Etawah मामले पर भड़के रामजी लाल सुमन, सुना दी खरी- खरी

उत्तर प्रदेश के इटावा की घटना पर बढ़ा तनाव... सपा सांसद एवं महासचिव रामजीलाल सुमन फायर.... कहा- दो विचारधाराओं का टकराव...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हाल ही में एक घटना ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी…… यह मामला सामाजिक तनाव…… राजनीतिक विवाद और जातिगत मुद्दों को लेकर चर्चा का केंद्र बन गया है…… समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये जाति नहीं, विचारधारा की जंग है…… उनके इस बयान ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई……. बल्कि सामान्य जनता के बीच भी इस मुद्दे पर गहरी बहस शुरू कर दी…….. इस खबर में हम इस घटना का विवरण…… रामजी लाल सुमन का बयान……. सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव पर चर्चा करेंगे…..

सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने इटावा की घटना पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दो समाज और जातियों का टकराव नहीं……. बल्कि दो विचारधाराओं का टकराव है…… जो वेद और शास्त्रों की जानकारी रखता है……. अगर कुछ लोगों ने भागवत-पुराण पढ़ लिया………. महाभारत और गीता पढ़ ली….. और उसके बाद वह पंडित हो गए…… वहीं, अगर पंडित के काम को किसी जाति विशेष के लोगों ने…… पिछड़ों और दलितों ने कर लिया……. तो इसमें कौन सा पाप हो गया……. जो लोग यह समझते हैं कि यह हमारी बपौती है…… वे गलतफहमी के शिकार हैं…… सिर्फ इस आधार पर तनाव पैदा करना किसी भी कीमत पर न्यायसंगत नहीं है…..

सांसद रामजी लाल सुमन ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह घटना केवल जातिगत आधार पर नहीं…… बल्कि विचारधारा की जंग का हिस्सा है….. आपको बता दें कि उनका यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है…… और उन्होंने कहा कि कुछ लोग सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं…….. और यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत हो रहा है…….. वहीं उनके इस बयान ने कई लोगों को हैरान कर दिया……. क्योंकि यह न केवल इस घटना को एक नया दृष्टिकोण देता है……. बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या यह मामला वास्तव में जातिगत तनाव से परे कुछ और है……

वहीं रामजी लाल सुमन ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज को बांटने का काम करती हैं……. और इनके पीछे कुछ राजनीतिक ताकतें हो सकती हैं……. और उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस तरह के कृत्यों को बढ़ावा दे रही है……. उनके इस बयान ने विपक्षी दलों को एक नया मुद्दा दे दिया…….. जिसके आधार पर वे सरकार पर हमला कर रहे हैं…..

इस घटना ने उत्तर प्रदेश में सामाजिक तनाव को बढ़ाने का काम किया है…….. खासकर, दलित और यादव समुदाय के बीच तनाव की खबरें सामने आई हैं……. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे दलित सांसद के खिलाफ साजिश बताया…….. जबकि कुछ अन्य ने इसे सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करार दिया……. इस घटना ने लोगों के बीच डर और अविश्वास का माहौल पैदा किया है……

राजनीतिक स्तर पर यह मामला और भी गंभीर हो गया है……. सपा ने इस घटना को लेकर सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं…….. सपा पार्टी का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं…….. आपको बता दें कि इस मामले ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है…….. जहां एक तरफ सपा इसे दलित और पिछड़े वर्गों के खिलाफ साजिश बता रही है…….. वहीं दूसरी तरफ भाजपा इसे कानून-व्यवस्था का मामला बताकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है……

इस घटना में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं……. और कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की…… और मूकदर्शक बनी रही…….. दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की……. लेकिन हालात इतने बिगड़ गए थे कि तुरंत कार्रवाई करना मुश्किल था…… रामजी लाल सुमन ने भी पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए……. और कहा कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती……. तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती…… और उन्होंने यह भी मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा दी जाए……

आपको बता दें कि रामजी लाल सुमन के बयान में “विचारधारा की जंग” का जिक्र कई सवाल उठाता है….. उनका यह कहना कि यह मामला जाति से परे विचारधारा का है……. इसे कई तरह से समझा जा सकता है……. उत्तर प्रदेश में लंबे समय से जातिगत राजनीति एक बड़ा मुद्दा रही है……. सपा और भाजपा दोनों ही अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाते रहे हैं…….. सपा जहां दलित और पिछड़े वर्गों के हितों की बात करती है……. वहीं भाजपा अपने को सभी वर्गों के लिए समान बताती है…..

रामजी लाल सुमन का यह बयान शायद इस ओर इशारा करता है कि…… यह मामला केवल जातिगत टकराव का नहीं……. बल्कि दो अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं का है……. एक तरफ सपा की सामाजिक न्याय की विचारधारा है……. तो दूसरी तरफ भाजपा की हिंदुत्व और विकास की विचारधारा……. इस तरह की घटनाएं इन दोनों विचारधाराओं के बीच टकराव को और गंभीर बना सकती हैं……

इटावा कांड और रामजी लाल सुमन का बयान उत्तर प्रदेश की राजनीति और समाज में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाने वाला साबित हो सकता है……. यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है…….. बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे छोटी सी घटना सामाजिक……. और राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकती है……. रामजी लाल सुमन का “विचारधारा की जंग” वाला बयान इस मामले को एक नया दिशा देता है…….. लेकिन यह भी सवाल उठाता है कि क्या यह वास्तव में विचारधारा का मामला है या फिर पुरानी जातिगत राजनीति का नया रूप है……

 

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