कुत्तों के काटने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- विदेशों में देश की छवि हो रही खराब, केंद्र समेत सभी राज्य सरकारों से मांगा जवाब

कुत्तों पर नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्यों के वकीलों से कहा कि आप लोग ख़बरें नहीं देखते. सोशल मीडिया तो देखते होंगे. मजाक बना रखा है, लोग परेशान हैं. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जाहिर की है. जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और विदेशों में देश की छवि ख़राब हो रही है. हम भी खबरें पढ़ रहे हैं.
आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को 3 नवंबर को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कोर्ट के आदेश के बाद अभी तक क्यों नहीं जवाब दाखिल किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेशों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई है.
वहीं तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और एमसीडी दिल्ली ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को एनजीओ को बताया कि वह इस मामले में पार्टी बनना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने रजिस्ट्री में पैसा जमा करा दिया है.
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल तीन अनुपालन हलफनामे दाखिल किए गए हैं, लेकिन रिकॉर्ड में नहीं हैं वे तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और एमसीडी हैं. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए गए हैं.
सभी अगले सोमवार सुबह 10:30 बजे इस अदालत में उपस्थित हों और स्पष्टीकरण दें कि हलफनामे क्यों नहीं दाखिल किए गए और यहां उल्लिखित तीनों की ओर से कोई प्रतिनिधित्व भी क्यों नहीं किया गया.
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि हाईकोर्ट से एक और मामला आया है. अब सभी मामले यहां हैं. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि हमारे पास किसी भी राज्य द्वारा अनुपालन हलफनामा नहीं है. एक वकील ने कहा कि एमसीडी (दिल्ली), तेलंगाना, पश्चिम बंगाल ने भी दायर किया है. लूथरा ने कहा कि हमें अभी तक कोई हलफनामा नहीं दिया गया है.

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