माया देंगी साथ तो बन जाएगी बात!
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- फिर क्यों नहीं थाम रहीं कांग्रेस का हाथ?
- बीजेपी के राजनीतिक अंकगणित की हवा निकाल सकती हैं मायावती
- क्या डरती है मायावती… अखिलेश यादव के बाद राहुल गांधी ने माया पर साधा निशाना!
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इन दिनों मायावती पर आरोपों की बौछार है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मायावती पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने बसपा सुप्रीमों पर कड़े शब्दों का इस्तेमाल पहली बार किया है।
राहुल गांधी ने विपरीत परिस्थतियों में भी हमेशा मायावती के लिए सार्वजनिक मंचों से सम्मान जाहिर किया। लेकिन यह पहली बार है जब उदित राज के बयान के फौरन बाद कांग्रेस के सर्वोच्चय नेता राहुल गांधी ने खुलकर मायावती पर हमला बोला हो। राहुल के हमले का जवाब भी मायावती की तरफ से आ चुका है और उनके रायबरेली दौरे के दूसरे दिन उनके विरोध में पोस्टर लगाये गये हैं। यानि कि स्थिति तेजी से साफ हो रही है और भविष्य की राजनीतिक पिच तैयार होने लगी है।
बसपा से गठबंधन बरगलाने वाली बातें : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस जिन राज्यों में मजबूत है या जहां उनकी सरकारें हैं, वहां बसपा व उनके अनुयाइयों के साथ उसका द्वेष व जातिवादी रवैया है। यूपी जैसे राज्य में जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां बसपा से गठबंधन की बरगलाने वाली बातें करना यह उस पार्टी का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है।
पूर्व में धोखा दे चुके क्षेत्रीय दलों से आर—पार की लड़ाई
बड़ा सवाल यही है कि अभी तक क्षेत्रीय दलों को साध कर चलने वाली कांग्रेस अब उनसे पंगा क्यों ले रही है? दिल्ली में केजरीवाल की नैया डुबो कर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में नीतिश और यूपी मे मायावती से सीधे बैर लेकर कांग्रेस आगे क्यों बड़ रही है। राजनीतिक विषलेशकों को यही लगता है कि आम दिनों में सब ठीक रहता है लेकिन जैसे ही चुनाव होते हैं क्षेत्रीय दल कांग्रेस से मोल-भाव करने लगते हैं। चुनाव के दौरान कांग्रेस सेक्रीफाइज करती है तो भी उसी का नुकसान होता है और चुनाव लड़ती है तो भी नुकसान होता है। ऐसे में उसने उन क्षेत्रीय दलों से दो—दो हाथ करने की रणनीति बनाई है जो पूर्व में उसे धोखा दे चुके हैं।
डरती हैं मायावती : अखिलेश यादव
पूर्व में मायावती के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं कि बसपा सुप्रीमों मायावती ईडी और सीबीआई से डरती है। उनका यह भी कहना है कि मायावती ने कांशीराम के बहुजन आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है। अखिलेश यादव के मुताबिक मायावती उन सीटों पर उन जाति के मजबूत उम्मीदवार उतार देती है जो जो बीजेपी को हरा रहे होते हैं। कुंदरकी चुनाव हो या फिर दिल्ली का विधान सभा चुनाव। आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि पिछले कुछ वर्षों से बीएसपी का चुनावी मैनेजमेंट कैसा रहा है।
मायावती के भाजपा विरोधी मोर्चे में शामिल नहीं होने का अफसोस है : राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल नहीं होने से निराशा हुई थी। गांधी ने छात्रों से भारतीय राजनीति में बसपा के संस्थापक कांशीराम की भूमिका के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि कांशीराम जी ने नींव रखी और बहनजी (मायावती) ने उस पर निर्माण किया। इसके बाद उन्होंने मायावती के मौजूदा राजनीतिक रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, मैं चाहता था कि बहनजी हमारे साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ें, लेकिन किसी कारण से उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह बेहद निराशाजनक है।
और ज्यादा हमले बोले जाएंगे
राजनीतिक हाशिये पर पहुंच चुकी मायावती यदि राहुल गांधी के बयान को एक आफर की तरह लें तो उनके लिए यह राजनीतिक अर्पच्युनिटी साबित हो सकता है। लेकिन राहुल गांधी के रायबरेली में विरोध के पोस्टर लगावा कर मायावती ने अपना रूख साफ कर दिया है। ऐसे में नयी दलित लीडरशिप के तौर पर उभर रहे चन्द्रशेखर रावण और दूसरे दलित नेताओं को आगे कर कांग्रेस दलित वोटों को हासिल करने की कोशिश करेंगी और कांग्रेसी दलित नेताओं को आगे कर मायावती पर और ज्यादा हमले बोले जाएंगे।
मायावती पर राहुल के बयान का विरोध लखनऊ में लगाए पोस्टर, कहा- माफी मांगो
कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे जहां उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया को लेकर बयान दिया था कि वो चुनाव ठीक से नहीं लड़ती है, उनके इस बयान पर सियासत तेज हो गई है। अब बहुजन स्वाभिमान मंच की ओर से कांग्रेस पर बसपा सुप्रीमो के अपमान का आरोप लगाया गया है। इस मंच ने राजधानी लखनऊ में कई पोस्टर लगाए हैं जिसमें कांग्रेस पर दलितों को भ्रमित करने आरोप लगाया। बहुजन स्वाभिमान मंच ने जो पोस्टर लगाए हैं उसमें कांग्रेस पर बसपा सुप्रीमों के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी अपनी दोगली नीति से दलितों को भ्रमित कर रहे हैं, इस पोस्टर में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज के उस बयान पर निशाना साधा गया, जिसमें उन्होंने ये कहा था कि अब मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है।
बीजेपी का अंकगणित
भारतीय जनता पार्टी की हाल की रणीनति को अगर समझने की कोशिश करें तो एक बात साफ है वह अपने वोटों को साध कर चलती है और विपक्षी दलों के वोट बैंक को तितर—बितर करके चुनाव लड़ती है। दिल्ली हो या फिर दूसरे अन्य राज। सभी जगह बीजेपी ने यही किया और सफलता पाई। अब कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने बीजेपी को बीजेपी के ही रणनीति से हराने की योजना बनाई हैं। राहुल गांधी का ताजा बयान यही कहता है कि यदि मायावती, कांग्रेस और सपा यूपी में मिल कर चुनाव लड़े तो स्पष्ठ जीत हासिल कर सकते हैं।