विधायक प्रकाश द्विवेदी का बड़ा बयान, बोले- विकास योजनाओं में हो रहा सामाजिक भेदभाव

बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने शनिवार को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं में हो रही अनियमितताओं और कथित भेदभाव को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने सीधे तौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल पर दलित और जनजातीय समुदाय के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया।
विधायक ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत के चार प्रमुख सदस्य जो मुख्य रूप से दलित और पिछड़े वर्ग से आते हैं उन्हें योजनाओं से जबरन अलग कर दिया गया है और उनकी जगह दूसरों को जिम्मेदारी सौंप दी गई। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर सीधा हमला बताया।
दो बार जांच, फिर भी कार्रवाई नहीं
प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने खुद इस पूरे मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद दो बार जांच कराई गई। पहली जांच जिला स्तरीय तीन सदस्यीय टीम द्वारा की गई थी, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल की भूमिका पर सवाल उठाए गए और तीन अधिकारियों को निलंबित भी किया गया।
इसके बाद दूसरी जांच महोबा जिले से कराई गई, जिसमें सुनील पटेल को भी दोषी माना गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दोनों जांच रिपोर्टों में गड़बड़ी साबित हो चुकी है, तो अब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
अगर मैं दोषी हूं तो जांच कराओ, तैयार हूं — विधायक की खुली चुनौती
विधायक द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई प्रमाण है तो वे जांच के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा, “यह एक पूर्वनियोजित साजिश है, जो मेरी छवि धूमिल करने और क्षेत्रीय विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने के लिए रची गई है।”
विधायक ने इस पूरे विवाद को सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं, बल्कि दलित-पिछड़ा वर्ग के हक की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि पंचायत सदस्य, जो कि वंचित समुदाय से आते हैं, उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है। हम इस लड़ाई को जनता के साथ मिलकर लड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी वर्ग को उसके अधिकार से वंचित न किया जाए।



