उप-राष्ट्रपति चुनाव एनडीए में घबराहट

- सरकार को अंदरूनी बगावत का खतरा!
- एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की नजर से न देखा जाए उप-राष्ट्रपति चुनाव
- चन्द्रशेखर और बेनीवाल का मिला समर्थन
- पिछले चुनावों में भी विपक्ष को मिले थे संख्याबल से ज्यादा वोट
- आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक नए संसद भवन में हो रही है वोटिंग
- देर शाम तक आ जाएंगे नतीजे सीक्रेट बैलेट पद्धति से डाले जा रहे हैं वोट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के इस्तीफा देने के दो महीने 21 दिन बाद आज उप-राष्ट्रपति पद पर हो रहे चुनाव में वोट डाले जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधी लड़ाई है। कांग्रेस का दावा है कि उसकी सधी रणनीति के चलते एनडीए की घबराहट चाराहे पर दिखाई दे रही है। कांग्रेसी सांसद इमरान मसूद ने कहा है कि पहले सिर्फ आदेश जारी कर दिया जाता था लेकिन इस बार मीटिंग और दौड़भाग बता रही है कि उन लोगों में हार का डर है। कुल मिलाकर मुकाबला दिलचस्प है। संख्या बल को देखें तो एनडीए उम्मीदवार जीत के ज्यादा करीब है लेकिन पिछले कुछ समय से जारी गुटबाजी और राजनीतिक घटनाओं का आंकलन करे तो मुकाबला कांटे का है। इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पिछले चुनाव से ज्यादा वोट पा जाते हैं तो भी इसे गठबंधन अपनी जीत के तौर पर पेश करेगा। इंडिया गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वोटिंग से ठीक पहले उन्होंने सांसद हनुमान बेनीवाल और सांसद चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात की और अपने पक्ष में समर्थन करने की अपील की। दोनों सांसदों के साथ मुलाकात के बाद सुदर्शन रेड्डी ने दावा किया कि उनकी जीत निश्चित है। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों सांसदों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे हर कदम पर अपना समर्थन दिया। मैं इसे एक आशीर्वाद मानता हूं और अब मेरे हाथ और मजबूत हो गए हैं। मुझे लगता है कि जीत निश्चित है।
राजनीतिक दलों का नहीं है चुनाव
बी. सुदर्शन रेड्डी ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि उप-राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव को एनडीए बनाम इंडी गठबंधन के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा राजनीति से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है अगर होता तो शायद मुझे इन लोगों से समर्थन नहीं मिलता।
तटस्थ लोगों का मिल रहा है समर्थन
रेड्डी ने कहा कि उन्हें ऐसे सांसदों की ओर से भी समर्थन मिल रहा है जो एनडीए या फिर इंडिया ब्लॉक में भी नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का जिक्र करते हुए कहा कि वे न ही इंडिया ब्लॉक में हैं और न ही एनडीए में हैं। सांसद हनुमान बेनीवाल और चंद्रशेखर आजाद से मिले समर्थन पर उन्होंने आभार जताया और कहा कि ये दोनों सांसद इंडिया ब्लॉक और एनडीए में नहीं हैं फिर भी मेरा समर्थन कर रहे हैं।
जनता की आंखों में सवाल
आम नागरिक के लिए उपराष्ट्रपति का चुनाव कभी भी चर्चा का विषय नहीं रहा। लेकिन इस बार इस चुनाव पर भी जनता की उतनी ही नजरे हैं जितनी प्रधानमंत्री के चुनाव पर होती है। हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाहता है कि पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ को चलते सत्र में क्यों हटाया गया। शायद जनता भी इस बार विपक्ष के उम्मीदवार को जीतते हुए देखना चाहती है। लेकिन असली सवाल यही है कि क्या लोकतंत्र का यह स्तंभ भी जनता के भरोसे पर खरा उतर रहा है? क्या उपराष्ट्रपति केवल सत्ता का प्रवक्ता बनकर रह जाएगा या वह निष्पक्ष होकर सदन को चलाएगा? यही वह सवाल है जो जनता की आंखों में चुभता है।
पीएम मोदी, सोनिया गांधी, राहुल ने डाले वोट
