राजीव राय के बयान ने मचाया बवाल, इमरान मसूद ने खोली मुस्लिम राजनीति की परतें!
उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने मिलकर बीजेपी को करारी मात दी थी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा….. और कांग्रेस ने मिलकर बीजेपी को करारी मात दी थी…… वहीं अब एक साल बाद दोनों ही दलों के रिश्ते पटरी से उतरते नजर आ रहे हैं…… कांग्रेस यूपी में अपने खोए सियासी आधार को दोबारा से हासिल करने में जुटी है….. तो सपा अपनी राजनीतिक जमीन पर हरहाल में पकड़ बनाए रखना चाहती है…… कांग्रेस और सपा के बीच असल लड़ाई मुस्लिम वोटों को लेकर है…… कांग्रेस मुस्लिम वोटों को अपने पाले में रखने की कवायद में तो सपा किसी भी सूरत में अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती……. इसके चलते ही दोनों पार्टियों के बीच शह-मात का खेल चल रहे हैं……
बता दें कि कांग्रेस की तरफ से सांसद इमरान मसूद ने खुद मुस्लिमों को साधने के लिए मोर्चा संभाल रखा है…… पहले सपा विधायक आशु मलिक उतरे और अब दो दिन पहले सांसद राजीव राय ने इमरान मसूद को बीजेपी का स्लीपर सेल बताया है…….. इसके बाद इमरान ने जवाबी हमला करते हुए अखिलेश यादव की मुस्लिम पॉलिटिक्स पर सीधा हमला बोल दिया…… और उन्होंने कहा कि सपा को बोलते हुए हूं मुसलमान नहीं चाहिए…… बल्कि दरी बिचाने वाले चाहिए…..
इमरान मसूद 2024 में सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए……. इमरान को 17 साल के बाद 2024 में जीत मिली थी…….. जिसके बाद से ही मुस्लिम चेहरा बनने की कवायद में जुटे हुए हैं……. वक्फ संशोधन कानून के लिए बने जेपीसी में सदस्य रहते हुए इमरान मसूद ने पूरी मजबूती के साथ मुस्लिमों की बात रखी थी……. सांसद से सुप्रीम कोर्ट तक वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ इमरान मसूद खड़े नजर आए……. इसके अलावा मुस्लिमों के जुड़े मुद्दे पर मुखर हैं…… और सपा से लेकर दूसरे दलों पर सवाल उठाते रहते हैं……
इमरान मसूद ने पहले सहारनपुर के देहात सीट से सपा विधायक आशू मलिक के खिलाफ मोर्चा खोला था….. और अब सपा की मुस्लिम सियासत को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है……. इसके अलावा 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए इमरान साफ कह चुके हैं…… कि कांग्रेस को सम्मान जनक सीटें मिलती हैं……. तभी सपा के गठबंधन होगा…… कांग्रेस अब 17-80 वाले फॉर्मूले पर नहीं चलेगी…… कांग्रेस को लोकसभा में 17 सीटें मिली थी…… और उस लिहाज से विधानसभा की 80 सीटें मिलने की बात है…… इमरान ने इस फॉर्मूले को पूरी तरह से नकार रहे हैं…….. जिसे लेकर सपा उनको बीजेपी का एजेंट बताने लगी है……
सपा की तरफ से पहले विधायक आशु मलिक उतरे…… और अब सांसद राजीव राय ने दो दिन पहले इमरान पर करारा हमला करते हुए उन्हें बीजेपी का एजेंट करार दिया……. राजीव राय ने कहा कि इमरान मसूद को ना कांग्रेस ने अधिकृत किया है……. और ना ही वो इंडिया गठबंधन के प्रवक्ता है…… और ना ही उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं……. वो सपा के सहारे जीते हुए एक सांसद हैं……. उनको ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए जिसकी उम्मीद बीजेपी करती है…….
बता दें कि राजीव राय ने कहा कि बीजेपी को मदद करने के लिए वो ऐसे अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं…… और उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान मसूद तो बीजेपी के स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं….. इसका संज्ञान कांग्रेस को लेना चाहिए…… वहीं, सपा के विधायक आशु मलिक ने इमरान मसूद को बीजेपी के इशारे पर काम करने के आरोप लगाते हुए हमला बोला था……. इसके अलावा सपा के कई नेताओं ने इमरान मसूद के सियासी तेवरों की अलोचना कर चुके हैं……
सपा सांसद राजीव राय ने इमरान मसूद को बीजेपी की स्लीपर सेल बताकर उनके तेवर को और भी आक्रामक बना दिया है….. इमरान मसूद ने सपा की मुस्लिम पॉलिटिक्स की जड़े पूरी तरह से हिलाकर रख दी है….. इमरान ने कहा कि लोग तय करेंगे कि कौन बीजेपी का स्लीपर सेल है……. आगे चलकर आपके लिए बीजेपी का तो रास्ता खुल सकता है……. लेकिन हमारे लिए कभी नहीं खुल सकता…… और उन्होंने कहा कि हमें स्लीपर सेल बताना आसान है……. क्योंकि, सपा को बोलता हुआ मुसलमान नेता बर्दाश्त नहीं होता है…… सपा को दरी बिछाने वाले नेता चाहिए…… बोलते हुए मुस्लिम नहीं……
इमरान मसूद ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव की मुस्लिम सियासत को लेकर सवाल खड़े कर दिए……. मुसलमानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर खामोशी, आपकी पार्टी की लाइन, मुसलमानों को बेचैन करती है……. मुकदमा दर्ज कराकर मुसलमानों की बोलती हुई आवाजों को खामोश कर दिया गया……. जो मुसलमानों की आवाज उठाएगा…… उसे आप बीजेपी का स्लीपर सेल बताएंगे…… बता दें कि समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए इमरान मसूद बोले…… बोलते मुस्लिम आपसे बर्दाश्त नहीं होता…… आपको ऐसे मुस्लिम चाहिए जो चुप रहे, आपकी चाकरी करे….. जब मैं अपनी पार्टी के उत्थान की बात कर रहा हूं…… तो आप सीधे हमला करने की कोशिश कर रहे हैं…… और मैं बीजेपी का स्लीपर सेल क्यों बनूंगा…..
