पानी विवाद के बीच सीएम मान का बड़ा बयान, कहा- पानी के लिए पंजाब में…

सीएम मान ने कहा ‘पंजाब में लोग दरांती और गंडासा लेकर खेतों में चले जाते हैं. पंजाब में पानी के लिए हत्याएं हो जाती हैं और आप हमारे घरों से बिना पूछे, बिना हमारे दस्तखत के आ रहे हैं,

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पानी के मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच जारी तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में दोनों राज्यों के अधिकारियों और नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बैठक चली, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।

इसी बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पानी के मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच जारी तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में दोनों राज्यों के अधिकारियों और नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बैठक चली, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। इसी बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का एक तीखा बयान सामने आया है, जिससे विवाद और गहराने की आशंका है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ शब्दों में कहा, “पानी के लिए तो पंजाब में कत्ल हो जाते हैं। ऐसे में हम अपना पानी बिना अपनी रजामंदी के कैसे किसी और को दे सकते हैं?” मान का यह बयान ऐसे समय आया है जब हरियाणा लंबे समय से सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर पंजाब पर दबाव बना रहा है। हरियाणा का कहना है कि उसे उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए, जबकि पंजाब का तर्क है कि राज्य में पहले से ही पानी की भारी कमी है और वह अतिरिक्त पानी देने की स्थिति में नहीं है। बैठक में कोई हल न निकलने के बाद अब मामला और अधिक राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से आगे क्या पहल की जाएगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

पंजाब के जालंधर में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम मान ने कहा ‘पंजाब में लोग दरांती और गंडासा लेकर खेतों में चले जाते हैं. पंजाब में पानी के लिए हत्याएं हो जाती हैं और आप हमारे घरों से बिना पूछे, बिना हमारे दस्तखत के आ रहे हैं, हम मना कर रहे हैं, हम सहमत नहीं हैं और आप हमसे कह रहे हैं कि लोधी-नंगल के पानी के गेट खोल दो. क्या आप हमसे जबरदस्ती पानी लेंगे?… भाइयों, ये नहीं चलेगा’.

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि पंजाब अपने आवंटित हिस्से से कही ज्यादा मात्रा में पानी का उपयोग कर रहा है और वहीं दूसरी ओर हरियाणा को उससे आवंटित हिस्से से 17% कम पानी मिल रहा है. उन्होंने कहा ‘भगवंत मान की सरकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर केवल भ्रमित करने का काम कर रही है. हरियाणा के कई जिलों में पीने के पानी की समस्या आ रही है, यह समस्या नहीं आती अगर सीएम मान पानी नहीं रोकते’. उन्होंने कहा कि मान का यह रवैया न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए एक गलत मिसाल पेश करता है.

जल विवाद पर नहीं बनी सहमति
इससे पहले शुक्रवार को हुई बैठक में भी दोनों के बीच जल विवाद को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी थी. बैठक में पंजाब ने पहले की तरह सिर्फ 4,000 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने पर सहमति जताई, जबकि हरियाणा 8,500 क्यूसेक पानी की अपनी मांग पर अड़ा
रहा. गृह सचिव के साथ गृह मंत्रालय में हुई बैठक में शामिल हुए पंजाब के एसीएस आलोक शेखर ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की मंशा से
अवगत कराया.

भाखड़ा डैम के पानी को लेकर विवाद
दरअसल पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा डैम के पानी को लेकर विवाद पैदा हो गया है. इसी को लेकर दोनों राज्यों की सरकारें  आमने सामने आ गई हैं और एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. बीबीएमबी ने पंजाब को लेकर फैसला सुनाया है कि वो हरियाणा को अतिरिक्त पानी दें. हालांकि सीएम मान ने साफ कहा था कि उनके पास हरियाणा या किसी दूसरे राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है.

‘अतिरिक्त पानी की मांग करना सही नहीं’
दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब भाखड़ा डैम से हरियाणा को दिए जा रहे पानी की मात्रा घटाकर 4,000 क्यूसेक कर दी गई. बीबीएमबी की तकनीकी समिति ने बीते 23 अप्रैल को हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी जारी करने का फैसला लिया था. इसी को लेकर पंजाब सरकार का कहना है कि उसने मानवता के चलते हरियाणा को सीमित मात्रा में पानी दिया था, लेकिन अब अतिरिक्त मांग करना सही नहीं है. वहीं हरियाणा सरकार का करना है कि भाखड़ा डैम में पानी का स्तर ऊंचा है, ऐसे में अगर समय पर इसे नहीं निकाला गया तो बारिश के दौरान अतिरिक्त पानी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान चला जाएगा, जिससे राष्ट्रीय नुकसान होगा. मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी कहा कि पानी किसी एक राज्य की संपत्ति नहीं, बल्कि प्राकृतिक संसाधन है जिस पर सभी का हक है.

Related Articles

Back to top button