‘CM-PM अरेस्ट बिल’ पर हंगामा, विपक्ष ने बिल फाड़कर शाह के मुंह पर मारा

‘CM-PM अरेस्ट बिल’ पर लोकसभा में बवाल... घुटनों पर आए अमित शाह- मोदी.... विपक्ष में शाह के मुंह पर मारा बिल...  

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों लोकसभा में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को हटाने वाला बिल पेश कर दिया गया है…… जिस बिल में है कि अगर कोई भी सीएम या पीएम 30 दिनों तक हिरासत में रहेंगे….. तो कानून पद से हटाया जा सकेगा…… इस बिल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया….. इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया….. और विपक्ष के सांसदों ने बिल को पढ़ने के बाद गृहमंत्री अमित शाह की तरफ फेंक दिए….. और  मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को हटाने वाला बिल फाड़ दिया…. जिसके चलते लोकसभा में भयंकर हंगामा हुआ…… गृह मंत्री अमित शाह ने तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए…… जिन्हें विपक्ष ने ‘सीएम-पीएम अरेस्ट बिल’ का नाम दिया है…… इन विधेयकों का मकसद है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिनों से ज्यादा जेल में रहते हैं…… तो उन्हें पद से हटा दिया जाए……. बिना दोष सिद्ध हुए भी यह हो सकता है….. विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया….. और उन्होंने विधेयकों की कॉपियां फाड़ीं और अमित शाह की तरफ फेंक दीं…… सदन में इतना शोर हुआ कि स्पीकर ओम बिरला को दो बार बैठक स्थगित करनी पड़ी…… बता दें कि सदन को पहले 3 बजे तक, फिर सदन को 5 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा….. बता दें कि यह घटना संसद के मानसून सत्र में हुई….. जहां सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली…..

बता दें मोदी सरकार आपने आखिरी चरण में है….. और सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र को कमजोर बनाने की साजिश रची जा रही है….. इसी साजिश का ये तीनों बिल हिस्सा है….. मोदी ने अपने 11 साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया है….. केवज अपनी जुमलेवाजी से जनता को भ्रमित किया है….. वहीं ये सभी बिल मोदी की नाकामी को छुपाने का काम करेंगे….. वहीं इस विधेयक में पहला विधेयक है ‘संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025’……. इसमें कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री या कोई मुख्यमंत्री गंभीर अपराध (जिसमें कम से कम 5 साल की सजा हो सकती है) के मामले में 30 दिन लगातार हिरासत में रहते हैं…… तो 31वें दिन उन्हें पद छोड़ना होगा…… प्रधानमंत्री के मामले में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्रवाई करेंगे….. वहीं मुख्यमंत्री के मामले में राज्यपाल कार्रवाई करेंगे….. अगर वे खुद इस्तीफा नहीं देते, तो पद अपने आप खत्म हो जाएगा…….. लेकिन अगर वे हिरासत से बाहर आ जाते हैं……. तो दोबारा पद पर लौट सकते हैं…… दूसरा विधेयक है ‘संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025’…… यह दिल्ली जैसे संघ राज्य क्षेत्रों के लिए है…….. जहां लेफ्टिनेंट गवर्नर मुख्यमंत्री को हटा सकते हैं…… तीसरा है ‘जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’……. इसमें जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री या मंत्रियों के लिए ऐसे ही नियम हैं……. लेफ्टिनेंट गवर्नर कार्रवाई करेंगे……

अमित शाह ने इन विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि यह राजनीति में नैतिकता लाने के लिए हैं…….. और उन्होंने कहा कि हम इतने बेशर्म नहीं हो सकते कि गंभीर आरोपों का सामना करते हुए भी संवैधानिक पदों पर बने रहें……. शाह ने यह भी वादा किया कि विधेयकों को 31 सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति में भेजा जाएगा……. जहां विपक्ष की राय ली जाएगी…….. समिति को अगले सत्र की पहली हफ्ते के आखिरी दिन तक रिपोर्ट देनी है…… जो शायद नवंबर 2025 में विंटर सेशन होगा…… शाह ने अपने पुराने मामले का जिक्र किया……. जब वे गुजरात के गृह मंत्री थे, तो गिरफ्तारी से पहले ही इस्तीफा दे दिया था…… और उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ झूठे केस थे…… और सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने तक कोई पद नहीं लिया……

