मुख्तार ने कहा मेरे ऊपर लगे सभी आरोप निराधार व राजनीति से प्रेरित हैं
लखनऊ। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एंबुलेंस मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बाराबंकी के विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान बाहुबली मुख्तार अंसारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर जज के सामने बांदा जेल की बैरक में टीवी लगाने की मांग उठाई है।
एंबुलेंस मामले की सुनवाई जस्टिस कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में हुई। मुख्तार अंसारी ने जज से खुद को आरोप मुक्त करने की अपील की। इस पर कोर्ट ने मुख्तार को अपना लिखित बयान दाखिल करने को कहा, उसके बाद उचित फैसला लिया जाएगा। मुख्तार ने कहा कि मैं 25 साल से विधायक हूं और किसी भी माननीय को निरुद्ध समय के दौरान उच्च श्रेणी की सुविधाएं मिलती हैं।
बाहुबली मुख्तार अंसारी ने कहा कि जेल नियमावली की धारा 270 के तहत मुझे भी उच्चतम श्रेणी की सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए है। न्यायिक हिरासत में सभी सुविधाएं प्रदान करवाना अदालत की जिम्मेदारी है। अब मामले की सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
इससे पहले भी मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश किया गया था। फिर उन्होंने कोर्ट में कहा कि जैसे ही मैं कोर्ट से बाहर आऊंगा, सरकार मुझे मार डालेगी। चित्रकूट जैसी घटना को अंजाम देकर सरकार मुझे मार डालेगी। आपको बता दें कि मुख्तार के आपराधिक साम्राज्य की जांच के लिए योगी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. बाहुबली मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में खुद को बेगुनाह बताया था। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ राजनीति के तहत कई मामले लिखे गए हैं। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वकील को वकालतनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि मुख्तार के हस्ताक्षर के बाद वकालतनामा को अदालत में पेश किया जाएगा।
बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि वह मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की एंबुलेंस का इस्तेमाल फर्जी दस्तावेजों पर कर रहे थे। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम ने मऊ जाकर प्राथमिकी में नामजद डॉ. अलका का बयान दर्ज किया। डॉक्टर अलका ने अपने बयान में मुख्तार अंसारी के खिलाफ पुलिस की समझ में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने डॉक्टर अलका के बयान व लिखित शिकायत के आधार पर मामले में मुख्तार व उसके कुछ गुर्गों के नाम दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है।