तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस का दिल्ली में धरना, राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से कानून की मंजूरी की मांग की

राहुल गांधी ने इसी पोस्ट में आगे लिखा, यह कानून जाति जनगणना के आंकड़ों पर आधारित, संविधान के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ी प्रगति है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस ने तेलंगाना में 42% आरक्षण के लिए दिल्ली में धरना दिया. राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से शिक्षा, रोज़गार और स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कानून को मंजूरी देने की अपील की. उन्होंने ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम बताया और देशभर के नेताओं के समर्थन के लिए आभार जताया.

तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को दिल्ली में धरना दिया. इसे लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा, तेलंगाना सरकार और कांग्रेस ने आज दिल्ली में धरना दिया. इसमें राष्ट्रपति से शिक्षा, रोजगार और स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए 42% आरक्षण वाले कानून को मंजूरी देने की मांग की.

राहुल गांधी ने इसी पोस्ट में आगे लिखा, यह कानून जाति जनगणना के आंकड़ों पर आधारित, संविधान के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ी प्रगति है. मैं देश के उन नेताओं का आभारी हूं, जिन्होंने अपना समर्थन दिया. आशा है कि माननीय राष्ट्रपति इस पर ध्यान देंगी और इसे मंजूरी देंगी. यह लड़ाई सिर्फ तेलंगाना के लिए नहीं है. यह हाशिए पर पड़े समुदाय के लोगों को सत्ता और विकास में उनका वाजिब हिस्सा दिलाने के लिए एक सामूहिक लड़ाई है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मुद्दे को लेकर एक पोस्ट किया है. उन्होंने कहा,कांग्रेस की तेलंगाना सरकार ने ओबीसी को शिक्षा, सरकारी नौकरियों और स्थानीय निकाय में 42% आरक्षण का हक सुनिश्चित करने के लिए बिल पास किया है.जो कि अब माननीय राष्ट्रपति के पास लंबित है.

उन्होंने कहा, इस विषय को लेकर आज तेलंगाना के मुख्यमंत्री, सभी मंत्री, सांसद, विधायक और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में धरना दिया.जातिगत सर्वे के बाद हमारी सरकार ने इस तरह का कदम उठाया है, जिससे सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी.मोदी सरकार का “सबका साथ, सबका विकास” खोखला है, क्योंकि वो इस बिल के और वंचितों के अधिकारों के बीच दीवार बनने पर उतारू है.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा,हम शिक्षा और रोजगार में ओबीसी के लिए 42% आरक्षण और स्थानीय निकायों में राजनीतिक आरक्षण की मांग कर रहे हैं.हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति इन मुद्दों से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दें. हमने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था लेकिन अभी तक नहीं मिला है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह राष्ट्रपति पर तेलंगाना के लोगों से न मिलने का दबाव बना रहे हैं.हम ओबीसी समर्थक हैं लेकिन नरेंद्र मोदी ओबीसी विरोधी हैं.

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