15वें उपराष्ट्रपति के लिए मंगलवार को मतदान जारी है। पीएम मोदी ने पहला वोट डाला। कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, शशि थरूर, अखिलेश याव ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन पहुंचकर मतदान किया। इस दौरान कांग्रेस के अन्य सांसद भी उनके साथ दिखे। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह ने मतदान किया। प्रियंका गांधी और मल्लिाकार्जुन खरगे भी मतदान किया।
हम रेड्डी को समर्थन करेंगे : बेनीवाल
वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हमारी पार्टी बी. सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करेगी और 9 सितंबर को हम उनके पक्ष में वोट करेंगे। यह किसानपुत्र हैं और हम भी किसान हैं। किसानों और जवानों के लिए हमने पार्टी बनाई। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उन्हें वोट कर रहा हूं। इनकी कलम से किसान जवानों के लिए अच्छे फैसले आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि रेड्डी उपराष्ट्रपति बनते हैं तो राज्यसभा की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाएंगे। राज्यसभा में ऐसे विद्वान व्यक्ति आते हैं तो मुझे यकीन है कि समाज के अंतिम छोर तक न्याय सुनिश्चित होगा। राज्यसभा के अंदर उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जिनका देश इंतजार कर रहा है। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज के चुनाव में बी. सुदर्शन रेड्डी की जीत निश्चित है ।
नतीजे से आगे का रास्ता
इस चुनाव के नतीजे जो भी हों, पर असली जंग यहीं खत्म नहीं होगी। यह तो बस उस बड़े संघर्ष का हिस्सा है जो संसद से लेकर सड़क तक लड़ा जा रहा है। जनता महंगाई, बेरोजगारी और असमानता से जूझ रही है और नेता उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर माथापच्ची कर रहे हैं। लेकिन लोकतंत्र का सच यही है हर कुर्सी पर बैठा शख्स जनता के जीवन को प्रभावित करता है।
संघर्ष का असली मतलब
यह चुनाव केवल जीत या हार का हिसाब नहीं है। यह इस बात का संघर्ष है कि लोकतंत्र में संस्थाएं किसकी ओर झुकेंगी। यदि उपराष्ट्रपति भी सत्ता के इशारों पर चलने लगे तो राज्यसभा विपक्ष के लिए महज एक कठपुतली मंच बन जाएगी। और यदि विपक्ष यहां संघर्ष का प्रतीक गढ़ देता है तो भले ही वह चुनाव हार जाए लेकिन लोकतंत्र के भीतर प्रतिरोध की आग बची रहेगी।
संख्याबल और सियासी समीकरण
लोकसभा और राज्यसभा के कुल सांसद इस चुनाव में मतदान करते हैं। बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास संख्या अधिक है पर राजनीति केवल अंकों का खेल नहीं है। यह संदेश का खेल भी है। यही वजह है कि विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। आज के चुनाव में सबसे अहम है क्रॉस वोटिंग।
हम रेड्डी को समर्थन करेंगे : बेनीवाल
वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हमारी पार्टी बी. सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करेगी और 9 सितंबर को हम उनके पक्ष में वोट करेंगे। यह किसानपुत्र हैं और हम भी किसान हैं। किसानों और जवानों के लिए हमने पार्टी बनाई। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उन्हें वोट कर रहा हूं। इनकी कलम से किसान जवानों के लिए अच्छे फैसले आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि रेड्डी उपराष्ट्रपति बनते हैं तो राज्यसभा की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाएंगे। राज्यसभा में ऐसे विद्वान व्यक्ति आते हैं तो मुझे यकीन है कि समाज के अंतिम छोर तक न्याय सुनिश्चित होगा। राज्यसभा के अंदर उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जिनका देश इंतजार कर रहा है। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज के चुनाव में बी. सुदर्शन रेड्डी की जीत निश्चित है ।




