उत्तराखंड हाईकोर्ट का सवाल: क्या अंग्रेजी न जानने वाला एडीएम स्तर का अधिकारी प्रभावी कार्य कर सकता है?
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए सवाल उठाया कि क्या अग्रेंजी भाषा का ज्ञान न रखने वाला कोई एडीएम स्तर का अधिकारी किसी कार्यकारी पद को प्रभावी रूप से संभाल सकता है?

4पीएम न्यूज नेटवर्क: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए सवाल उठाया कि क्या अग्रेंजी भाषा का ज्ञान न रखने वाला कोई एडीएम स्तर का अधिकारी किसी कार्यकारी पद को प्रभावी रूप से संभाल सकता है?
यह टिप्पणी बुधलाकोट ग्राम सभा में क्षेत्र से बाहरी लोगों के नाम पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आई। याचिका में आरोप लगाया गया कि मतदाता सूची में बाहरी व्यक्तियों के नाम जोड़कर ग्राम सभा की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है।
मुख्य न्यायधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव से स्पष्ट रूप से यह पूछा कि क्या ऐसा अधिकारी , जिसे अंग्रेजी बोलने ये समझने का ज्ञान नहीं है, वह कार्यपालिका के महत्वपूर्ण पद को सही तरह से नियंत्रित कर सकता है? न्यायालय ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई और यह संकेत दिया कि प्रशासनिक दक्षता के लिए अधिकारियों को न्यूनतम भाषाई योग्यताओं का होना आवश्यक है, खासकर तब जब उन्हें राज्य और केंद्र स्तर पर संवाद करना होता है।
वोटर लिस्ट में बाहरी नाम शामिल करने का मामला
इन लोगों में अधिकतर लोग उड़ीसा राज्य व अन्य जगह के है. जब इसकी शिकायत उनके द्वारा एसडीएम महोदय से की गई तो उनके द्वारा इसमे एक जांच कमेटी गठित की गई. जांच कमेटी ने वोटर लिस्ट का अवलोकन करके पाया कि इसमें से 18 लोग बाहर के है लेकिन, अंतिम लिस्ट जारी होने के बाद भी चिन्हित 18 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाये गए.
जनहित याचिका दायर करने के बाद उनके द्वारा ऐसे ही 30 अन्य की लिस्ट भी कोर्ट में पेश की गई. शिकायत करने के बाद भी जिसपर कोई कार्यवाही नही की गई. सुनवाई के बाद आयोग की तरफ से कहा गया कि कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है. उसी के आधार पर वोटर लिस्ट बनाई.
कोर्ट ने आयोग से पूछा कि जब वोटर लिस्ट बनाई गई क्या वोटरों का उस वक्त आधार कार्ड वोटर आईडी या राशन कार्ड या स्थायी निवास से सम्बंधित दस्तावेजों की जांच की. अगर की है तो उसका रिकॉर्ड प्रस्तुत करें या ओरली तौर पर नाम बताए जाने के आधार पर उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया.