लेकिन विपक्ष को यह पसंद नहीं आया……. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने शाह पर हमला किया……. उन्होंने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि यह राजनीति में नैतिकता लाने के लिए है……. लेकिन जब सम्माननीय गृह मंत्री गुजरात में मंत्री थे…… तो उन्हें गिरफ्तार किया गया था……. क्या उन्होंने नैतिकता ली…… इस पर सदन में बड़ा शोर हुआ…… कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने विधेयकों को ‘क्रूर’ और ‘संविधान-विरोधी’ कहा…… उन्होंने कहा कि किसी मुख्यमंत्री को बिना दोष सिद्ध हुए 30 दिन गिरफ्तार करके हटाया जा सकता है…… यह भ्रष्टाचार विरोध के नाम पर विपक्षी सरकारों को गिराने का तरीका है……. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी देश को ‘पुलिस राज्य’ बनाना चाहती है…….. और उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री को कौन गिरफ्तार करेगा……. और विधेयकों को असंवैधानिक बताया…… तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह तानाशाही है….. सरकार बिना जवाबदेही के सत्ता चाहती है……

अमित शाह ने विधेयक पेश किए, तो विपक्षी सांसद वेल में आ गए…… उन्होंने कॉपियां फाड़ीं और शाह की तरफ फेंक दीं…… आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विधेयक जल्दबाजी में लाए गए…… सदस्यों को देखने का मौका भी नहीं मिला…… कांग्रेस के मनीष तिवारी और एसपी के धर्मेंद्र यादव ने भी विरोध किया…… एक एक्स पोस्ट में कहा गया कि विपक्ष ने बिल फाड़कर अमित शाह के चेहरे पर मारा…… और यह असंवैधानिक है…… स्पीकर ने कहा कि सदस्यों को विधेयक पेश होने पर विरोध का अधिकार है…… लेकिन यह सीमित कर दिया जा रहा है…..

वहीं यह विधेयक क्यों महत्वपूर्ण हैं? सरकार का कहना है कि यह राजनीति से अपराध को दूर करेंगे….. लेकिन विपक्ष कहता है कि यह संघीय ढांचे पर हमला है….. ममता बनर्जी ने कहा कि यह लोकतंत्र और संघवाद के लिए मौत की घंटी है…… यह न्यायपालिका की भूमिका छीन लेगा….. और पक्षपाती हाथों में सत्ता दे देगा….. कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए कोई गाइडलाइन नहीं है…… केंद्रीय एजेंसियां पक्षपाती तरीके से विपक्षी मुख्यमंत्रियों को हटा सकती हैं…… गौरव गोगोई ने कहा कि यह राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा से ध्यान हटाने की कोशिश है……

इतिहास में ऐसे मामले हुए हैं……. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2024 में दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में ईडी ने गिरफ्तार किया था…… वे पहले सेवारत मुख्यमंत्री थे जो गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा नहीं दिए…… लालू प्रसाद और हेमंत सोरेन जैसे नेताओं ने गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दिया था…… तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी का भी जिक्र हुआ…… जो गिरफ्तारी के बावजूद पद पर बने रहे…… विपक्ष कहता है कि ईडी की कन्विक्शन रेट सिर्फ 1 फीसदी है पिछले 10 सालों में, फिर भी लोगों को जेल में रखा जाता है…… चीफ जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस उज्जल भुयान ने भी कहा कि ईडी बिना दोष के लोगों को कैद रखती है……

सरकार की तरफ से बीजेपी सांसद मनन कुमार मिश्रा ने समर्थन किया….. उन्होंने कहा कि विपक्ष ध्यान भटकाना चाहता है……. यह विधेयक 30 दिन से ज्यादा जेल में रहने वालों को मंत्री बनने से रोकेगा……. प्रदीप भंडारी ने इसे ‘ऐतिहासिक पल’ कहा….. मोदी सरकार साफ राजनीति ला रही है……. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भ्रष्ट नेताओं के केस फास्ट-ट्रैक करने की बात कही…… विपक्ष का डर है कि यह अनुच्छेद 356 का बैकडोर इस्तेमाल है….. जो राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति देता है…… एसआर बोम्मई केस (1994) में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आखिरी रास्ता होना चाहिए……. सामाजिक कार्यकर्ता एमके शर्मिला ने कहा कि यह विपक्षी राज्यों को टारगेट कर रहा है…… कांग्रेस समर्थक विजय थोट्टाथिल ने कहा कि अमित शाह जानते हैं कि पीएम पर कोई केस नहीं बनेगा…… यह सीएम के लिए है जो विरोधी हैं……

वहीं बिल को लेकर सोशल मिडिया पर भी चर्चा गर्म है….. एक पोस्ट में कहा गया कि विपक्ष ने बिल फाड़ा क्योंकि यह अपराधियों को सरकारी पदों से बचाने की लड़ाई है…… दूसरी पोस्ट में कहा कि बीजेपी के पास सिर्फ 240 सांसद हैं……. फिर भी संविधान बदल रही है……. अमित शाह खुद इस्तीफा देंगे? क्योंकि उनके खिलाफ भी मामले थे…… माढ़्यम नाम के अकाउंट ने वीडियो शेयर किया जहां वेणुगोपाल ने शाह पर हमला किया…… और शाह ने जवाब दिया…..

 

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