कानपुर नहीं बन पाया रामपुर

सीसामऊ में भाजपा को लगा झटका, इरफान सोलंकी को जेल में डालने के बाद भी हारी बीजेपी

इरफान की पत्नी नसीमा सोलंकी की शानदार जीत
पहले राउंड से बनाई बढ़त जो अंतिम राउंड तक जारी रही

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कानपुर की सीसामऊ विधानसभा के उपचुनाव में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीमा सोलंकी ने शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सुरेश अवस्थी को शिकस्त दी। इरफान सोलंकी लंबे समय से जेल में है और यहां उनकी सदस्यता रदद होने के बाद चुनाव करवाया गया था। कानपुर में मतदान के दिन जबर्दस्त तनाव देखने को मिला था। जगह—जगह पुलिस की बैरेकेटिंग थी और सीसामऊ से लगातार वोट न डालने की शिकायते चुनाव आयोग को मिल रही थी।
निर्वाचन आयोग ने 2 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया है। जीत के बाद नसीमा सोलंकी ने कहा कि जिस तरह से सीसामऊ की जनता विधायक जी को वोट देती आज मुझे दिया।

खत्म होता वोट शेयर ?

कुछ सीटों पर बीएसपी ने मुस्लिम और सवर्ण प्रत्याशी उतारे, जिससे अन्य दलों के वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना बनी। मीरापुर और कुंदरकी जैसी सीटों पर मुस्लिम वोटों के विभाजन से सपा को नुकसान हुआ, जबकि कटेहरी सीट पर बीएसपी ने बीजेपी को चुनौती दी पिछले प्रदर्शन की तुलना में 2010 के बाद यह पहला मौका था जब बीएसपी ने इतने सक्रिय रूप से उपचुनावों में भाग लिया। बीएसपी के लिए यह चुनाव अपनी खोई जमीन वापस पाने का एक प्रयास था। पार्टी का वोट शेयर धीरे-धीरे कम हो रहा है, और उपचुनाव में भी इस पर प्रभाव दिखा।?

सपा को नुकसान

सपा उप—चुनाव में जीत हासिल कर एक नैरेटिव सेट करना चहती थी जोकि नहीं हो पाया। नौ सीटों पर हो रहे चुनाव में चार सीटें सपा की थी। जिसमें से सिर्फ दो ही सीट वापस आ पायी बाकी की दो सीटें बीजेपी ने छीन ली। कानपुर एक लाख से ज्यादा वोटों की गिनती होने के बाद और 15 राउंड कम्पलीट होने के बाद 22 वोटों से नसीमा सोलंकी आगे चल रही थीं अब सिर्फ पांच राउंड वोटों की गिनती होनी बाकी है।

प्रतिष्ठा थी दांव पर

राजनीतिक पंडितों का यहीं मानना है कि इस उप—चुनाव में सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। तभी चुनाव से ऐन पहले मतदान की तारीखों में फेरबदल हुआ और यूपी में चुनाव 10 दिन आगे खिसकाये गये। विपक्ष इसे चुनावी साजिश के तौर पर देख रहा है उसका कहना है कि इन्हीं 10 दिनों में खेला किया गया। अधिकारियों पर दबाव बनाकर पानी की तरह पैसा बहाया गया।

प्रभाव तक नहीं छोड़ पाये बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी

बसपा सुप्रीमो मायावती का सूर्य अस्त हो रहा है और दलित लीडरशिप के तौर पर उभरे चन्द्रशेखर रावण का सूर्य चमक रहा है। यूपी उप—चुनाव के नतीजे तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं। उप—चुनाव से दूर रहने वाली मायावती ने इस बार उप—चुनाव की चुनौती को स्वीकार किया और मुस्तैदी से लड़ीं। सभी जगह अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन सभा करने कहीं नहीं गयी। उनकी उम्मीद के मुताबिक कटेहरी में हाथी ने दम तोड़ दिया। लोकसभा के बाद इन उप—चुनाव में भी मायावती के नतीजे सिफर रहे।

चन्द्रशेखर का दिखायी दे रहा जादू

एक बार फिर इस बात की चर्चा जोरों पर हो रही है कि बसपा सपा से गठबंधन कर सकती है। हालांकि यह अभी दूर की कौड़ी है और सियासी दिग्गजों की दिमागी उपज। क्योंकि शनै:शनै: युवा दलित मतदाताओं के मन पर आजाद समाज पार्टी के मुखिया चन्द्रशेखर रावण का जादू चलता दिखायी दे रहा है। क्योंकि कुदंरकी में जहां बीएसपी को 500 वोट भी नहीं मिले वहीं आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी को 2 हजार से ज्यादा वोट मिले।

अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी ने लोकतंत्र का गला घोट दिया है लोगों को उनके मताधिकार से वंचित कर बीजेपी ने अच्छा नहीं किया। उपचुनाव में जिन सीटों पर भाजपा की जीत हुई है उस पर सपाहो या फिर कांग्रेस सभी दल इसे प्रशासन की जीत बता रहे हैं। राजनीतिक दलों का कहना है कि जब लोगों को वोट ही नहीं देने दिया गया तो फिर चुनाव किस बात का।

दलित राजनीतिक की करीब से समझ रखने वाले बीडी नकवी कहते हैं कि मायावती के साथ 40 वर्ष आयु वर्ग से ऊपर के दलित मतदाता भरोसा करते हैं। जबकि चन्द्रशेखर रावण ने युवा दलित मतदाताओं के मन में अपनी जगह बना ली है।

एनपीपी के विधायक मुख्यमंत्री की बैठक में न जाएं: एन कायसी

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बोले- मुख्यमंत्री के रूप में एन बीरेन सिंह को हटाए भाजपा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मणिपुर। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के तीन विधायकों ने सोमवार को एनडीए की बैठक में भाग लिया, एनपीपी ने अपने सदस्यों से भविष्य में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होने के लिए कहा है। एनपीपी और भाजपा की सहयोगी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री के रूप में एन बीरेन की जगह लेने के बाद वह मणिपुर सरकार को समर्थन देना शुरू कर देगी। एनपीपी के प्रदेश अध्यक्ष एन कायसी द्वारा हस्ताक्षरित एक सलाह में इस बात पर जोर दिया गया कि पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष ने 17 नवंबर को आधिकारिक तौर पर सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
कायसी ने कहा कि परिणामस्वरूप, सभी एनपीपी सदस्यों को इस निर्णय का अनुपालन करना आवश्यक है। सोमवार को एनडीए की बैठक में 11 विधायक शामिल नहीं हुए. बैठक में शामिल नहीं होने पर उन्हें नोटिस दिया गया। 11 में से कम से कम 9 विधायक बीजेपी के थे, एक नेशनल पीपुल्स पार्टी का और एक निर्दलीय. करीब सात विधायकों ने छुट्टी ले ली, जिनमें से तीन बीजेपी विधायक थे। आधिकारिक तौर पर दावा किया गया कि बैठक में करीब 26 विधायक शामिल हुए। उभरती कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई थी। पिछले साल मणिपुर विधानसभा में दो विधायकों वाले कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। 60 सीटों वाले सदन में बीजेपी के 37 विधायक हैं, जबकि जेडीयू का एक विधायक है, जबकि तीन निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के पांच विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस के पास पांच विधायक हैं।

