तेजस्वी ने दागा सवाल, भाजपा हुई लाल

राजद नेता ने पूछे 10 सवाल, भाजपा-जदयू ने फौरन दिया नेता प्रतिपक्ष को जवाब

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में पक्ष-विपक्ष के दलों के बीच सियासी घमासान जारी है। शनिवार सुबह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 10 सवालों के जरिए नीतीश सरकार पर हमला बोला था। करीब एक घंटे बाद ही भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाईटेड की ओर से इस मुद्दे पर जवाब दिया गया।
भाजपा की ओर से प्रवक्ता नीरज कुमार और जदयू की ओर से प्रवक्ता अभिषेक झा ने वीडियो संदेश जारी कर इन सवालों का जवाब दिया।
गरीब राज्य बनाने का श्रेय लालू-राबड़ी के जंगल राज को : जदयू
४तेजस्वी यादव का सवाल – बिहार सबसे गरीब राज्य क्यों है?
एनडीए का जवाब- बिहार को सबसे गरीब राज्य बनाने का श्रेय लालू-राबड़ी के जंगल राज को जाता है, जहां विकास की जगह भ्रष्टाचार पनपा।
तेजस्वी यादव का सवाल-बिहार में महिलाएं असुरक्षित क्यों हैं?
 एनडीए का जवाब- महिलाओं की असुरक्षा की जड़ राजद के जंगल राज में है, जब अपराधी खुलेआम घूमते थे और कानून का राज नहीं था। आज महिलाएं रात में भी बिना भय के घर से निकलती हैं।
  तेजस्वी यादव का सवाल-बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बेकार क्यों है? ४एनडीए का जवाब- स्वास्थ्य व्यवस्था की बर्बादी राजद शासन की देन है, जहाँ अस्पतालों में मरीज नहीं कुत्ते घूमते थे।
तेजस्वी यादव का सवाल – बिहार में इतना अपराध क्यों है?
एनडीए का जवाब- अपराध की बढ़ोतरी लालू राज में शुरू हुई, जब गुंडे-माफिया राजनेताओं के संरक्षण में फले-फूले।
तेजस्वी यादव का सवाल – बिहार में इतना भ्रष्टाचार क्यों है?
 एनडीए का जवाब- भ्रष्टाचार की नींव राजद ने डाली, जहाँ चारा घोटाले से लेकर हर योजना में लूट मची थी।
तेजस्वी यादव का सवाल-बिहार में इतनी बेरोजग़ारी क्यों है?
एनडीए का जवाब- बेरोजगारी की मजबूरी लालू-राबड़ी के शासन की उपज है ।
तेजस्वी यादव का सवाल-बिहार में पलायन की मजबूरी क्यों है?
एनडीए का जवाब-  पलायन की मजबूरी के राजद के जंगल राज से उपजी, जहाँ रोजगार के नाम पर सिर्फ अपराध और अराजकता थी। आज पलायन में कमी आई है।
तेजस्वी यादव का सवाल-बिहार में स्कूल भवन क्यों नहीं बने?
एनडीए का जवाब- स्कूल भवनों की कमी लालू शासन की वरासत है, जब शिक्षा बजट परिवार की जेब में जाता था। आज लगातार स्कूल भवन बन रहे हैं शिक्षकों की बहाली हो रही है।
तेजस्वी यादव का सवाल- बिहार में नए उद्योग-धंधे क्यों स्थापित नहीं हुए
एनडीए का जवाब- नए उद्योग-धंधे न लगने का कारण राजद का भ्रष्ट तंत्र है, जिसने निवेशकों को डराकर भगा दिया। आज भी निवेशक लालू राज को याद कर डरते हैं,पर फिर भी निवेश आ रहा है।
तेजस्वी यादव का सवाल- बिहार में पलायन की मजबूरी क्यों है?
एनडीए का जवाब- शिक्षा व्यवस्था की चौपट हालत राजद के जंगल राज की देन है, जहाँ स्कूलों में पढ़ाई नहीं, सिर्फ राजनीति होती थी। गुंडागर्दी सिखाया जाता था।
लालू धृतराष्ट्र बन गए हैं : विजय सिन्हा
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लालू प्रसाद यादव पर पुत्रमोह में अंधे धृतराष्ट्र बताते हुए राज्य में अशांति फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे का आरोप लगाया। सिन्हा ने कहा कि बिहारवासी ऐसे प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अब शांति व विकसित बिहार की ओर अग्रसर होंगे। यह टिप्पणी लालू यादव द्वारा पीएम मोदी पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाने के बाद आई है। बिहार के उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा और उन पर बिहार में अशांति फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे का आरोप लगाया। सिन्हा की यह टिप्पणी लालू प्रसाद यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किए गए उस कटाक्ष के जवाब में आई है जिसमें उन्होंने बिहार में वोट मांगते हुए गुजरात में कारखाने लगाने की उनकी मंशा पर सवाल उठाया था। अब बिहारवासी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सिन्हा ने दावा किया कि जिन लोगों ने बिहारियों को पलायन के लिए मजबूर किया और बिहार को बर्बाद किया, वे अब अपने अंतिम चरण में हैं और राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बिहारी अब इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और सामाजिक समरसता के साथ शांति, समृद्धि और विकसित बिहार की ओर आगे बढ़ेंगे।
विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए उसे राक्षसी प्रवृत्ति वाला बताया और कहा कि उसका विनाश अवश्यंभावी है। सिन्हा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई द्वारा एक विवादास्पद पोस्ट शेयर करने के बाद आई है, जिसमें बिहार की तुलना बीड़ी से की गई थी। सिन्हा ने कहा कि जिन लोगों को बिहार के बारे में कोई जानकारी नहीं है, वे राज्य के बारे में मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि देश का इतिहास बिहार के बिना अधूरा है।

