नेशनल सैंपल सर्वे में यूपी में मिले 95 प्रतिशत असंगठित श्रमिक

लखनऊ। कोराेना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा असर असंगठित श्रमिकों पर पड़ा है। नेशनल सेंपन सर्वे 2019-20 की आई रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में असंगठित श्रमिकों की संख्या 95 प्रतिशत है और देश में यह संख्या 16.5 प्रतिशत है। इनकी परेशानियों का सही आंकलन की इनका जीवन स्तर सुधारने के लिए सरकार ने पहल ही है। श्रमिकों से बात करके उनकी मंशा के अनुरूप योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन की ओर से यह जिम्मेदारी नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट आफ ह्यूमेन डेवलपमेंट को दी गई है। यह श्रमिकोें से बातचीत कर डाटा एकत्र कर रिपोर्ट तैयार कर संगठन को देगा। पहले चरण में उत्तर प्रदेश के आठ जिलों लखनऊ, प्रयागराज, झांसी, गाजियाबाद, सिद्धार्थनगर, हरदोई व सहारनपुर में सर्वे होगा।

पांच लाख तक का मुफ्त इलाज

सहायक श्रमायुक्त यशवंत कुमार ने बताया कि असंगठित श्रमिक जैसे रिक्शा चालक,किसान,बीमा एजेंट,ट्यूटर, दुकान के सेल्समैन व घर-घर का करने वाली आया और ब्यूटी पार्लर संचालक समेत 156 प्रकार के काम करने वाले असंगठित श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन किया जा रहा है। कोई भी असंगठित क्षेत्र में काम कर रहा है वह अपना आनलाइन पंजीयन करा सकता है। श्रम विभाग की इस योजना से पंजीकृत श्रमिकों का दो लाख का बीमा होने के साथ ही पांच लाख तक का कैशलेस इलाज मिलता है।

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