कानपुर DM Vs CMO विवाद: हरिदत्त नेमी के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू, अखिलेश बोले- सच सामने लाने के लिए…

कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी पर वित्तीय अनियमितता और अस्पतालों से अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों के मद्देनज़र जिलाधिकारी (DM) द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेजा गया, जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। डॉ. नेमी को निलंबित करते हुए लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही, उनके खिलाफ विजिलेंस जांच भी प्रारंभ कर दी गई है। यह आदेश स्वास्थ्य विभाग की सचिव रितु माहेश्वरी द्वारा गुरुवार, 20 जून 2025 को जारी किया गया। हालांकि उनकी जगह पर श्रावस्ती के एसीएमओ डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनाया गया है। वे जल्द ही कार्यभार ग्रहण करेंगे।
तो वहीं निलंबन आदेश के कुछ ही घंटों बाद, डॉ. हरिदत्त नेमी ने अपने कैंप कार्यालय में प्रेस वार्ता की और जिलाधिकारी पर पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा मुझसे बार-बार दबाव बनाया गया कि मैं ‘सिस्टम’ में शामिल हो जाऊं। पैसे की मांग की गई। जब मैंने समझौता नहीं किया, तो मेरे खिलाफ निलंबन की संस्तुति कर दी गई।
डॉ. नेमी का यह भी दावा है कि 16 दिसंबर 2024 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही, हर प्रशासनिक बैठक में जिलाधिकारी उन्हें जातिसूचक शब्दों के माध्यम से प्रताड़ित करते रहे। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
तो वहीं इस मामले में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि एक ईमानदार व्यक्ति ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता है। कानपुर के DM बनाम CMO के बीच की टकराहट का सच सामने लाने के लिए एक उच्चस्तरीय, निष्पक्ष जाँच बैठाई जाए।
फिलहाल कानपुर की स्वास्थ्य सेवाओं के शीर्ष अधिकारी पर लगे इन आरोपों ने न केवल चिकित्सा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और शक्ति के दुरुपयोग जैसे सवाल भी खड़े कर दिए हैं। निलंबित अधिकारी के पलटवार ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया है। अब देखना होगा कि विजिलेंस जांच और संभावित न्यायिक कार्यवाही इस पूरे विवाद को किस दिशा में ले जाती है।



