गौतम अदाणी का भरोसा, अब हम सिर्फ यात्री नहीं चालक बनेंगे

  • बोले- 2050 तक भारत बनेगा 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
  • यह समय सपनों का नहीं संकल्प का है
  • देश की असली ताकत उसकी 140 करोड़ जनसंख्या

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आईआईएम लखनऊ में छात्रों को संबोधित करते हुए देश के दिग्गज उद्योगपति और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत के आर्थिक भविष्य पर भरोसे का एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत अब केवल उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि दुनिया को दिशा देने वाली ताकत बन चुका है। उनका मानना है कि 2050 तक भारत 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनकर वैश्विक मंच पर वही स्थान हासिल करेगा जो कभी पश्चिमी देशों का था। उन्होंने कहा कि इस बार भारत अपने तरीके और अपनी शर्तों पर यह मुकाम पाएगा। गौतम अदाणी ने कहा कि देश की असली ताकत उसकी 140 करोड़ की जनसंख्या तेजी से आगे बढ़ती तकनीक विशाल घरेलू बाजार बढ़ती उपभोक्ता मांग और आत्मनिर्भरता की नीतियां हैं। ये सभी मिलकर आने वाले वर्षों में भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह विकास सिर्फ कागज़ी अनुमान नहीं बल्कि मौजूदा आधारभूत संरचना और नीतिगत सुधारों पर आधारित वास्तविक संभावना है। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने युवाओं को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि यह समय सपनों का नहीं संकल्प का है। सिर्फ नौकरी तलाशने वाले मत बनो बल्कि नौकरी देने वाले बनो। इस आर्थिक सफर में यात्री नहीं चालक बनो। उन्होंने छात्रों से कहा कि देश की प्रगति का हिस्सा बनना उनके हाथ में है और आने वाले 25 सालों में वही पीढ़ी भारत को आर्थिक महासत्ता बनाने की दिशा में सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी।

युवा इतिहास पढ़ने वाले नहीं लिखने वाले बने

अदाणी ने अपने भाषण के अंत में युवाओं से कहा कि भारत की कहानी अब आपके हाथ में है। 2050 का भारत आज से बेहतर मजबूत और आत्मनिर्भर होगा अगर आप उसमें अपना पसीना मेहनत और बुद्धि लगाएंगे। सिर्फ इतिहास पढऩे वाले मत बनो इतिहास लिखने वाले बनो। वहीं गौतम अदाणी ने भारत के विकास की दिशा तय करने वाले चार बड़े स्तंभों पर विशेष जोर देते हुए कहा कि भारत में डिजिटल लेन-देन ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स की तेज़ी दुनिया में मिसाल बन चुकी है। उनके मुताबिक सौर और पवन ऊर्जा के साथ परमाणु और स्वदेशी ऊर्जा उत्पादन में बढ़ते निवेश से भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि जलवायु परिवर्तन से लडऩे और सतत विकास के लिए बड़े पैमाने पर हरित निवेश हो रहा है। वहीं हाईवे, मेट्रो, बंदरगाह, एयरपोर्ट और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में तेजी से हो रहे बदलाव आने वाले दशकों में आर्थिक गति को कई गुना बढ़ा देंगे। उनके मुताबिक इन चार स्तंभों पर खड़ी अर्थव्यवस्था न केवल आत्मनिर्भर होगी, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी शर्तों पर योगदान देगी।

युवा ही देश का है असली इंजन

गौतम अदाणी ने कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे युवा जनसंख्या है जिसकी औसत आयु महज 28 साल कि है। यह वही ताकत है जो आने वाले 25 वर्षों तक न सिर्फ घरेलू मांग को बढ़ाएगी बल्कि नवाचार, उद्यमिता और वैश्विक नेतृत्व में भी देश को आगे ले जाएगी। उन्होंने छात्रों से कहा कि आने वाला भारत रोजगार चाहने वालों का देश नहीं बल्कि रोजगार देने वालों का देश होगा।

विश्व में भारत की अब नई पहचान

अदाणी के मुताबिक भारत अब अनुसरण करने वाला देश नहीं बल्कि दिशा देने वाला देश बन चुका है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पश्चिमी देशों ने अपने समय में औद्योगिक क्रांति और तकनीकी विकास के जरिए विश्व अर्थव्यवस्था में दबदबा बनाया उसी तरह भारत भी अब डिजिटल क्रांति हरित विकास और आत्मनिर्भरता के जरिए वही मुकाम हासिल करेगा लेकिन बिना पश्चिम की नकल किए। आईआईएम लखनऊ के सभागार में मौजूद छात्रों ने गौतम अदाणी के भाषण को लंबे समय तक तालियों से सराहा। वहां मौजूद शिक्षकों और प्रबंधन विशेषज्ञों ने कहा कि यह संबोधन केवल आंकड़ों की बात नहीं कर रहा था बल्कि एक राष्ट्रीय विजऩ को शब्द दे रहा था जो आने वाले वर्षों में हर भारतीय को प्रेरित करेगा।

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