बिहार में मंत्रियों की इतनी बढ़ गई सैलरी, सरकारी नौकरियों का भी खुला पिटारा..

बिहार में मंत्रियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी की गई है, जिससे राज्य के राजनीतिक गालियारों  में हलचल मच गई है। राज्य सरकार ने मंत्रियों की सैलरी में इजाफा करने का फैसला किया है, जिसके बाद अब उनकी आय में कई गुना बढ़ोतरी होगी।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार में मंत्रियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी की गई है, जिससे राज्य के राजनीतिक गालियारों  में हलचल मच गई है। राज्य सरकार ने मंत्रियों की सैलरी में इजाफा करने का फैसला किया है, जिसके बाद अब उनकी आय में कई गुना बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही, बिहार सरकार ने सरकारी नौकरियों का भी पिटारा खोलते हुए बड़ी संख्या में भर्ती की घोषणा की है। इन भर्तियों से राज्य में बेरोजगारी की समस्या को कम करने की उम्मीद जताई जा रही है, साथ ही युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है।राज्य सरकार के इस कदम को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और आम जनता की प्रतिक्रिया मिल रही है। जहां कुछ लोग इसे सरकार का सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे सियासी लाभ के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं।बिहार में बढ़ती सैलरी और सरकारी नौकरियों के मौके राज्य में रोजगार के लिए नई उम्मीदें जगा रहे हैं, लेकिन इस फैसले के दूरगामी प्रभाव पर अभी से चर्चा शुरू हो गई है।

बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य मंत्रियों का वेतन बढ़ाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों के मासिक वेतन में 15,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब उनका मासिक वेतन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही, क्षेत्रीय भत्ता भी बढ़ाकर 55,000 रुपये से 70,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, दैनिक भत्ते में भी वृद्धि की गई है, जिसे 3,000 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला बिहार सरकार के कैबिनेट द्वारा लिया गया है और इसका उद्देश्य मंत्रियों को बेहतर सुविधाएं और भत्ते प्रदान करना है। इस बढ़ोतरी से मंत्रियों की कार्यक्षमता और प्रशासनिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा आतिथ्य भत्ता में हुई बढ़ोत्तरी के तहत राज्य मंत्री के लिए इसे 24,000 से बढ़ाकर 29,500 और उप मंत्री के लिए 23,500 से बढ़ाकर 29,000 रुपये किया गया है. राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों अब सरकारी कर्तव्य के लिए 15 रुपये प्रति किलोमीटर की जगह 25 रुपये प्रति किलोमीटर मिलेगा.

नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक में बिहार में सरकारी नौकरियों के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य में आगामी चुनाव से पहले बंपर बहाली की घोषणा की गई है, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।स्वास्थ्य विभाग में 20,000 से अधिक नए पद बनाए गए हैं, जिन पर जल्द ही नियुक्तियां की जाएंगी। यह कदम राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।इसके अलावा, कैबिनेट सचिवालय के तहत विभिन्न कार्यालयों में सहायक उर्दू अनुवादक के 3306 पद सृजित करने की स्वीकृति दी गई है। कृषि विभाग में लिपिक संवर्ग के 2590 पदों के पुनर्गठन की भी स्वीकृति दी गई है।बिहार सरकार का यह फैसला राज्य में बेरोजगारी कम करने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इन नई नौकरियों से न केवल सरकारी सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि युवा वर्ग को बेहतर भविष्य का अवसर भी मिलेगा।

बिहार सरकार ने मद्य निषेध विभाग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, और स्वास्थ्य विभाग में बंपर बहाली की घोषणा की है। सरकार ने विभिन्न विभागों में हजारों पदों के सृजन की स्वीकृति दी है, जिससे राज्य में बेरोजगारी की समस्या को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।मद्य निषेध विभाग में मद्य निषेध सिपाही, कार्यालय परिचारी, निम्न वर्गीय लिपिक, प्रयोगशाला सहायक समेत कई पदों पर बंपर बहाली की जाएगी। इसके साथ ही, बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के 29 और कार्यालय परिचारी के 6 पदों सहित कुल 35 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।स्वास्थ्य विभाग के तहत एकीकृत आयुष अस्पताल पटना के संचालन के लिए 36 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।इस फैसले से राज्य में युवाओं को सरकारी नौकरियों के बड़े मौके मिलेंगे और साथ ही प्रशासनिक और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। बिहार सरकार के इस कदम से राज्य में रोजगार की संभावना और सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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