सरकार ने देश के युवाओं के लिए सभी दरवाजे बंद कर दिए: राहुल

नेता प्रतिपक्ष ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल दागे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में वोट अधिकार यात्रा के दौरान नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ अपार जनसमूह जुड़ रहा है। इस दौरान राहुल गांधी पूरी आक्रामक ता से एनडीए सरकार पर हमले कर रहे है। राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर युवाओं को रोजगार और विकास से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के युवाओं के लिए सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं और देश का धन चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों के हवाले किया जा रहा है।
इसी दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बिहार में आकर खुद देखना चाहिए कि किस तरह जीवित लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि यात्रा के दौरान छोटे-छोटे बच्चे तक ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ जैसे नारे लगा रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि चुनावी धांधली को लेकर लोगों में जागरूकता और आक्रोश दोनों बढ़ रहा है।
राहुल गांधी ने जनता से अपील की कि वे अपने मताधिकार को लेकर सजग रहें और किसी भी तरह की चुनावी गड़बड़ी बर्दाश्त न करें। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल राजनीतिक रैलियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों और देश की मौजूदा परिस्थितियों के प्रति जागरूक करना है।

राहुल ने खुद चलाई बाइक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी वोट अधिकार यात्रा के आठवें दिन की शुरुआत रविवार को पूर्णिया जिले से की। यात्रा की शुरुआत बाइक पर हुई, जिसमें वे खुश्कीबाग से निकलकर लाइन बाजार, पंचमुखी मंदिर, रामबाग और सिटी इलाके से गुजरते हुए कसबा और अररिया होते हुए नरपतगंज तक पहुंचे। राहुल गांधी पूर्णिया के गौरा मोड़ स्थित ठहराव स्थल पर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और भाकपा महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य समेत कई विपक्षी नेता मौजूद रहे। सभी नेताओं ने टेंट सिटी और पंडाल परिसर में रात गुजारी, जिससे विपक्षी एकजुटता का मजबूत संदेश गया। राहुल गांधी ने गौरा पंचायत से एक खुली जीप में यात्रा की शुरुआत की और बेलौरी पहुंचे। इसके बाद वे बाइक पर सवार होकर खुश्कीबाग से लाइन बाजार, रामबाग और अन्य इलाकों से होते हुए अररिया की ओर रवाना हुए। इस दौरान सडक़ों पर भारी भीड़ उमड़ी।

एक झलक पाने के लिए लोगों ने किया घंटों इंतजार

राहुल गांधी की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों इंतजार करते रहे। छोटे बच्चे भी सडक़ किनारे खड़े होकर उनका इंतजार कर रहे थे। हालांकि, वे बिना रुके अररिया की ओर रवाना हो गए, जिससे कई लोग उनसे न मिल पाने के कारण निराश दिखे।

राहुल गांधी के साथ खड़ी है आम जनता

59 प्रतिशत लोग चुनाव आयोग पर लगाए विपक्ष के आरोपों से सहमत

चुनाव आयोग बनाम नेता प्रतिपक्ष! सामने आया बड़ा सर्वे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीते दिनों चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए। इसी के मद्देनजर इन दिनों कांग्रेस बिहार में वोटर अधिकार यात्रा भी निकाल रही है। हालांकि, विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बीते दिनों चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की इसी पीसी को लेकर वोट वाइब की तरफ से एक सर्वे किया गया।
इस सर्वे में विपक्ष के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को लेकर लोगों से सवाल पूछे गए कि इस पूरे मसले पर उनकी क्या राय है। इसमें 34 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया, जबकि 28 प्रतिशत लोगों का मानना है कि चुनाव आयोग जवाब देने में विफल रहा है। सर्वे के मुताबिक 18 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कुछ जवाब दिए गए हैं, जबकि कुछ सवालों के जवाब देना बाकी है। वहीं 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो कुछ कह नहीं सकते। ऐसे में एक तरह से देखा जाए तो सिर्फ 34 प्रतिशत लोग ही चुनाव आयोग के पक्ष में हैं, वहीं कुल 46 प्रतिशत लोग या तो चुनाव आयोग से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं या तो पूरी तरह से पक्ष में नहीं हैं।
इसी मुद्दे पर बीते दिनों सी वोटर ने भी सर्वे किया था। इसमें 59 प्रतिशत लोग चुनाव आयोग पर लगाए राहुल गांधी के आरोपों से सहमत दिखे, जबकि 34 प्रतिशत लोग चुनाव आयोग के समर्थन में नजर आए। वहीं, 67 प्रतिशत लोगों का मानना है कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए, जबकि 13 प्रतिशत लोग इससे सहमत नहीं हैं।

हिम्मत है तो देश के हर थाने में मेरे ऊपर केस दर्ज करवाए भाजपा: तेजस्वी यादव

राजद नेता ने एनडीए सरकार को दी चुनौती

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर महाराष्ट्र में प्राथमिकी दर्ज होने के मामले पर सियासत जारी है। अब तेजस्वी यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन वाली सरकार को बड़ी चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा कि जुमलों की दुकान कहने पर स्नढ्ढक्र करने वालों मेरी बात सुन लो। यह दुकान ही नहीं बल्कि झूठ बोलने की फैक्ट्री, मैन्युफैक्चरर, होलसेलर, डिस्ट्रीब्यूटर और सुपर बाजार है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी बिहार का लाल है। मैं आपकी गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं हूं। अगर हिम्मत है तो देश के हरेक राज्य के हरेक थाने में केस दर्ज करवाओ। आप लोग सबको अपने जैसा डरपोक समझते हो, हम बिहारी हैं बिहारी, ठेठ बिहारी। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह लोग वोट चोर चुनाव में वोट चुरा सरकार बना लेते है। 20 वर्षों से सत्ता का मजा ले रहे भ्रष्टाचारियों को गणतंत्र की जननी बिहार से गणतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे। इस बार लडेंगे भी, रोकेंगे भी और जीतेंगे भी। उन्होंने दावा किया गया कि हमारे संग समूचा बिहार खड़ा है। हमलोग किसी वोट का अधिकार नहीं छीनने देंगे।

