महागठबंधन में जोश भरने की तैयारी, कांग्रेस चुनाव प्रचार में उतारने जा रही UP संगठन की टीम

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अंत तक तनाव की स्थिति बनी रही. हाल यह रहा कि निर्धारित सीटों पर ज्यादा उम्मीदवार उतार दिए गए हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर जिस तरह की स्थिति बनी उससे गठबंधन के घटक दलों में खटास बन गई. नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार में तेजी लाने के मकसद से कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन को बिहार चुनाव में उतरने का निर्देश दिया है.
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में अंत तक असमंजस की स्थिति रही. बिहार चुनाव में लड़ने का ऐलान कर चुके झारखंड मुक्ति मोर्चा को उम्मीद के मुताबिक सीट नहीं मिलने पर चुनाव से हटने का ऐलान करना पड़ा. मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी कम सीटें मिलने से नाराज है. चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से अब तक राहुल गांधी और तेजस्वी की कोई साझा रैली भी नहीं हुई है. टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस के अंदर ही कई बड़े नेता नाराज हैं और चुनाव प्रचार को लेकर खासा उत्साह नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए महागठबंधन में नए सिरे से जोश भरने की कोशिश की जा रही है.
उत्तर प्रदेश से संगठन के लोग जाएंगे बिहार
अब सीट बंटवारे के बाद महागठबंधन के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं. इसकी शुरुआत करते हुए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के संगठन को बिहार के सटे हुए जिलों में कांग्रेस की जगह महागठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार प्रसार का जिम्मा सौंपा है. कांग्रेस के राष्ट्राय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.
पार्टी आलाकमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के संगठन को पश्चिमी चंपारण में चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है. जबकि गोपालगंज में कुशीनगर की टीम तो पूर्वी चंपारण जिले में गोरखपुर की टीम काम करेगी. सीवान में देवरिया की टीम जाएगी. इसी तरह यूपी के मऊ जिले से भोजपुर, बलिया से सारण, गाजीपुर से रोहतास, वाराणसी से बक्सर, चंदौली से कैमूर (भभुआ) कांग्रेस की टीम जाएगी.
राहुल-खरगे ने की खटास खत्म करने की पहल
राम नगरी अयोध्या और प्रयागराज से कांग्रेस की टीमें पटना जाएगी. इसी तरह बस्ती से गोपालगंज, आंबेडकर नगर से भोजपुर, सुल्तानपुर से रोहतास, जौनपुर से वैशाली, कौशांबी से नालंदा, भदोही से जहानाबाद, मिर्जापुर से गया और सोनभद्र जिले की टीम औरंगाबाद में जाकर वहां के पार्टी संगठन के साथ मिलकर काम करेंगे और उन्हें सहयोग करेंगे.
महागठबंधन में बनी खटास को खत्म करने की कवायद के बीच राहुल और खरगे ने पहल की है और अब इसका असर भी दिखने लगा है. कल गुरुवार को अरसे बाद पटना में महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की भी तैयारी की जा रही है. माना जा रहा है कि इस पीसी के जरिए सभी दलों के नेता सीट बंटवारे में आपसी समन्वय की कमी को स्वीकार करेंगे, साथ ही कई सीटों पर एक- दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार वापस लेने का और भविष्य के साझा प्रचार अभियान का भी ऐलान भी कर सकते हैं.

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