भाजपा को बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्या ने दिया इस्तीफा

भाजपा सरकार पर लगाया दलितों-पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप, राज्यपाल को भेजा त्यागपत्र

बसपा छोडक़र भाजपा में हुए थे शामिल, कुछ और विधायक छोड़ सकते हैं भाजपा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। विधान सभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। आज भाजपा को बड़ा झटका देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्या ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपना इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि वह जल्द ही सपा का दामन थाम सकते हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।

उन्होंने कहा कि वे एक दो दिन में बताएंगे कि वे किस पार्टी में जाएंगे। हालांकि पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी स्वामी प्रसाद मौर्या भाजपा को छोडक़र सपा का दामन थाम सकते हैं। बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्या से सीधे सपा प्रमुख से बातचीत हुई है। स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता है और इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपने तरफ मोडऩे में लगे हैं। वे पिछड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अभियान छेड़ रखा है। स्वामी प्रसाद मौर्या ने दावा किया है कि अभी एक दर्जन से अधिक विधायक भाजपा को छोड़ेंगे।

सपा प्रमुख अखिलेश ने किया स्वागत

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्या का स्वागत करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लडऩे वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा।

दिल्ली में तय होगा यूपी के भाजपा उम्मीदवारों का भविष्य, दिग्गज कर रहे मंथन

  • भाजपा कोर कमेटी की बैठक, कई विधायकों का कट सकता है टिकट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। विधान सभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच गया है। प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा रणनीति बनाने में जुटी है। यूपी के भाजपा उम्मीदवारों का भविष्य तय करने के लिए लखनऊ के बाद अब दिल्ली में दिग्गजों का मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए आज भाजपा कोर कमेटी की बैठक चल रही है। माना जा रहा है कि जनता के बीच भाजपा सरकार के आक्रोश को कम करने के लिए शीर्ष नेतृत्व खराब रिकॉर्ड वाले अपने विधायकों का टिकट काट सकती है। विधान सभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक हो रही है।

इस बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल भी मौजूद हैं। इससे पहले कल लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में चुनाव समिति की बैठक हुई थी। बैठक में प्रदेश चुनाव समिति के सामने 58 सीटों के दावेदारों के नाम दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि आज दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इन पैनलों में शामिल नामों पर चर्चा कर 15-16 जनवरी तक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो मौजूदा विधायकों में से तकरीबन 25 फीसदी चेहरे बदले जा सकते हैं। हालांकि इसका फाइनल फैसला भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा। जिन मौजूदा विधायकों ने परफार्म सही नहीं किया, ऐसे विधायकों का टिकट कट सकता है।

धर्म संसद के सवाल पर भडक़े केशव मौर्य, माइक फेंका

  • बीबीसी का दावा, जबरन डिलीट कराया फुटेज
  • रायपुर और हरिद्वार धर्म संसद में हुई थी भडक़ाऊ बयानबाजी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर बीबीसी हिंदी ने आरोप लगाया कि एक इंटरव्यू के दौरान जब डिप्टी सीएम से धर्म संसद को लेकर सवाल पूछा गया तो वह भडक़ गए। उन्होंने इंटरव्यू के बीच में ही माइक उतारकर फेंक दिया और अपने सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर इंटरव्यू की फुटेज डिलीट करा दी, जिसे बाद में रिकवर कर लिया गया।
बीबीसी हिंदी को दिए इंटरव्यू में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से हरिद्वार और रायपुर में हुई धर्म संसदों पर सवाल पूछा गया था। इसके पहले मौर्य ने कहा था कि धर्माचार्यों को अपने मंच से अपनी बात कहने का अधिकार है। धर्म संसद भाजपा की नहीं थी। संत अपनी बैठक में क्या बात करते हैं ये उनका विषय हैं और जो उनके मंच से उचित बात होती है वही संत कहते हैं।

मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा नहीं लड़ेंगे विधान सभा चुनाव

  • राष्ट्रीय महासचिव ने किया ऐलान, सरकार बनाने का जताया भरोसा
  • सभी 403 विधान सभा सीटों पर पार्टी उतारेगी प्रत्याशी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। विधान सभा की तारीख घोषित होने के बाद प्रदेश का सियासी पारा गर्म हो गया है। मायावती के चुनाव लडऩे को लेकर बसपा ने अपने पत्ते खोल दिए है। पार्टी के राष्टï्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने ऐलान किया है कि वे और बसपा प्रमुख विधान सभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी।

बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मैं भी विधान सभा के चुनावी मैदान में नहीं उतरूंगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बसपा के प्रत्याशी 403 सीट पर लड़ेंगे। उनका दावा है कि प्रदेश में न तो सपा सत्ता में आएगी और न भाजपा। प्रदेश में बसपा ही सरकार बनाने जा रही है। जो पार्टी अकेले सभी सीट पर अपने प्रत्याशी उतार रही है, उसकी जीत तय है। उसके नेता तथा कार्यकर्ता बेहद सक्रिय होकर मैदान में डटेंगे।

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