गुजरात की राजनीति में सियासी भूचाल, मोरबी घोटाले पर आमने-सामने दो विधायक!

गुजरात की राजनीति में मचा घमासान! मोरबी पुल हादसे से जुड़े घोटाले को लेकर दो विधायक आमने-सामने आ गए हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की राजनीति में हाल के दिनों में एक बार फिर हंगामा मच गया है……. मोरबी पुल हादसा और इसके बाद सामने आए कथित घोटाले ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी…… और विपक्षी आम आदमी पार्टी के बीच तीखी तकरार को जन्म दिया है…… इस बार विवाद का केंद्र हैं बीजेपी के मोरबी विधायक कांतिभाई अमृतिया…… और आप के विसावदर विधायक गोपाल इटालिया……. दोनों नेताओं के बीच इस्तीफे की चुनौती ने गुजरात की सियासत को गरमा दिया है…….. कांतिभाई ने गोपाल इटालिया को मोरबी से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है……. जिसमें उन्होंने दो करोड़ रुपये के इनाम और इस्तीफे की बात कही……. वहीं, गोपाल इटालिया ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कांतिभाई को पहले इस्तीफा देने के लिए कहा……. इस खबर में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर इस विवाद की जड़ क्या है? कौन सही है और कौन गलत? क्या वाकई विधायकों के इस्तीफे होंगे?

30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी जिले में मच्छू नदी पर बना 143 साल पुराना केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया……. इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई……. जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे……. यह ब्रिज करीब 233 मीटर लंबा….. और 4 फीट चौड़ा था……. जिसे 1879 में तत्कालीन शासक वाघजी रावजी ने बनवाया था…… यह पुल दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ने के लिए बनाया गया था……. वहीं हादसे के समय पुल पर 400 से 500 लोग मौजूद थे……. जबकि इसकी क्षमता केवल 100 लोगों की थी…….

हादसे के बाद जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए…… विशेष जांच दल की रिपोर्ट के अनुसार पुल की केबल्स में जंग लग चुकी थी……… और रखरखाव में भारी लापरवाही बरती गई थी……… इस पुल का संचालन और मरम्मत का जिम्मा अजंता ओरेवा कंपनी को दिया गया था…….. जिसने कथित तौर पर घटिया सामग्री का उपयोग किया……. दो करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत के बाद इसे 25 अक्टूबर 2022 को जनता के लिए खोला गया था……. लेकिन मात्र पांच दिन बाद ही यह हादसा हो गया…….

वहीं इस त्रासदी ने न केवल गुजरात सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए……. बल्कि बीजेपी के “गुजरात मॉडल” को भी कठघरे में खड़ा कर दिया……. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक बताया……. इस हादसे ने गुजरात की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया…….. जो अब तक शांत नहीं हुआ है……

कांतिभाई अमृतिया मोरबी से बीजेपी के विधायक हैं……. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की थी…….. लेकिन उनकी चर्चा तब शुरू हुई……. जब मोरबी पुल हादसे के दौरान वे लोगों को बचाने के लिए मच्छू नदी में कूद पड़े थे…… इस साहसिक कदम ने उन्हें रातोंरात “हीरो” बना दिया…….. बीजेपी ने उनके इस कार्य को भुनाते हुए उन्हें 2022 के चुनाव में टिकट दिया…….. और वे विधायक बन गए…….

हालांकि अब कांतिभाई एक नए विवाद में फंस गए हैं…… और उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया को मोरबी से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है…….. कांतिभाई ने कहा कि अगर गोपाल इटालिया मोरबी से जीत जाते हैं……. तो वे न केवल अपनी विधायकी से इस्तीफा दे देंगे…….. बल्कि दो करोड़ रुपये का इनाम भी देंगे…….. यह चुनौती उन्होंने तब दी……. जब आप कार्यकर्ताओं ने मोरबी में विभिन्न समस्याओं को लेकर उन्हें घेरा…….. और गोपाल इटालिया का नाम लेकर “धमकी” दी……… कांतिभाई का कहना था कि आप कार्यकर्ता उनकी लोकप्रियता को चुनौती दे रहे हैं…….. और वे इसे स्वीकार करने को तैयार हैं……….

आपको बता दें कि कांतिभाई का यह चैलेंज गुजरात की सियासत में एक नया तूफान लेकर आया है….. उनके इस बयान ने न केवल आप को जवाब देने के लिए मजबूर किया……. बल्कि बीजेपी के अंदर भी चर्चाओं को जन्म दिया……. कई लोग इसे कांतिभाई की लोकप्रियता को मजबूत करने की रणनीति मान रहे हैं…….. जबकि कुछ इसे सियासी जोखिम बता रहे हैं…….

गोपाल इटालिया गुजरात में आम आदमी पार्टी के एक प्रमुख चेहरा हैं…….. हाल ही में उन्होंने विसावदर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के किरीट पटेल को 10,000 से अधिक वोटों से हराकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया…….. इस जीत ने आप को गुजरात में एक नई ऊर्जा दी है……. और गोपाल इटालिया को विपक्ष का एक मजबूत चेहरा बनाया है……

कांतिभाई के चैलेंज का जवाब देते हुए गोपाल इटालिया ने कहा कि वे इस चुनौती को स्वीकार करते हैं…….. लेकिन कांतिभाई को पहले इस्तीफा देना होगा…… गोपाल ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल का बहाना न बनाने की सलाह दी……. और कहा कि अगर कांतिभाई गंभीर हैं…….. तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए……. गोपाल ने यह भी कहा कि वे भी इस्तीफा देने को तैयार हैं…….. और फिर दोनों मोरबी में चुनाव लड़ सकते हैं……..