बीआरएस में नहीं थम  रही पारिवारिक तकरार

हरीश राव बोले- कविता के आरोपों पर नहीं देना चाहता जवाब
चचेरे भाई ने कहा फैसला उन्हीं पर छोड़ता हूं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। तेलंगाना बीआरएस का पारिवरिक कलह श्ंाात नहीं होर रहा है। बीआरएस विधायक और पूर्व मंत्री टी हरीश राव ने अपनी चचेरी बहन व पूर्व बीआरएस नेता के कविता की तरफ से उनपर लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कोई जवाब नहीं देंगे और इसे कविता की बुद्धिमत्ता पर छोड़ते हैं। विदेश दौरे से लौटने के बाद शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में हरीश राव ने कहा कि मेरी 25 साल की राजनीतिक यात्रा तेलंगाना की जनता के सामने एक खुली किताब की तरह है। कविता ने वही आरोप दोहराए हैं जो कुछ राजनीतिक दल पहले से ही मेरे खिलाफ कर रहे हैं। उन्होंने ऐसा क्यों कहा ये फैसला मैं जनता पर और उन पर छोड़ता हूं।
हरीश राव ने यह भी कहा कि तेलंगाना राज्य की स्थापना में और उसके बाद राज्य के विकास में उन्होंने मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो सभी को पता है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि सीएम रेवंत रेड्डी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार बीते दस वर्षों में केसीआर के नेतृत्व में बनाई गई व्यवस्थाओं को नष्ट कर रही है। इसके साथ ही विधायक राव ने ये भी कहा कि अब मैं अपना समय राज्य को बचाने और जनता की समस्याओं को उठाने में लगाऊंगा। हरीश राव ने यह भी कहा कि वे अन्य बीआरएस नेताओं के साथ मिलकर पार्टी को फिर से मजबूत करने और सत्ता में वापस लाने के लिए काम करेंगे।
ये कहा था के कविता ने
कुछ दिन पहले के कविता को बीआरएस से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने बीआरएस से इस्तीफा दे दिया और विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया। कविता ने पार्टी में बगावत कर अपने चचेरे भाई हरीश राव और एक रिश्तेदार सांसद जे संतोष कुमार पर केसीआर की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने हरीश राव पर परिवार के खिलाफ साजिश रचने का भी दावा किया था। ऐसे में ये बयानबाजी बीआरएस में गुटबाजी और पारिवारिक तनाव को उजागर कर दिया है।

भाजपा सरकार केसमय के झ्ूाठे केस वापस लिए: डीकेशिवकुमार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलरू । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने अपने समर्थकों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कई आपराधिक मामलों को वापस लेने के फैसले का बचाव किया है। वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शिवकुमार की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों के खिलाफ पथराव का मामला दर्ज किया गया था।
शिवकुमार ने कहा कि सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अलावा विभिन्न संगठनों के सदस्यों से जुड़े मामले वापस लिए हैं। कर्नाटक के मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 60 मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। वापस लिए गए मामलों में चित्तपुर में 2019 में हुई पथराव की घटना और शिवकुमार के कथित समर्थकों के खिलाफ मामले शामिल हैं।
यह मामले ईडी द्वारा शिवकुमार की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े हैं। शिवकुमार ने सवाल किया, ‘‘ कई मामले वापस लिए गए हैं, हमने भाजपा के लोगों, कांग्रेस के लोगों के खिलाफ मामले वापस लिए हैं। जब मुझे ईडी ने गिरफ्तार किया तो भाजपा ने जानबूझकर हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कुछ मामले दर्ज किए। इससे पहले कोविड-19 महामारी के दौरान तत्कालीन भाजपा सरकार ने मेरे और मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया तथा हमारे कई नेताओंके खिलाफ मामले दर्ज किए थे। क्या हमें चुपचाप बैठना चाहिए? उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों, और न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दर्ज कई मामले वापस ले लिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यब अकेला मामला नहीं है, हमारी सरकार ने सैकड़ों मुकदमे वापस लिए हैं। सभी दलों के लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए गए हैं। हमने भाजपा के अनुरोध पर भी मामले वापस ले लिए हैं, यहां तक ??कि रायता संघ (किसान संगठन या निकाय) और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामले वापस लिए हैं।

