‘द ताज स्टोरी’ को लेकर विवाद, निर्देशक तुषार अमरीश गोयल ने दी सफाई
बॅालीवुड अभिनेता परेश रावल इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ को लेकर सुर्खियों में हैं। यह फिल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें परेश रावल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बॅालीवुड अभिनेता परेश रावल इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ को लेकर सुर्खियों में हैं। यह फिल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें परेश रावल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि,फिल्म की रिलीज से पहले ही यह एक विवाद में घिर गई गई है।
परेश रावल की फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ इन दिनों चर्चा में है. इसपर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का और इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर उसे पेश करने का आरोप लग रहा है. हालांकि पहले परेश रावल और अब फिल्म के निर्देशक और लेखक तुषार अमरीश गोयल ने पूरे मामले पर सफाई दी है. उन्होंने साफ किया है कि ये फिल्म किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है. तुषार ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें पूरे विवाद पर अपना पक्ष रखा है.
वीडियो में तुषार कहते हैं, “कल जो पोस्टर रिलीज़ हुआ उस पर काफी ज्यादा विवाद उत्पन्न हो गया है. उस पोस्टर से हमारे कुछ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक भावनाएं आहत हो गई हैं. उन्होंने पोस्टर पर विवाद खड़ा कर दिया है. मैं ये कहना चाहता हूं कि हमारा ऐसा बिल्कुल भी उद्देश्य नहीं कि हम किसी की भावनाओं को आहत करें.”
पोस्टर पर विवाद
दरअसल बीते रोज़ परेश रावल ने इंस्टाग्राम पर फिल्म का एक मोशन पोस्टर रिलीज़ किया था. इसमें परेश रावल ताजमहल की गुंबद को उठाते दिख रहे हैं और जब वो गुंबद उठाते हैं तो उसमें से भगवान शिव की एक प्रतिमा बाहर निकलती दिखाई देती है. इसके साथ परेश ने कैप्शन में लिखा है, “क्या हो अगर आपको अब तक जो भी सिखाया गया, वो झूठ निकले तो? सच सिर्फ छिपा हुआ ही नहीं है, बल्कि उसे जज भी किया गया है.” इस पोस्टर के आते ही विवाद खड़ा हो गया.
तुषार आगे इस बात को ज़ोर देते हुए कहते हैं कि उनकी फिल्म एक एंटरटेनमेंट के मकसद से बनाई गई है. वो कहते हैं, “ये फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ पूरी तरह से एंटरटेनमेंट पर आधारित और इसे एंटरटेनमेंट के लिए ही बनाया गया है, जिस तरह से आप जॉली एलएलबी में एक बहस देखकर आए होंगे. उसी तरह से ताज स्टोरी में भी उसी तरह की एक बहस दिखाई गई है. ताजमहल पर बहस, ताजमहल के इतिहास पर बहस.”
“फिल्म तथ्यों पर आधारित”
तुषार ने कहा, “फिल्म में जो भी बहस दिखाई गई है और पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है. इसमें कुछ भी काल्पनिक या मनगढ़ंत नहीं दिखाया गया है. हमारी फिल्म, ताजमहल एक मंदिर है, उसके नीचे शिव मंदिर है या तेजुमहालय है, इस तरह का कुछ दावा नहीं करती है. इसलिए आप लोग निश्चिंत रहिए. ये फिल्म सिर्फ एक एंटरटेनमेंट पर आधारित फिल्म है, कोई प्रोपेगैंडा मूवी नहीं है कि किसी पार्टी को ये सपोर्ट करे या किसी व्यक्ति विशेष को ये सपोर्ट करे. इसलिए आप इस फिल्म को 31 अक्टूबर को देखकर आइए.”