सरकार को गाइडलाइन बनाने का सुप्रीम आदेश

दिव्यांगों का मजाक उड़ाने पर मांगें माफी कॉमेडियन, अल्लाहबादिया और समय पर भडक़ी कोर्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन्स और यूट्यूबर्स को सख्त निर्देश देते हुए दिव्यांगों पर आपत्तिजनक कंटेंट ना बनाने की हिदायत दी है। कोर्ट ने कहा है कि अगर ऐसा कोई कंटेंट बनाया गया है तो तुंरत इसके लिए माफी मांगी जाए। स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना के मामले से जोड़ते हुए कोर्ट ने कहा है कि अगर ऐसा कभी भी हुआ तो यूट्यूबर्स और इन्फलुएंसर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना समेत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को आदेश दिया है कि वो दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के लिए अपने पॉडकास्ट और कार्यक्रमो में सार्वजनिक माफी मांगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिव्यांगों का अपमान करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा, चाहे वो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ही क्यों न हों। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसे बयानों और कंटेंट पर रोक लगाने के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस बनाई जाएं, जिनमें दिव्यांग, महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों का मजाक उड़ाया जाता है या उन्हें नीचा दिखाया जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के लिए नियम बनाते समय जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, बल्कि सभी पक्षों की राय लेकर व्यापक ढांचा तैयार किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किसी भी ऐसे कमर्शियल कंटेंट पर लागू नहीं हो सकता, जिससे किसी समुदाय की भावनाएं आहत हों। इसके साथ ही कोर्ट ने इंडियाज गॉट लेटेंट शो के होस्ट समय रैना की माफी पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्होंने पहले खुद का बचाव करने की कोशिश की थी, फिर माफी मांगी।

इन्फ्लुएंसर्स को हलफनामा देना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने इन्फ्लुएंसर्स से कहा कि वो हलफनामा दाखिल करें, जिसमें यह बताया जाए कि वो अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग दिव्यांगजनों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने में कैसे करेंगे। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि फिलहाल इन्फ्लुएंसर्स को हर सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से मौजूद होने की जरूरत नहीं है, बशर्ते वो दिए गए निर्देशों का पालन करें।

शाह की टिप्पणी पर भडक़े सेवानिवृत्त न्यायाधीश

18 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के समूह ने की गृहमंत्री की निंदा
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार पर दिया था बयान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के एक समूह ने सलवा जुडूम फैसले को लेकर विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया । उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर सहित 18 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के समूह ने यह भी कहा कि एक उच्च राजनीतिक पदाधिकारी द्वारा शीर्ष अदालत के फैसले की ‘‘पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या’’ से न्यायाधीशों पर नकारात्मक प्रभाव पडऩे की आशंका है।
शाह ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रेड्डी पर नक्सलवाद का ‘‘समर्थन’’ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं आता, तो वामपंथी उग्रवाद 2020 तक ही खत्म हो गया होता। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक, न्यायमूर्ति अभय ओका, न्यायमूर्ति गोपाल गौड़ा, न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर शामिल हैं। शाह ने केरल में कहा था, ‘‘ सुदर्शन रेड्डी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने नक्सलवाद की मदद की।

सलवा जुडूम मामले में गलत व्याख्या कि या : पूर्व न्यायाधीश समूह

इन न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया, ‘‘सलवा जुडूम मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की सार्वजनिक रूप से गलत व्याख्या करने वाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला न तो स्पष्ट रूप से और न ही लिखित निहितार्थों के माध्यम से नक्सलवाद या उसकी विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा, किसी उच्च राजनीतिक पदाधिकारी द्वारा उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले की पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंच सकता है।’’

प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट

राजधानी में कमजोर पड़ेगा मानसून

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दोबारा सक्रिय हुए मानसून के बाद बीते तीन दिनों में प्रदेश के दक्षिणी और तराई इलाकों में कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश देखने को मिली है। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए प्रदेश के पूर्वी और तराई के 30 जिलों में मध्यम से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके बाद 26 अगस्त से अगले पांच दिनों के लिए मानसूनी बारिश में कमी आएगी।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार कि 25 अगस्त को यूपी के पूर्वी और तराई इलाके के 30 जिलों में कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश के संकेत हैं। 26 अगस्त से अगले चार-पांच दिनों के लिए मानसूनी बारिश धीमी पड़ेगी। राजधानी में बादलों की सक्रियता से रविवार को हजरतगंज, महानगर, इंदिरानगर, गोमतीनगर, आलमबाग आदि इलाकों में छिटपुट बारिश व बूंदाबांदी देखने को मिली। बारिश के पहले और बाद में बादलों के चलते धूप-छांव का खेल भी देखने को मिला। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी छिटपुट बारिश व बूंदाबांदी के संकेत हैं।

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