प्राइवेट कंपनियां बनीं गैरजिम्मेदार शहर में पटा कूड़े का अंबार

भारी-भरकम भुगतान से हो रही मालामाल, सदन तक पार्षदों ने मुद्दा उठाया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सफाई व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नगर निगम द्वारा प्राइवेट कंपनियों को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और सफाई का ठेका देने के बावजूद हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं।
शहर के अलग-अलग इलाकों में कूड़े के ढेर लग गए हैं। स्थिति यह है कि कई स्थानों पर पार्षदों के घर से भी कूड़ा उठ नहीं पाया। स्वच्छता सर्वेक्षण में लखनऊ की रैंकिंग लगातार गिर रही है। कभी टॉप-10 में आने का सपना देखने वाला शहर अब पीछे खिसकता चला जा रहा है। नगर निगम के रिकॉर्ड में साफ-सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाए जाते हैं, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। आम जनता का सवाल है कि आखिर ये प्राइवेट कंपनियां किसकी हैं, जिन्हें भारी-भरकम भुगतान तो किया जा रहा है, लेकिन लापरवाही के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं होती? लोगों का कहना है कि शहर का कूड़ा अब नगर निगम के लिए ‘हीरे से भी ज्यादा महंगा’ साबित हो रहा है। सदन तक पार्षदों ने मुद्दा उठा दिया। सदस्यों ने एलएसए कम्पनी का ठेका निरस्त करने की मांग की।

डोटासरा कांग्रेस केबिगड़ैल नेता: राठौर

राजस्थान केदो प्रदेश अध्यक्षों में जुबानी जंग तेज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान की सियासत में एक बार फिर दो प्रदेश अध्यक्षों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। अब एक बार फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह पर कड़ा प्रहार किया है। मदन राठौड़ ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को बिगड़ैल नेता बताया है।
प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में आज मदन राठौड़ पहुंचे, इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह एक अच्छा व्यक्ति था, लेकिन अब वह बिगड़ गए, अपने व्यक्तित्व को समाप्त करने के लिए आत्मघाती कदम ना उठाएं, मैं उनके साथ विधानसभा में था हम यह मानते थे कि एक उभरता हुआ नेता है, ठीक ढंग से अपनी प्रतिभा विकसित कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वह विपक्ष में भी अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहा है, शब्द चयन में भी गिरावट आ गई, यह लोकतंत्र में ठीक बात नहीं, उसके बाद सदन में जाना नहीं, अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात करना, फिर उनके ही नेता ने कोई अच्छी बात कह दी तो उसके खिलाफ अखबारों में बयान देकर उसे प्रताडि़त करना।
आगे उन्होंने कहा कि राजेंद्र पारीक ने सही बात कहीं यदि उन्होंने कुछ गलत कहा तो उनसे सीधी बात करनी चाहिए थी, पार्टी प्लेटफार्म पर बात होनी चाहिए थी, राजेंद्र पारीक वरिष्ठ नेता है, उनका सार्वजनिक रूप से अपमानित करना ठीक नहीं है. मदन राठौड़ तंज करते हुए यही नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि जैसे गहलोत साहब ने सचिन पायलट के लिए नाकारा निकम्मा शब्द इस्तेमाल किया, उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया, वह कभी एक नहीं हो पाएंगे, वैसे ही राजेंद्र पारीक के भी दिमाग में आएगा, वह स्वाभिमानी आदमी है उनको भी लगेगा यह डोटासरा ठीक नहीं है यह संगठन बिखरेगा।
डोटासरा ने विस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी
दरअसल कल पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अगले बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी और इस दौरान उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक राजेंद्र पारीक को लेकर कहा कि उन्हें पार्टी लाइन के विपरीत नहीं जाना चाहिए। डोटासरा ने राजेंद्र पारीक को मीडिया के माध्यम से नसीहत दी थी, इसके बाद आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने डोटासरा के बयान का पलटवार किया है, वहीं अब इस मामले में डोटासरा के बयान का भी इंतजार रहेगा।

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