गोपाल इटालिया का यह जवाब न केवल कांतिभाई के लिए एक चुनौती है……. बल्कि आप की रणनीति को भी दर्शाता है…….. आप गुजरात में बीजेपी के दशकों पुराने शासन को चुनौती देना चाहती है…….. और मोरबी जैसे मुद्दों को उठाकर वह जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है……. गोपाल की जीत ने आप कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद किए हैं………. और वे मोरबी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बीजेपी को घेर रहे हैं……..

मोरबी हादसे के बाद गुजरात में एक और त्रासदी ने सियासत को हवा दी……. 9 जुलाई 2025 को वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा ब्रिज ढह गया……… जिसमें 10 लोगों की जान चली गई…….. यह पुल महिसागर नदी पर बना था…… और लंबे समय से जर्जर हालत में था…….. जिला पंचायत सदस्य हर्षद सिंह परमार ने 2022 में ही इसकी खराब स्थिति के बारे में प्रशासन को चेतावनी दी थी……. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई…….

आम आदमी पार्टी ने इस हादसे को बीजेपी के “विकास मॉडल” की नाकामी करार दिया……… आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में बार-बार ऐसे घटिया……. और जानलेवा पुल क्यों बन रहे हैं…….. जो भरभराकर गिर जाते हैं…… और उन्होंने इसकी गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की…….. आप के गुजरात प्रभारी गोपाल राय ने भी बीजेपी की लापरवाही और भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया……..

आपको बता दें कि वडोदरा हादसे ने मोरबी की यादों को ताजा कर दिया……. दोनों ही मामलों में रखरखाव की कमी…… और कथित भ्रष्टाचार को जिम्मेदार माना जा रहा है……. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की 30 साल की शासन व्यवस्था ने गुजरात के बुनियादी ढांचे को कमजोर कर दिया है…….. जिसके परिणामस्वरूप ऐसी त्रासदियां हो रही हैं…….

कांतिभाई अमृतिया और गोपाल इटालिया के बीच इस्तीफे की चुनौती को कई लोग सियासी दांवपेच के तौर पर देख रहे हैं……… कांतिभाई का चैलेंज बीजेपी की ताकत और उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता को दर्शाने की कोशिश हो सकती है…….. मोरबी में उनके “हीरो” बनने की कहानी ने उन्हें स्थानीय स्तर पर मजबूत किया है…….. और वे इस छवि को और चमकाना चाहते हैं…….. वहीं, गोपाल इटालिया के लिए यह चुनौती एक अवसर है……. जिसके जरिए वे आप को गुजरात में और मजबूत कर सकते हैं……..

हालांकि, इस पूरे विवाद में इस्तीफे की संभावना कम ही दिख रही है…….. दोनों नेताओं के बयान सियासी बयानबाजी का हिस्सा माने जा रहे हैं…….. कांतिभाई का कहना है कि गोपाल को पहले इस्तीफा देना चाहिए……. जबकि गोपाल ने कांतिभाई को यह जिम्मेदारी सौंपी है……. ऐसे में यह विवाद एक सियासी नाटक बनकर रह सकता है……. जिसमें जनता के सामने दोनों अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं…….

आपको बता दें कि मोरबी पुल हादसे की जांच के लिए गठित एसआईटी ने कई खुलासे किए……. रिपोर्ट में कहा गया कि पुल की केबल्स में जंग और रखरखाव की कमी इस हादसे की मुख्य वजह थी……. अजंता ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया…….. जिनमें से पांच जमानत पर बाहर हैं……

गुजरात में बीजेपी का दबदबा लंबे समय से रहा है……… लेकिन आप ने हाल के वर्षों में इसे चुनौती देना शुरू किया है…….. गोपाल इटालिया की विसावदर में जीत और आप की सक्रियता ने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है…….. मोरबी और वडोदरा जैसे हादसों ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दिया है…… कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सक्रिय है……. प्रियंका गांधी ने वडोदरा हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की……. जबकि गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने उपचुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया……

बता दें कि कांतिभाई अमृतिया और गोपाल इटालिया के बीच यह जंग केवल दो नेताओं तक सीमित नहीं है…… यह गुजरात की जनता के बीच विश्वास और जवाबदेही का सवाल है…….. मोरबी हादसे ने लोगों के मन में डर और गुस्सा पैदा किया है……. और वडोदरा हादसे ने इसे और बढ़ा दिया है……. जनता यह जानना चाहती है कि आखिर ऐसी त्रासदियां बार-बार क्यों हो रही हैं……. क्या सरकार की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार है…… या यह केवल पुराने ढांचों की समस्या है……

कांतिभाई की छवि एक साहसी नेता की है……. लेकिन उनकी चुनौती को कई लोग सियासी स्टंट मान रहे हैं……. वहीं, गोपाल इटालिया की आक्रामकता और आप की रणनीति ने उन्हें युवाओं…… और विपक्षी समर्थकों के बीच लोकप्रिय बनाया है……. लेकिन दोनों में से कौन सही है……. यह जनता को तय करना है…..

फिलहाल, कांतिभाई अमृतिया और गोपाल इटालिया के बीच की यह जंग सियासी बयानबाजी तक सीमित दिख रही है……. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को इस्तीफे की चुनौती दी है……. लेकिन इसके अमल में आने की संभावना कम है……. यह विवाद गुजरात की सियासत में एक नया रंग जरूर लाएगा……. और आने वाले चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है……

 

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