कांग्रेस और राजद में बढ़ी तनातनी!
- कांग्रेस नेता शहनवाज आलम के बयान ने भड़काया विवाद
- राजद की तीखी प्रतिक्रिया, भाजपा ने ली चुटकी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में महागठबंधन के भीतर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच बढ़ती हुई तनातनी ने प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता शहनवाज आलम ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर अगले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनती है तो उनकी पार्टी को दो डिप्टी मुख्यमंत्री चाहिए- एक मुस्लिम और दूसरा सामान्य वर्ग से। इसपर राजद की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि शहनवाज आलम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और बिहार के सह-प्रभारी भी हैं।
आलम का यह बयान पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए दिया गया लगता है, जिसमें मुस्लिम, ऊंची जातियां और दलित वर्ग शामिल हैं। हालांकि इस बयान ने महागठबंधन के सबसे बड़े सहयोगी आरजेडी को नाराज कर दिया है। पार्टी ने इसे ‘गठबंधन धर्म का उल्लंघन’ करार दिया है और कांग्रेस से ऐसे बयानों को रोकने की मांग की है। राजद के प्रवक्ता मृतिंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस को अपने बयानों पर नियंत्रण रखना चाहिए। इससे यह साफ होता है कि आलम की टिप्पणी से पार्टी के अंदर असहमति की स्थिति पैदा हो गई है। राजद के लिए यह एक और चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि कांग्रेस का मुस्लिम वोट बैंक पिछले कुछ वर्षों में खिसक चुका है। अब यह वोट बैंक राजद के पास चला गया है। आलम ने हाल ही में यह भी कहा था कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए विधानसभा चुनावों में सीट बंटवारे पर फैसला लिया जाना चाहिए।
जदयू-भाजपा ने कांग्रेस को कोसा
आलम के बयान के बाद बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी कांग्रेस की आलोचना की है। जदयू के एमएलसी खालिद अनवर ने आलम के मुस्लिम समुदाय से जुड़े बयान को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में कई दंगे हुए थे, जिनमें मेरठ, भागलपुर और जबलपुर शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय इसे कभी नहीं भूल सकता। वहीं, बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल ने भी आलम के बयान को रोजग़ार की राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह कदम केवल राजनीतिक तुष्टिकरण का उदाहरण है। उनका कहना था कि बिहार में 2025 से 2029 तक मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम की कोई नई नियुक्ति नहीं होगी, क्योंकि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उनकी पार्टी तय करेगी कि डिप्टी सीएम कौन होगा।