ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’ जारी, आर्मेनिया और मिस्र बने रेस्क्यू मिशन के सहयोगी
तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिक जो इजराइल से बाहर निकलने के इच्छुक हैं, वो लैंड बॉर्डर पार करने के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः ईरान और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध को एक सप्ताह हो चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। इस गंभीर स्थिति में भारत सरकार ने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया है।
सरकार ने जानकारी दी है कि ईरान में फंसे भारतीयों को आर्मेनिया के रास्ते वापस लाने के रास्ते वापस लाया जा रहा है। वहीं, इजराइल से नागरिकों को निकालन् के लिए (इजिप्ट) ने मदद का हाथ बढ़ाया है। मिस्र ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वह युद्धग्रस्त इज़राइल से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में संपूर्ण सहयोग देगा। भारत सरकार के लिए यह एक बड़ी राजनयिक सफलता मानी जा रही है, खासतौर पर ऐसे समय में जब युद्ध का दायरा बढ़ता जा रहा है और ऑपरेशन सिंधु जैसे अभियान को तेज और संवेदनशील समन्वय की आवश्यकता है।
भारत में मिस्र के राजदूत कामेल गलाल ने कहा है कि उनका देश इजराइल से लोगों को निकालने के लिए भारत को सहायता देगा. इजराइल-मिस्र लैंड बॉर्डर भारतीयों की वापस लाने का एक विकल्प है. इजिप्ट का ये कदम भारत के लिए राहत की बात है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त उसने पाकिस्तान का साथ दिया था.
तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिक जो इजराइल से बाहर निकलने के इच्छुक हैं, वो लैंड बॉर्डर पार करने के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं. दूतावास ने कहा कि जो भारतीय इस विकल्प को अपनाते हैं, उन्हें टाइमिंग की पुष्टि करनी होगी और मिस्र तथा जॉर्डन के लिए वीजा प्राप्त करना होगा. इजराइल में 32,000 से अधिक भारतीय रहते हैं और हाल के महीनों में यह संख्या और भी बढ़ गई है.
मिस्त्र के विदेश मंत्री आएंगे भारत
मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती अगले सप्ताह दिल्ली आने वाले हैं. दोनों देशों के बीच संबंधों को ऐतिहासिक बताते हुए मिस्र के राजदूत ने कहा कि हमारा फोकस रक्षा क्षेत्र में होगा. उन्होंने कहा, हमारे रक्षा सहयोगी भारतीय समकक्षों, भारतीय कंपनियों के साथ चर्चा करने की योजना बना रहे हैं, ताकि हम संयुक्त उत्पादन के संयुक्त कार्यक्रम बना सकें.
सितंबर 2022 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की काहिरा यात्रा के दौरान, भारत और मिस्र ने रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, सह-उत्पादन और उपकरण रखरखाव पर केंद्रित है. भारतीय और मिस्र के स्पेशल फोर्सेस ने जनवरी 2023 में राजस्थान में अपना पहला संयुक्त अभ्यास, एक्सरसाइज साइक्लोन आयोजित किया, जिसका उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना था. भारतीय नौसेना के INS कोच्चि ने जून 2022 में मिस्र के नौसेना के जहाजों के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास में भाग लिया था.
पिछले कुछ वर्षों में कई उच्च स्तरीय यात्राएं हुई हैं. प्रधानमंत्री मोदी जून 2023 में इजिप्ट गए थे. 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ये पहली यात्रा थी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह 2023 में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे.ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए थे सवाल
इजिप्ट भारत से संबंध मजबूत करने की कोशिश तो करता रहा, लेकिन पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के वक्त उसने भारत की कार्रवाई
पर सवाल उठाए थे. पिछले कई वर्षों से वो कश्मीर मुद्दे पर भारत की कार्रवाई से दूरी बनाकर चलता रहा है. हालांकि भारतीय सेना के
अभियान के बाद जब सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इजिप्ट पहुंचा था तब उसके सुर बदल गए थे. उसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति की तारीफ की और कहा हम भी बताएंगे आतंकवादियों को कैसे मारा जाता है. इजिप्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि वो भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को हर क्षेत्र में मजबूत करना चाहता है.



