ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर साधा निशाना, NRC और SIR पर उठाए सवाल
गुरुवार को बीरभूम में आदिवासी दिवस कार्यक्रम के अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी दरअसल एसआईआर के जरिए ही हो रहा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर कड़ी निंदा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि Special Identification Register (SIR) के जरिए NRC लागू किया जा रहा है और लोगों के नाम हटाने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने बंगाली भाषा के अपमान और 2004 के बाद जन्मे लोगों से जन्म प्रमाण पत्र मांगने पर भी सवाल उठाए हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. गुरुवार को बीरभूम में आदिवासी दिवस कार्यक्रम के अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी दरअसल एसआईआर के जरिए ही हो रहा है. उन्होंने कहा, “बिना जानकारी के कोई भी फॉर्म नहीं भरेगा. उनके पास कुछ और ही योजना है. मुझे नहीं पता कि मुझे यह कहना चाहिए या नहीं, लेकिन नाम हटाने की फिर से साजिश चल रही है.”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कहा गया था कि 2004 के बाद जन्मे लोगों को अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र दिखाना होगा, लेकिन क्या यह संभव है कि सभी के पास यह प्रमाण पत्र हो?
ममता बनर्जी ने कहा कि जब वह सत्ता में आईं थीं, तब केवल 60 प्रतिशत लोगों के पास ही जन्म प्रमाण पत्र थे. इसलिए मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि क्या 2004 के बाद जन्मे लोगों के पास अपने माता-पिता का प्रमाण पत्र होना संभव है. उन्होंने कहा, “हम भी घर-घर जाकर डिलीवरी करते हैं, हमारे पास सिर्फ स्कूल के प्रमाण पत्र हैं. क्या उनके पास प्रमाण पत्र हैं? क्या वकालत करने वालों के पास हैं? वे तो सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, वे मेहनत करने वालों को कैसे समझ सकते हैं.” ममता बनर्जी ने सरकारी अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश पर फिर सवाल उठाए. उन्होंने उस कानून का जिक्र किया जिसके तहत चुनाव शुरू होने से पहले यह फैसला लिया गया था.
बंगाली भाषा का किया जा रहा है अपमान… ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर बंगाली भाषा का जिक्र किया. ममता बनर्जी ने कहा, “क्या बंगाली नाम की कोई चीज है? तो फिर रवींद्रनाथ कौन सी भाषा बोलते थे?” इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि एक जमाने में 10 रुपये के नोट पर भी बंगाली लिखा होता था.
सीएम ने फोन से एक तस्वीर निकाली और मीडिया को दिखाई. उन्होंने 10 रुपये के नोट की तस्वीर दिखाई. ममता ने दावा किया कि यह 1912 का नोट है. उन्होंने कहा, “1912 में 10 रुपये का नोट बंगाली में लिखा होता था. आज आप अचानक कह रहे हैं कि बंगाली नाम की कोई भाषा नहीं है. यह एक पारंपरिक भाषा है.”
तृणमूल पहले ही विदेशी राज्यों में बंगाली भाषियों के उत्पीड़न और बंगाली भाषा के अपमान की बात कह चुकी है. मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है. उन्होंने बुधवार को इस मुद्दे पर झारग्राम में तीन किलोमीटर तक पैदल मार्च भी निकाला.