दीदी ने उपचुनाव में दिखाया दम टीएमसी ने बनायी अजेय बढ़त

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए शनिवार सुबह आठ बजे से जारी मतगणना में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों ने अजेय बढ़त बना ली है। ये परिणाम विशेष रूप से आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की घटना के संबंध में जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अहम हैं। इस घटना के विरोध में राज्य में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
पश्चिम बंगाल में सिताई (अनुसूचित जाति), मदारीहाट (अनुसूचित जनजाति), नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर और तालडांगरा विधानसभा क्षेत्रों में 13 नवंबर को उपचुनाव हुआ था। इन सीट से चुने गए विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के कारण इन विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कराया गया। उपचुनाव को राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक अहम राजनीतिक परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। बंगाल की नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तलडांगरा, सीताई (अनुसूचित जाति) और मदारीहाट (अनुसूचित जनजाति) सीट पर उपचुनाव हुआ था। इन छह सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था और मतदान प्रतिशत 69.29 रहा था। इनमें से पांच निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में हैं, जबकि मदारीहाट राज्य के उत्तरी हिस्से में भाजपा का गढ़ बना हुआ है। माकपा नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस ने 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग उपचुनाव लड़ा।अनुसूचित जाति (एससी) निर्वाचन क्षेत्र सिताई में तृणमूल की संगीता रॉय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार दीपक कुमार रे से 60,493 मतों के अंतर से आगे हैं। रॉय को अब तक 73,452 मत और रे को 12,959 वोट मिले हैं।अनुसूचित जनजाति (एसटी) सीट मदारीहाट में 39,353 वोट के साथ तृणमूल के जयप्रकाश टोप्पो आगे हैं, जबकि भाजपा के राहुल लोहार को 21,375 वोट मिले हैं। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा ने जीती थी।नैहाटी में तृणमूल के सनत डे 40,663 वोट हासिल कर सबसे आगे हैं जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार रूपक मित्रा को 15,461 मत मिले हैं।हरोआ में तृणमूल के एस के रबीउल इस्लाम ने 48,107 वोट प्राप्त किए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट के पियारुल इस्लाम 6,441 मतों के साथ पीछे हैं।मेदिनीपुर में तृणमूल के सुजॉय हाजरा 32,777 मतों के साथ आगे हैं। वह भाजपा के सुभाजीत रॉय (बंटी) से 11,398 वोटों के अंतर से आगे हैं। रॉय को 21,379 वोट मिले हैं।तालडांगरा में तृणमूल की फल्गुनी सिंघाबाबू 17,280 मतों के साथ आगे हैं। उन्होंने भाजपा की अनन्या रॉय चक्रवर्ती पर 6,324 मतों की बढ़त बना ली है। अनन्या को 10,956 वोट मिले हैं।

अखिलेश यादव की पीडीए फर्जी है: केशव मौर्या

बोले- समाजवादी पार्टी बनने जा रही है समाप्तवादी पार्टी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा ने कहा कि अखिलेश यादव की पीडीए फर्जी है। यह परिवार विकास एजेंसी है। उनकी असलियत लोगों के सामने आ गई है। लोकसभा में उन्होंने जो झूठ और छल का प्रचार किया, वह अब काम नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बनने जा रही है। 2024 का यह विधानसभा उपचुनाव सपा जैसी पार्टी के अंत का संकेत है। उपचुनाव वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 90 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 11 महिला प्रत्याशी हैं।
पहला चुनाव जहां लोकतंत्र बनाम तानाशाही देखी गई : अवधेश
आयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव, झारखंड चुनाव 2024 और महाराष्ट्र चुनाव 2024 की मतगणना पर कहा कि आजादी के बाद यह पहला चुनाव है जहां हमने लोकतंत्र बनाम तानाशाही देखी। आगे कहा कि लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को खत्म करके भाजपा ने पूरे चुनाव की कमान पुलिस और सरकारी अधिकारियों पर डाल दी थी। हमें जानकारी मिली है कि उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर वे (भाजपा) सीट नहीं जीत पाए तो निलंबन होगा।

पेड़ से टकराई स्कॉर्पियो, दो बच्चों समेत चार की मौत, तीन घायल
मेला देखकर लौटते समय हुआ हादसा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बिजनौर। बिजनौर जनपद के नहटौर में तेज रफ्तार स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। घटना में एक ही परिवार के दो बच्चो व दो महिलाओं की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
शुक्रवार रात थाना क्षेत्र के गांव नसीरपुर निवासी सुल्तान (35) पुत्र असरफ अली अपनी पत्नी गुलअफ्सा (28), पुत्री अनादिया (8 दिन), अलिशा (6), पुत्र शाद (5), बहन चांद बानो (35) और भांजी अदिबा (14 ) के साथ नजीबाबाद थाना क्षेत्र में मेला देखने गया था। रात करीब 11 बजे वे घर लौट रहे थे। इसी दौरान परिवार हादसे का शिकार हो गया। नहटौर कोतवाली रोड पर ऑक्सफोर्ड स्कूल के पास उनकी तेज रफ्तार स्कॉर्पियो कार अनियंत्रित होकर सडक़ किनारे खडे पेड़ से टकरा गई। हादसे में सुल्तान की पत्नी गुलअफ्सा, दोनों पुत्रियां अनादिया, अलिशा और बहन चांद बानो की मौके पर मौत हो गई जबकि सुल्तान, उसका पुत्र शाद और भांजी आदिबा घायल हो गए। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूचना पर एएसपी पूर्वी धर्म सिंह मार्छाल व सीओ सर्वम सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर जानकारी ली तथा पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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