत्थे राम भक्तों पर गोली चलवाई गई थी। अगर जनता ने केंद्र और प्रदेश में भाजपा को अपार समर्थन देकर सरकार न बनवाई होती तो आज न तो कश्मीर से धारा 370 हटती और न राम मंदिर निर्माण संभव था। केंद्र में नरेंद्र मोदी ओर प्रदेश में योगी सरकार न होती तो अलीगढ़ को डिफेंस कॉरिडोर की सौगात नहीं मिलती।
मुद्दा विहीन विपक्ष में बौखलाहट
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण के लिए कार्य किया है। किसान, गरीब, मजदूरों की खुशहाली के लिए सरकार तत्पर रही है। चाहे वह प्रधानमंत्री किसान निधि योजना हो या अन्य विकास योजनाएं हों। कृषि कानूनों को लेकर कुछ लोग अपनी दुकान चला रहे थे। तीनों कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन और विरोध होने पर प्रधानमंत्री ने साहसिक कदम उठाते हुए तीन कानूनों वापस लेने की घोषणा की। प्रधानमंत्री के साहसिक निर्णय ने विरोधियों की दुकानें बंद कर दी हैं। इससे विरोधियों में बौखलाहट है और वह मुद्दाविहीन हो गए हैं। आज सपा, कांग्रेस, बसपा सहित अन्य दल कितने भी गठबंधन करें, लेकिन वह भाजपा से पार नहीं पा सकते हैं।