श्री संकट मोचन मंदिर के पास कांवड़ शिविर पर रोक, VHP ने किया विरोध
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि डीडीए ने नोटिस जारी कर108 फुट ऊंचे श्री संकट मोचन मंदिर के पास कांवड़ शिविर लगाने पर रोक लगाई है।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: श्रावण मास के दौरान जहां दिल्ली सरकार कांवड़ियों की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, वहीं दिल्ली विकास प्रधिकरण की ओर से एक ऐसा नोटिस सामने आया है, जिसने धार्मिक संगठनों की नाराजगी बढ़ा दी है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि डीडीए ने नोटिस जारी कर108 फुट ऊंचे श्री संकट मोचन मंदिर के पास कांवड़ शिविर लगाने पर रोक लगाई है। मिश्रा ने इस कदम को हिंदू धर्म और श्रद्धालुओं की भावनाओं का घोर अपमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां दिल्ली सरकार श्रावण मास में कांवड़ियों के लिए मुफ्त बिजली, सहायता राशि और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, वहीं दूसरी ओर डीडीए के कुछ अधिकारी सरकार के इन पुण्य प्रयासों को विफल करने में लगे हैं।
सुरेंद्र मिश्रा ने डीडीए के मुख्य इंजीनियर को पत्र लिखकर नोटिस को तुरंत रद्द (कैंसिल) करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कार्य न केवल दिल्ली सरकार की घोषित नीति के विरुद्ध है, बल्कि करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था के साथ भी अन्याय है। फिलहाल इस मुद्दे पर डीडीए की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
सुरेंद्र मिश्रा ने नोटिस में लिखा कि जैसा कि हम आपको पता है कि तीस वर्षों से इसी जगह पर यानी मंदिर के समीप कांवड़ कैंप लगाया जाता है. लेकिन इस बार यहां पर कांवड़ कैंप लगाने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमें मंदिर की ओर से शिकायत मिली है कि यदि कैंप लगाते हैं तो 108 फुट श्री संकट मोचन धाम को 392्,785 लाख रुपये जमा करने होंगे. उन्होंने कहा कि जबकि आज तक कभी भी कांवड़ शिविर के लिए कोई पैसे जमा नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा यह मंदिर दिल्ली सरकार समिति में पंजीकृत है. मिश्रा ने कहा कि इस तरह की कोई भी राशि मांगना धर्म के विरुद्ध है.
डिमांड नोटिस को कैंसिल करने की मांग की
प्रांत मंत्री ने कहा कि यह डिमांड नोटिस केवल इसलिए भेजा गया है कि मंदिर के पास कांवड़ सेवा शिविर लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे में तो कांवड़ियों को परेशानी होगी. उन्होंने डीडीए के मुख्य इंजीनियर से अनुरोध कर कहा कि इस नोटिस को कैंसिल किया जाए और पिछले वर्षों की तरह इस बार भी हनुमान मंदिर को कांवड़ शिविर लगाने दिया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. दिल्ली में सभी मंदिरों को निःशुल्क, निर्बाध सहयोग प्रदान किया जाए ताकि कांवड़ यात्रा श्रद्धा और व्यवस्था के साथ सम्पन्न हो सके.
बता दें, कुछ दिन पहले ही दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता कांवड़ियों ने कांवड़ियों की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. उन्होंने कांवड़ शिविरों में 1200 यूनिट तक निशुल्क बिजली की सुविधा देने की बात कही थी. सीएम ने कहा कि टॉयलेट्स की पूरी व्यवस्था सरकार स्वयं कर रही है, जिसमें 24 घंटे सफाईकर्मी भी उपलब्ध कराए जाएंगें. दिल्ली के बॉर्डरों पर कांवड़ियों के लिए स्वागत द्वार बन रहे हैं. सीएम ने बताया कि कांवड़ शिविरों में सरकार की ओर से स्वास्थ्य टीमें तैनात की जाएगी और ट्रैफिक, पुलिस को लेकर भी कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, ताकि कांवडियों को किसी तरह की कोई असुविधा न हो.



