क्या अखिलेश भगवान परशुराम का फरसा तो दूसरे हाथ में भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र लेकर ब्राह्मणों को रिझा पाएंगे?
Will Akhilesh be able to woo the Brahmins with the ax of Lord Parshuram and the Sudarshan Chakra of Lord Shri Krishna in the other hand?
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अखिलेश यादव ने एक हाथ में भगवान परशुराम का फरसा तो दूसरे हाथ में भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र को लेकर ब्राह्मण समाज से सपा की सरकार बनाने का आह्वान किया। साथ ही पूर्वांचल के ठाकुर बाहुबलियों के नाम लिए बगैर इशारों-इशारों में बीजेपी की योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करने से भी वो नहीं चूके।
इस साल होने वाले चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से नाराज माने जा रहे ब्राह्मणों को सपा प्रमुख अखिलेश यादव साधने में जुट गए हैं। ऐसे में राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज क्षेत्र में लगाई गई भगवान परशुराम मूर्ति और 68 फीट उंचे फरसे का अखिलेश ने रविवार को अनावरण किया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने परशुराम की पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लेकर चुनावी बिगुल फूंका।
अखिलेश ने परशुराम की मूर्ती का अनावरण किया
भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण करने के बाद अखिलेश ने ब्राह्मण समाज से कहा है कि सूबे में सपा की सरकार आने पर भगवान परशुराम जयंती की छुट्टी फिर बहाल की जाएगी, जिसे बीजेपी ने सरकार में आते ही खत्म कर दिया था। साथ ही उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज भगवान परशुराम को पूजता है। इतिहास गवाह है कि ब्राह्मण समाज जिस पार्टी के साथ रहता है, उसकी सरकार बनती है। और इस बार ब्राह्मणों ने तय कर लिया है कि समाजवादी पार्टी के साथ रहना है और सरकार बनानी है, तो हमारी सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।
आपको बता दें यूपी की सियासत में ब्राह्मण की संख्या ठाकुर समाज के वोटों से ज्यादा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण समुदाय ने बीजेपी को एकमुश्त होकर वोट दिए थे, लेकिन सत्ता में आने पर पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को सीएम की कुर्सी सौंप दी थी। ऐसे में अब 2022 के चुनाव से ठीक पहले ब्राह्मण को साधने के लिए सपा से लेकर बसपा तक जुटी हैं तो बीजेपी भी उन्हें अपने साथ जोड़े रखने की कवायद में एक कमेटी गठित की है। ऐसे में देखना है कि ठाकुर बनाम ब्राह्मण की राजनीति में क्या सियासी फायदा किसे मिलता है?