इमरान मसूद ने कहा जितने बोलने वाले मुसलमान हैं…… वो तो सब आपने खत्म कर दिए……. आजम खान की बर्बादी की दास्तान किसी से छिपी नहीं है…… जाहिद बेग एक साल बाद जेल से बाहर आए हैं…… इरफान सोलंकी जेल के अंदर हैं……. कादिर राणा की बर्बादी सामने है……. साल 2009 में कल्याण सिंह और साक्षी महाराज को किसने जॉइन कराया था……. पार्लियामेंट में खड़े होकर नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने की कामना किसने की थी…… जब वक्फ संशोदन बिल संसद में पास हुआ…… तो आपने अपना स्टैंड बता दिया……. पूरे देश ने देखा कि आपने कैसा स्पीच दिया….. पता चल गया कि कौन मजाक उड़ा रहा था…… वहीं इस मुद्दे पर आपकी तरफ से कोई अमेंडमेंट तक नहीं हुआ……
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि 2022 के चुनाव में एक तरफा वोट मुसलमानों ने सपा को दिया……. आप सरकार नहीं बना पाए. इसके लिए मुसलमान जिम्मेदार नहीं है…… सरकार नहीं बनी तो परिणाम मुसलमानों को भुगतना पड़ रहा है……. आपने 2022 में मुसलमानों के टिकट इसलिए काट दिए…… और उपचुनाव में टिकट देंगे……. हारेंगे पिटेंगे और मुकदमे भी झेलेंगे…… इससे आप पर तो फर्क नहीं पड़ रहा…… फर्क तो अब्दुल पर पड़ रहा है……. आज हमारी दरगाहें तोड़ी जा रही…… हमारी मस्जिदें शहीद होंगी……. बहराइच में सालार गाजी की पूरी मान्यता है……. उसके बाद भी दरगाह को सीधा टारगेट किया जा रहा……. नेजा मेला संभल में रोका गया तो आपका स्टैंड क्लियर नहीं है…… हम सिर्फ यह बात कर रहें कि अब्दुल सिर्फ दरी नहीं बिछाएगा…… परेशानी तो हमारे हिस्से में आती हैं, आपके हिस्से में तो आती नहीं हैं……
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की सियासत में मुसलमानों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है……. यूपी में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं…….. सपा से लेकर बसपा…… और कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटों पर है…… असदुद्दीन ओवैसी भी आस लगाए बैठे हैं….. तो बीजेपी भी पसमांदा मुस्लिम कार्ड खेल रही है……. यूपी की कुल 403 विधानसभा की सीट हैं…… इनमें से लगभग एक तिहाई यानी 143 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटर प्रभावशाली हैं……
वहीं, यूपी की 43 सीटों पर मुस्लिम वोटों का ऐसा असर है कि मुस्लिम उम्मीदवार यहां अपने दम पर जीत हासिल कर सकते हैं…… इन्हीं सीटों पर मुस्लिम विधायक बनते रहे हैं…… यूपी की सियासत में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व उनकी आबादी के तुलना में हमेशा से कम रहा है……. सूबे में जब-जब बीजेपी सत्ता में आई है……. तब-तब मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व कम हुआ है……. 2017 की तुलना में 2022 में मुस्लिमों विधायकों की संख्या बढ़ी है…… 2017 में 24 मुस्लिम विधायक थे…… और 2022 में 34 मुस्लिम जीतकर आए हैं……
बता दें कि आजादी के बाद से नब्बे के दशक तक उत्तर प्रदेश का मुस्लिम मतदाता कांग्रेस का परंपरागत वोटर रहा है……. लेकिन राममंदिर आंदोलन के चलते मुस्लिम समुदाय कांग्रेस से दूर हुआ तो सबसे पहली पंसद मुलायम सिंह यादव के चलते सपा बनी…… और उसके बाद समाज ने बसपा को अहमियत दी……. इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच मुस्लिम वोट बंटता रहा……. लेकिन 2022 के चुनाव में एकमुश्त होकर सपा के साथ गया…..
आपको बता दें कि मुसलमानों का सपा के साथ एकजुट होने का फायदा अखिलेश यादव को मिला…….. सपा 47 सीटों से बढ़कर 111 सीटों पर पहुंच गई…… सीएसडीएस की रिपोर्ट के मुताबिक 83 फीसदी मुस्लिम सपा के साथ थे……. बसपा और कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मुसलमानों ने वोट नहीं किया था…… असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को भी मुस्लिमों ने नकार दिया था……. इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस-सपा गठबंधन को 90 फीसदी वोट दिया है…… सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही…… यहीं से कांग्रेस और सपा के बीच मुस्लिम वोटों को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है…,….



