‘भूराबाल’ साफ करो की एंट्री

  • बिहार की सियासत में फिर उठा बवंडर
  • डिप्टी सीएम ने कहा- किसी की हिम्मत नहीं जो भूराबाल साफ कर सके
  • महागठबधंन की महत्वूपर्ण बैठक आज
  • आक्रामक चुनावी अभियान शुरू करेगा महागठबधंन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। भूरा बाल साफ करो सियासी नारे ने बिहार विधानसभा चुनाव में भूकंप की स्थिति पैदा कर दी है। हुआ यूं कि राजद विधायक रंजीत यादव की सभा में किसी ने भूरा बाल साफ करो नारा लगा दिया। यह नारा तेजी से वायरल हुआ और देखते ही देखते बिहार की चुनावी फिजा विस्फोटक हो गयी।
हालांकि इस नारे से राजद और विधायक दोनों ने किनारा कर लिया लेकिन बीजेपी की ओर से इस नारे पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली और सरकार में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने राजद को चेतावनी देते हुए कहा कि बिहार में किसी में हिम्मत नहीं है कि यहां भूरा बाल साफ कर सके।

नारे का मतलब

इस नारे की उत्पत्ति 1990 के दशक में हुई थी जब मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू हुई और बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव उभरे। भूरा बाल में शामिल जातियाँ भू (भूमिहार), रा (राजपूत), बा (ब्राह्मण), ल (लाल यानी कायस्थ) लंबे समय तक सत्ता की धुरी रही थीं। साफ करो, यानी इस वर्चस्व को खत्म करो। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कभी इस नारे को खुले में स्वीकार नहीं किया ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने तिलक, तराजू और तलवार नारे से खुद को अलग रखा। हालांकि यूपी वाला नारा कांशीराम की राजनीतिक प्रयोगशाला में तैयार किया था और भूरा बाल साफ करो नारे को लालू प्रसाद यादव के समर्थकों ने पिछड़ों के सशक्तिकरण का प्रतीक बना दिया। हालांकि तेजस्वी यादव ने कभी इस नारे का इस्तेमाल नहीं किया है।

डिप्टी सीएम का पलटवार

बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने राजद को चेतावनी देते हुए कहा कि बिहार में किसी में हिम्मत नहीं है कि बिहार से भूरा बाल साफ कर सके। विजय सिन्हा के इस बयान पर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध कुमार मेहता ने उस बयान से किनारा करते हुए कहा कि जहां भी ऐसी टिप्पणी की गई है राष्ट्रीय जनता दल का उनसे कोई संबंध नहीं है।

कहां से आया नारा

राजद विधायक रंजीत यादव की एक आम सभा चल रही थी। सभा का मुददा विकास, बेरोजगारी और महंगाई था कि अचानक पीछे से आवाज आई भूरा बाल साफ करो इस आवाज के आते ही मंच पर सन्नाटा पसर गया। समर्थक जोश में तालियां बजाने लगे। लेकिन अगले ही पल मीडिया ने क्लिप काट दी, वायरल वीडियो ने आग में घी काम किया और पूरे बिहार में इस नारे पर चर्चा होने लगी। हालांकि राजद ने तुरंत नारे से पल्ला झाड़ लिया। रंजीत यादव ने बयान दिया कि यह किसी उत्साही कार्यकर्ता का निजी उन्माद था। पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं।

‘गरीबी हटाओ’ नारे ने 1971 में विपक्ष को ध्वस्त करते हुए इंदिरा गांधी की सरकार बनवाई।

‘जय जवान जय किसान’ नारे की जनमानस में गूंज, लाल बहादुर शास्त्री की सरकार।
‘रोटी, कपड़ा और मकान’ नारे से कांग्रेस की सत्ता में वापसी
‘मेरा देश बदल रहा है और अच्छे दिन आएंगे’ नारे ने करिश्माई काम किया और 2014 में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी।
‘मोदी हैंतो मुमकिन है’ नारे से बीजेपी ने (2019) में सत्ता में पुन: वापसी की।

आगामी चुनावी एजेंडे की तैयारी में जुटा महागठबंधन

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की एक अहम बैठक बुलाई गई है। बैठक में कांग्रेस समेत गठबंधन के सभी सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए का मुकाबला करने के लिए गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप देना है। बताया जा रहा है कि महागठबंधन के भीतर गठित सभी समितियों ने एनडीए सहयोगियों के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिए हैं जिन्हें बैठक के दौरान तेजस्वी यादव और अन्य प्रमुख नेताओं के सामने रखा जाएगा। महागठबंधन का उद्देश्य संयुक्त रूप से आक्रामक चुनाव अभियान चलाना है ताकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को कड़ी चुनौती दी जा सके।

चिराग पासवान पर तेजस्वी ने साधा निशाना

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर निशाना साधा। चिराग पासवान ने व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी। बिहार में एनडीए के प्रमुख सहयोगी पासवान ने खेमका की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या के बाद राज्य में ध्वस्त कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने पासवान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पासवान राज्य में बढ़ते अपराधों पर टिप्पणी करते हैं, लेकिन उसी सरकार का समर्थन भी करेंगे। राजद नेता ने कहा कि चिराग (पासवान) के पास स्पष्ट रूप से कोई विचारधारा नहीं है। वह (राज्य में) हो रहे अपराधों पर टिप्पणी करते हैं, लेकिन सरकार का समर्थन भी करेंगे। वह उन लोगों का समर्थन करते हैं जो संविधान को नष्ट कर रहे हैं,उन्होंने बिहार के लिए कुछ नहीं किया है, न तो मंत्री के रूप में और न ही अन्यथा। वह सिर्फ अभिनय कर रहे हैं।

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